Tuesday 5 May 2015

कवि की पत्नी

कवि की पत्नी
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एक बार जाने क्या सूझी
 पत्नी को जो पास बुलाया
 बड़े प्यार से बड़े प्रेम से
 गम्भीर हो यह समझाया …1

"हे देवी, हे मुन्ने की जननी
सुनो ध्यान से मेरी संगनी 
कवि मैं हूँ  तुम कविता मेरी
मैं कलाकार, तुम प्रेरणा मेरी..2

तुम चाँद तो सूरज मैं हूँ,
तुम गुलाब तो पंकज मैं हूँ  
तुम शबनम तो पत्ता मैं हूँ,
तुम मोरनी तो सावन मैं हूँ….3

तुम माटी की सुंदर मूरत सी 
मैं कुम्हार का एक खिलौना 
तुम चादर मखमल सरीखी
मैं नर्म नर्म एक बिछौना……..4

मैं साइकिल का हूँ एक पहिया 
तुम उसकी चमकीली तारें
तुम आसमान की चंचल बिजली
मुझ सरीखे बादल कारे ………… 5

तुम ईश्वर का एक करिश्मा 
मैं कुदरत का एक नमूना 
मैं पर्वत तो तुम गिरता झरना 
तुम कुची तो मैं हूँ चूना …………….6

मैं लोकी तो तुम हो कद्दू
तुम बुद्धिमान और मैं बुद्दू 
तुम नारंगी , संतरा मैं हूँ
तुम गीत तो अंतरा मैं हूँ………………..7

तुम डार-डार
मैं पात -पात 
तुम आगे आगे 
मैं साथ साथ …………………………….8

यह प्रलाप सुन वह घबराई 
मांग के थर्मामीटर लाई 
हे भगवान, यह क्या हो गया
दिमाग पति का किधर खो गया ?.....9

क्या तुम कुछ बौरा गए हो ?
या कुछ खा चकरा गए हो 
अच्छा मैं मैके नहीं जाती 
ठीक हो जाओ मेरे साथी………………..10

पागलपने की छोड़ो बातें 
आओ हिलमिल काटे रातें 
लोग कंहे तुम कवि बने हो 
मैं कहती पागल हुए हो………………..11

यह सुन दिल मेरा जला
इच्छाओं पर पानी पड़ा 
पहली कविता थी यह भाई 
तभी समझ मैं बात यह आई
क्यूँ कविगण पत्नी से भागे 
पोथा ले एकांत को साधे 
कवि की पत्नी विपदा होती है ?
असली पत्नी कविता होती है………….. इति
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सर्वाधिकार सुरक्षित/सबरंग-२०१०/त्रिभवन कौल


11 comments:

  1. Lokendra Mudgal Ha ha haaaaaahaaaa wah sir ji wah bahut khub

    via fb/yusm/05-05-2015

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  2. Ajay Bhojpuri वाह अति सुंदर रचना ।इसका भुक्तभोगी स्वयं मैं भी हूँ ।आप अकेले नहीं ।

    via fb/yusm/05-05-2015

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  3. Ramkishore Upadhyay
    May 5 at 4:00am

    मैं लोकी तो तुम हो कद्दू
    तुम बुद्धिमान और मैं बुद्दू
    तुम नारंगी , संतरा मैं हूँ
    तुम गीत तो अंतरा मैं हूँ--यह तो मुझ पर लागू होती है,,,हहह्हहः ,,बधाई सुंदर हास्य rchana के लिए...आ,Tribhawan Kaul जी

    via fb/yusm/05-05-2015

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  4. Sanjay Negi सुन्दर
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    Om Prakash Shukla सब कवियों का चरित्र आपने लिख दिया है
    बहुत सुन्दर सृजन
    हार्दिक स्वागत है
    via fb/yusm/05-05-2015

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  5. Rajmishra Mishra Raj Pbh अतीव सुंदर
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    Kanti Shukla वाह क्या बात है
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    Prince Mandawra एक से बढकर एक
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    via fb/yusm/05-05-2015

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  6. Jeetesh Vaishya
    May 5 at 9:44am

    Bahut hi achchhi kavita Tribhawan Kaul ji

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  7. Main Hoon Ali
    May 5 at 11:15am

    hahahahahahahaha sachchi my respected Tribhawan Kaul ji bowra gye hain...........a hilarious piece.

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  8. Syamala Vemuri
    May 6 at 6:10am

    Did you read this poem to you wife? What is her reaction?????

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  9. Kameshwari Kulkarni
    May 5 at 9:58pm

    Ha ha ha...bahut acchi kavita.Always loved the humour in such poems of yours Tribhawan sir..:-D

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  10. Suresh Pal Verma Jasala अति सुन्दर,,,,भाव पूर्ण

    via fb/Kavya Anugoonj

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  11. Munish Bhatia Ghayal अति उत्तम

    via fb/Kavya Anugoonj

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