Monday 30 July 2018

दुपदी (Couplet)

सोचने से केवल, तकदीर नहीं बदला करती

हों कर्म सार्थक , रेखायें जीवित हो जाती हैं।।

sochne se kewal, takdeer nahi badala karti 

hon krm saarthak, rakhayen jeevit ho jaati hain .
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल

Monday 23 July 2018

गीतिका

https://www.youtube.com/watch?v=_544mrdf_ag

हादसों पर बिके सब समाचार हैं
मगज़वाले सभी बहुत बेज़ार हैं ?

हर किसी के लहू में सियासत रमी
ज़िंदगी पर मौत अब घुड़सवार है

साज़िशें बादलों की फ़ना हो गयी
बिजली को चमकने से इंकार है ?

हो गये सब नज़ारे भयानक यहाँ
ज़लज़लों की उपेक्षा सुआचार है ?

गुज़र त्रिभवन इसी भयानक दौर से
धरम की ओट में  धर्म पर वार है ।।
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल

Friday 20 July 2018

भारत मेरा महान


 भारत मेरा महान
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" हिन्दू पाकिस्तान ! " "हिन्दू तालेबान !"
बड़बोलों का देश बना यह
भारत मेरा महान  ?

एक "पड़ोसी अच्छा " कहता  !
दूजा " जाओ पाकिस्तान "  !
भारत मेरा महान  ?

" टुकड़े तेरे हज़ारों होंगे " !
भटके, जारी करें फरमान
भारत मेरा महान

अफवाओं पर हत्यायें
फतवों पर घमासान
भारत मेरा महान

नृशंसता नारी झेलती  
भूल चुके अभिमान
भारत मेरा महान  ?

दलित, किसान , नौकरी , पेशा
मुद्दे हुए.  ना होंगे आसान
मेरा भारत महान

दुश्मन घर के अंदर- बाहर
भविष्य बना इम्तिहान ?
भारत मेरा महान

असमंजस में जनता
खोयी है पहचान
भारत मेरा महान

सिख, मुस्लिम, हिन्दू हूँ मैं ?
या हूँ हिन्दुस्तान ?
भारत मेरा महान ?
भारत मेरा महान !
भारत मेरा महान।
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सर्वधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल 

Tuesday 17 July 2018

Silence



Silence is golden
hush, the buzzword
noise gets frozen.

Silence is deafening
martyr’s pyre , waiting to lit
goodbye, last post sounding. 

Silence is absolute
cats out of the bag
ministers' hearts sag.

Silence is corrupt
abetted by the hammer
justice denied to an innocent.

Silence is routine
scams after scams
yet none loses sheen.

Silence is love
lips move not
yet they talk.

Silence is pain
at a candle march
for an act insane.
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All rights reserved/Children of Lost Gods/Tribhawan Kaul

वर्ण पिरामिड (67-68)


वर्ण पिरामिड (शीर्षक  रूप /सुंदरता)

है
रूप
इंसानी
व्यवहार
क्षणभंगुर
सौन्द्रीयकरण
बाहरी आवरण।।
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है
रूप
नयन
अभिलाषी
व्यक्ति निखार
सीरत शोभित
श्लाघनीय श्रृंगार।।
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल

Monday 16 July 2018

मित्रों , "मेरी गौरैया" रचना का काव्य पाठ

मित्रों , "मेरी गौरैया" रचना का काव्य पाठ पर्पल पेन द्वारा दिनांक ०८ जून २०१८ तो हिंदी भवन , दिल्ली में आयोजित 'स्पंदन' काव्य गोष्ठी में ट्रू मीडिया के चैनल द्वारा यूट्यूब पर प्रसारित किया गया। आपके अवलोकन के लिए सादर प्रेषित। Please click the link. Thank you.


Saturday 14 July 2018

'पर्पल पेन काव्य गोष्ठी 'स्पंदन'


'पर्पल पेन काव्य गोष्ठी 'स्पंदन' का आयोजन दिनांक ०८ जून २०१८ को प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में किया गया जिसमे आपके मित्र को भी काव्य पाठ करने का अवसर मिला। यह आयोजन पर्पल पेन की संस्थापक एवं प्रबंधक सुश्री वसुधा कनुप्रिया के प्रबंधन के आधीन किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामकिशोर उपाध्याय जी, डाॅ. चंद्रमणि ब्रह्मदत्त जी और श्री ओम प्रकाश प्रजापति (मुख्य संपादक -संस्थापक , ट्रू मीडिया) इस आयोजन के अध्यक्ष एवं विशिष्ट अतिथि रहे। काव्य गोष्ठी का संचालन दक्षता से सुश्री निशि शर्मा जिज्ञासु ने किया । उसी कार्यक्रम के मित्रों द्वारा उपलब्ध कराये गए कुछ छाया चित्र आपको सादर प्रेषित हैं।
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Tuesday 10 July 2018

मेरी गौरैया


मेरी गौरैया
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मेरी गौरैया  बच कर रहियो
यहाँ दरिन्दे आम हैं
ना उनके बेटी ना उनकी बहना
उनका संगी काम  है ।

पहन मुखौटे तरह तरह के
सब को यह भरमाये हैं
मानवी रिश्तों का मोल नहीं 
राक्षसों के यहाँ जाए हैं ।

मानसिकता है गिरी हुई
चेतना शुन्य लोग यहाँ
इनसे बचके रहना गौरैया
नोचने को तत्पर यहाँ ।

इन गिद्दों से बच कर रहना
आकाश में मंडराते हैं 
जहाँ  देखी इकली गौरैया
झपटा मार ले जाते हैं ।

छतरी के नीचे कब तक रखूँ  मैं
आखिर बाहर निकलना है 
लड़ना मरना सीख ले गौरैया
अब तो यही तेरा गहना है ।

निर्भया संस्कृति दिव्या
गीता हो या आसिफा
कब तक भोग्या बन रहेंगी
भारत की ऐसी बेटियां
पंजों को तू पैने कर ले
पंखों को तू डैने कर ले
समाज नपुंसक तब भी अब भी
कुत्तों का तू पौरुष हर ले ।

एक गौरैया  निर्भया भी  थी 
जागृत कर, जो विलीन हो गई
मशाल बन तुम, जलते रहना
जो  अपना अस्तित्व बचाना है ।

मेरी गौरैया  बच कर रहियो
यहाँ दरिन्दे आम हैं
ना उनके बेटी ना उनकी बहना
उनका संगी कामहै । ।
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सर्वधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
https://hindi.sahityapedia.com/?p=98137