https://www.youtube.com/watch?v=_544mrdf_ag
हादसों पर बिके सब समाचार हैं
हादसों पर बिके सब समाचार हैं
मगज़वाले सभी बहुत बेज़ार
हैं ?
हर किसी के लहू में
सियासत रमी
ज़िंदगी पर मौत अब घुड़सवार
है ?
साज़िशें बादलों की फ़ना हो
गयी
बिजली को चमकने से इंकार
है ?
हो गये सब नज़ारे भयानक
यहाँ
ज़लज़लों की उपेक्षा सुआचार
है ?
गुज़र त्रिभवन इसी भयानक दौर
से
धरम की ओट में धर्म पर वार है ।।
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
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अजय भोजपुरी
अजय भोजपुरी 7:41pm Jul 23
वाह वाह
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डा. पूनम 7:41pm Jul 23
बहुत खूब
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Ramkishore Upadhyay 7:41pm Jul 23
अद्भुत कृति
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Ashwani Kumar 8:00pm Jul 23
बहुत ख़ूब सुंदर सत्य तथा सटीक। हर शेर शानदार।
💐👌👏👏👏
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Rahat Barelvi 8:10pm Jul 23
वाहहह..वाहहहहह ! क्या बात..बेहद उम्दा रचना का सृजन हुआ है आपकी लेखनी से आदरणीय ! सभी अशआर शानदार बने है..दिली मुबारकवाद 👌👌👌👌👌👌💐💐💐💐
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Raj Kishor Pandey 8:10pm Jul 23
उम्दा गजल वाह
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Subhash Singh 8:11pm Jul 23
लाजवाब
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Kviytri Pramila Pandey 8:36pm Jul 23
लाजवाब
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गुप्ता कुमार सुशील 10:46pm Jul 24
बेमिसाल सृजन..जय हो आदरणीय
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Meenakshi Bhatnagar 10:47pm Jul 24
शानदार रचना
Kavita Sud 10:48pm Jul 24
ReplyDeleteअनुपम सृजन
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मुरारि पचलंगिया 4:32pm Jul 26
वाहहह... बहुत सुंदर रचना
आदरणीय
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Subhash Singh 4:32pm Jul 26
लाजवाब गीतिका
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Santosh Shukla 4:32pm Jul 26
वर्तमान स्थिति पर करारे व्यंग्यात्मक सृजन का गीतिका-गुंजन समारोह में स्वागत है
ज़िन्दगी पर मौत अब घुड़सवार है
बधाई हो आपको सुन्दर सृजन के लिए
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गुप्ता कुमार सुशील 4:32pm Jul 26
वाहहह..सार्थक भावपरक सृजन आदरणीय.🙏 बधाई
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