भारत अहिंसा की राह छोड़े- नामुमकिन
कोई दुर्बल समझ कर तोड़े -नामुमकिन
शत्रुता करने की हिम्मत तो सपने समान
सीमा पर कोई आँख साधे- नामुमकिन
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सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल
Bharat ahimsa kee rah chode- namumkin
Koyi durbal samajh kar tode - namumkin
shaturta karne kee himmat to sapne smaan
seema pur koyi aankh saadhe- namumkin
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कोई दुर्बल समझ कर तोड़े -नामुमकिन
शत्रुता करने की हिम्मत तो सपने समान
सीमा पर कोई आँख साधे- नामुमकिन
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सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल
Bharat ahimsa kee rah chode- namumkin
Koyi durbal samajh kar tode - namumkin
shaturta karne kee himmat to sapne smaan
seema pur koyi aankh saadhe- namumkin
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Pradyumna Chaturvedi वाह वाहहहहह।क्या कहने।
ReplyDeleteअति सुंदर,,,लाजवाब सृजन।
शीर्षक सार्थक सृजन।
Yesterday at 10:54am
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Satish Verma देश प्रेम की भावनाओं से ओत प्रोत अत्यंत सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteYesterday at 11:02am
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Ajay Kumar Chaudhary .............क्या कहने
ReplyDeleteYesterday at 11:13am
Yamuna Prasad Dubey Pankaj शीर्षक का सार्थक करती सराहनीय रचना,वाह वाह,बधाई आपको
Yesterday at 11:37am •
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Shivnarain Yadav वहुत सुंदर रचना । जय हो ।
ReplyDeleteYesterday at 11:44am •
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Satish Gupta
ReplyDeleteनामुमकिन नहीं जमाने में
बस तेरा अहसास चाहिये
फिर मुमकिन सभी जमानें में
बस अब तेरा प्यार चाहिये......
©सतीश......
भावों से सजी प्यारी रचना हैं आपकी बधाई
Yesterday at 1:34pm •
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Manoj Manav वाह्ह्ह्ह वाह्ह्ह्हह
ReplyDeleteYesterday at 3:06pm •
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Laxmanprasad Raamaanuj Ladiwala देश भक्ति का जज्बा दर्शाती और शीर्षक को सार्थक करती रचना के लिए बधाई
Yesterday at 3:50pm •
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ReplyDeleteSharda Madra वाह अति सुंदर
Yesterday at 4:18pm • Unlike • 1
Rama Verma वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् वाह अति सुन्दर .....
Yesterday at 5:49pm •
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Arun Sharma क्या बात है लाजवाब सृजन आदरणीय ।
23 hrs •
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Vijay Mishr Daanish बहुत उम्दा सृजन,waahhhhhhhhhhhhhh
21 hrs •
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ReplyDeletePawan Batra आदरणीय बहुत खूब
10 hrs •
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डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव सीमा पर कोई ऑख साधे नामुमकिन
अति सुन्दर सार्थक सृजन
2 hrs •
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Uddhav Deoli बहुत सुन्दर सृजन माननीय||
2 hrs •
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Harish Lohumi खरी-खरी ! वाह वाह !
ReplyDelete2 hrs •
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Mahesh Jain Jyoti उत्तम !
1 hr •
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Satish Verma अत्यंत सुन्दर , सार्थक और सही प्रस्तुति।
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Om Prakash Shukla बहुत सही है
ReplyDeletevia fb