दोहे
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इक चाँद
बहुत दूर है, इक है हमरे पास
इक बदली
में है घिरा, इक है बहुत उदास
इक सावन
है वेदना, इक है हर्ष विकास
विरह
अगन कोई जली, कोई प्रियतम पास
इक सौंदर्य
दिखावटी ,इक का भीतर वास
इक क्षणभंगुर
होत है , अरु इक फले कपास
इक बंदा
बहु ख़ास है, इक का जीवन आम
इक है
बस शाने ख़ुदा, इक ले हरि का नाम
धरती
के दो रूप हैं, इक माँ इक संसार
इक प्यारी
ममतामयी,इक पोषण आधार
मीरा
का समर्पण इक , इक राधा का प्यार
क्यों
ना हों संपूर्ण जब, कृष्ण भये आधार
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सर्वाधिकार
सुरक्षित/ त्रिभवन कौल
Laxmanprasad Raamaanuj Ladiwala भावपूर्ण दोहें रचने के लिए हार्दिक बधाई श्री त्रिभुवन क़ौल साहब
ReplyDeletevia fb/YUSM on 27-05-2015
दिनेश पाण्डेय वाह वाह आदरणीय अद्भुत एवं अद्वितीय एवं भावनाओं से परिपूर्ण सृजन के लिए हार्दिक बधाई एवं लेखन को नमन।
ReplyDeletevia fb/YUSM on 27-05-2015
Rajmishra Mishra Raj Pbh 9:38pm May 27
ReplyDeleteवाह क्या कहना है आपका अतीव सुंदर कृति जय माँ शारदे
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DrHemlata Suman 9:31pm May 27
भावपूर्ण दोहें रचने के लिए हार्दिक बधाई सर....
...नमन आपको
via fb/YUSM
Kirti Singh 11:10pm May 27
ReplyDeletebeautiful sir..
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Chanchlesh Shakya 10:09pm May 27
वाह
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DrArchana Gupta 10:07pm May 27
वाह्ह्ह्ह्ह्ह् लाजवाब
via fb/YUSM
Om Prakash Shukla 7:47am May 28
ReplyDelete।। सुन्दरतम् ।।
via fb/YUSM
Manoj Kamdev Sharma 1:27pm Jun 15
ReplyDeleteधरती के दो रूप हैं, इक माँ इक संसार
इक प्यारी ममतामयी,इक पोषण आधार bahut khoob sir
via fb/kavitalok
Aradhana Prasad वाह्ह
ReplyDeleteJune 15 at 5:59pm
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Nilam Srivastava वाहह बहुत खूब
June 15 at 6:00pm
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Manjusha Mitra वाह जी वाह
June 15 at 6:00pm
via fb/kavody
मां आनन्द प्रदीपा 9:32pm Jun 15
ReplyDeleteसुंदर|
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Kumar Adesh Chaudhary 8:54pm Jun 15
Bhut hi sundar evam prshansneey..........
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Rekha Joshi 7:51pm Jun 15
धरती के दो रूप हैं, इक माँ इक संसार
इक प्यारी ममतामयी,इक पोषण आधारbahut khub
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Neeru Agarwal 6:35pm Jun 15
बेहतरीन
via fb/kavyody
Pradnya Kaithwas 5:08pm Jun 16
ReplyDeleteइक सौंदर्य दिखावटी ,इक का भीतर वास
इक क्षणभंगुर होत है , अरु इक फले कपास..... सुहावन कथन !
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रामकुमार चतुर्वेदी 4:42pm Jun 16
सुंदरम् ..जय हो
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ReplyDeleteSharda Madra वाह अति सुंदर
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Aman Srivastav सर आपकी रचना सीधे दिल को छु जाती है..
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