(जो कल था, आज भी प्रासंगिक है)/12-07-2016
म्येन कशीर
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मेरा कश्मीर,
मेरा
कश्मीर
था जो कभी
स्वर्ग
की
तस्वीर
मेरा कश्मीर,
मेरा
कश्मीर.
चेहरा
शांत और सौम्य
होंठ
मुस्कुराते
ऑंखें
अपलक
सैलानियों का आवागमन
निहारे
स्वागत करने
को
तत्पर
निशात, शालीमार
बांहें पसारे
अपने में
समेटने
को
तैयार
नगीन जैसी
झीलें
डल के शिकारे
चिनार, बादाम,
सेब
के
पेड़
केसर के बाग़
कड़म का साग
" हाको-
हाक
"
"येखो-
यख
'' की
आवाज़
उस मस्ती
के
आलम
में
संतूर का साज़
तैरते खेत
स्थिर हौऊसबोट
बहती जेहलम
पर
नावों की दौड़
सफ़ेद बर्फ
की
परत
दर
परत
गगनचुम्भी चोटियों
पर
कुदरती हरियाली
पर
बेमिसाल गरत
शंकरआचार्या, पर्वत,
गणपतयार
, खीरभवानी
और बेमिसाल
ऋषियों
की
अमर
वाणी
चरारे- शरीफ
खान: खा:
बरबस निकलता
था
वाह बस वाह.
यह था ताज
मेरे भारत
का
ताज
आज भी है
पर नहीं
भी
है
जो कभी
था
अब
नहीं
है
कहाँ गया
मेरा
कश्मीर
म्येन कशीर
- म्येन
कशीर.....!
कहाँ गए
वह बर्फीले
हरे
चेहरों
को
नापते
सेलानियों की खोजती
आंखें
निमंत्रण देते
वह
होंठ
गले लगाने
को
आतुर
फैली हुई
बांहे
क्या रहा
शेष,
अब
?
हाय ! क्या
रहा
शेष
?
बेजान घाटी
का
एक ऐसा
शरीर
जिसके दिमाग,
दिल,
गुर्दे
का
कर दिया
हो
प्रत्यारोपण
किसी अज्ञात
सर्जन
द्वारा
लहूलुहान चेहरा
कटे फटे
होंठ
वीरान आंखें
अधकटी बांहें
रक्त से लथ
पथ
बेबस
कोमा में
गए
उस इंसान
की
तरह
जो जागता
है
फिर
सोता
है
या फिर
स्थिर
आँखों
से
निहारता
है
ऑपरेशन टेबल
पर
हमारा
पलायन
सत्य से
कश्मीरियत के तत्व
से
हाय मेरा
कश्मीर
!
म्येन कशीर
कोई तो दे
मुझे
म्येन कशीर
मेरा
कश्मीर.
!
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सर्वाधिकार सुरक्षित/
त्रिभुवन
कौल
हाको-हाक
= एक
प्रकार
का
साग
यखो-यख = बर्फ
जो
खायी
जाती
थी
Picture curtsy Google.com
Om Prakash Shukla आप से अच्छा इस का वर्णन कौन कर सकता है !!!
ReplyDeleteआप ने व्यथा को करीब से जिया है
वास्तव मे बहुत सटीक अभिव्यक्ति है ।।।
सादर नमन आपकी भावनाओं को ।।।
via fb/YUSM/ on 11/05/2015
Ramkishore Upadhyay हाय ! क्या रहा शेष ?
ReplyDeleteबेजान घाटी का
एक ऐसा शरीर
जिसके दिमाग, दिल, गुर्दे का
कर दिया हो
प्रत्यारोपण
किसी अज्ञात सर्जन द्वारा
लहूलुहान चेहरा
कटे फटे होंठ
वीरान आंखें
अधकटी बांहें
रक्त से लथ पथ
बेबस
कोमा में गए
उस इंसान की तरह
जो जागता है फिर सोता है
या फिर स्थिर आँखों से निहारता है
ऑपरेशन टेबल पर हमारा पलायन
सत्य से
कश्मीरियत के तत्व से
हाय मेरा कश्मीर !
म्येन कशीर
कोई तो दे मुझे
म्येन कशीर मेरा कश्मीर. ! ..... आपकी पीड़ा समझी जा सकती है ,, मार्मिक चित्रण...
via fb/YUSM/ on 11/05/2015
जितेन्र्द कुमार 'राजन' बहुत मार्मिक चित्रण किया है श्रीमान्
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Pramila Arya वह्ह्ह् सुन्दर
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Prince Mandawra बेहद बेहतरीन नमन आपकी लेखनी को
via fb/YUSM/ on 11/05/2015
Shwetabh Pathak वाह ह्रदय की पीड़ा और कश्मीर को खोने का दर्द झलक रहा है ! यही प्रार्थना है पुनः वही कश्मीर आपको पुनः प्राप्त हो!
ReplyDeletevia fb/YUSM/ on 11/05/2015
Veena Nigam अत्यंत सुन्दर ,सार्थक एवं ह्रदय स्पर्शी रचना
ReplyDeletevia fb/YUSM 12/05/2015
Gupta Kumar Sushil अति सुन्दर अभिव्यक्ति व प्रस्तुति आदरणीय , तथ्य और कथन अति उत्तम |
ReplyDeletevia fb/YUSM 12/05/2015
Via fb/ kavitalok/ 13-05-2015
ReplyDeleteShyamal Sinha बहुत सुन्दर सृजन !
Via fb/ kavitalok/ 14-05-2015
ReplyDeleteMaa Samta अति सुन्दर
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Raj Pathan
है असंभव बात लेकिन बात होनी चाहिए
आसमां से प्यार की बरसात होनी चाहिए
नफरतों के गर्दिशोंसे गमजदा हैं बस्तियां
जुल्मतों की खत्म अब ये रात होनी चाहिए
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via fb/निर्झरणी भावनाओं की...July 2016
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रंजना सिंह
July 12 at 8:43pm
खुबसूरत रचना सर जी मेरी सोच से आगे नमन आपको
14 May 2017 via fb/TL
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Nakul Wali
May 14 at 6:47pm
great one sir! The wounds is never meant to heal the day it will heal, will be the day we will loose the inspiration to grow. Somethings in life are meant to happen and there's a saying, "if you forget where you've come from, you will never know where you'll go". :)