राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से प्रकाशित हिंदी मासिक पत्रिका "ट्रू मीडिया" के जून -2017 के अंक.में मेरी कविता ' कश्मीरी युवाओं के नाम -एक पैगाम 'I
” My sole hope and prayer is that
Kashmir should become the beacon light to the benighted subcontinent”–Mahatma
Gandhi
कश्मीरी युवाओं के नाम-एक पैगाम
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उस माँ से आज़ादी मांग रहे,
जिस माँ ने तुमको जन्म दिया
उस माँ से आज़ादी चाह रहे,
जिस माँ का तुमने दूध पिया
आज़ादी का शब्द नाद
अरे आज़ादी का सूचक है
पकिस्तान में मांग के देखो,
बर्बादी का द्योतक है //
पत्थर हाथ में लेकर तुम,
साबित करना क्या चाहते
संविधान हमारा साक्षी है,
अहिंसा से सब पा जाते
आका तुम्हारे तुमको ,
शतरंज की बिसात बनाते हैं
जैसा चाहें तुमको वह,
वैसा ही तुम्हे चलाते हैं //
पूछो उनसे उनके बच्चे,
क्या संग तुम्हारे रहते हैं ?
दूर देश में पढ़ते लिखते,
ज्ञान प्रकाश में पलते हैं !
समझदार युवा तुम सब हो ,
कुछ तो इसपर गौर करो
मुजाहिरों पर जुल्म हो रहे,
इस पर भी तुम ध्यान धरो //
पंडितों को तो बाहर किया ,
अब क्या तुम्हारी बारी है ?
कश्मीरियों को ख़त्म करो,
पाकी करतूत जारी है
है कश्मीरियत का वास्ता,
चाल पाक की समझो तुम
अलगाववाद के हामी लीडर,
हैं " पासे उनके " समझो तुम
//
.भारत के तिरंगे नीचे,
तुम अपनी उड़ान भरो
हर क्षेत्र में बन दक्ष,
कश्मीर की पहचान बनो
कश्मीर का दर्द लिए
मैं पंडित, विस्थापन में जीता हूँ
पाक की बातों में ना आना,
तुम्हारी बेवतनी से डरता हूँ//
जय हिन्द के नारों से
दुश्मन के मंसूबे ख़ाक करो
भारत माँ के सपूत तुम,
इरादे उनके राख करो
जय हिन्द, जय भारत, जय हिंदुस्तान
हो तुम्हरी यही. आन बान और शान
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सर्वाधिकार सुरक्षित/ त्रिभवन कौल
image courtesy:- Google.com
Note : The poem stands published on 26 August 2016 in JK Monitor News http://www.jkmonitor.org/index.php/articles
SheeTal PandiTa
ReplyDeleteAugust 24 at 9:13pm
No words to tell you what I am feeling after reading your poem, this is extraordinary, speechless I am... You mentioned whole up downs of 26yrs in some lines... Hats off sirA well message for ignorant people of Valley, may god show them right path
-----------------------------------------------via fb/TL
Mishra Krishnakumar
ReplyDeleteUmda sirji..👍👌 kya khoob likha..
August 24 at 10:34pm
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Anil Sahai
Beautiful poem, great Kaul sahib
August 24 at 10:42pm
------------------------via fb/TL
Radhey Shyam Varshney
ReplyDeleteAugust 24 at 10:58pm
Very forceful message Very effectively penned
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Debasish Lahiri
ReplyDeleteJai Hind .... Salute to You.
August 24 at 11:01pm
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Mao Jay
Mao Jay Behatreen kavita sir
August 24 at 11:10pm
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Anjana Mishra
nice one
August 24 at 11:25pm
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Vishwash Hanswar
ReplyDeleteAugust 25 at 12:58am
बहुत ही अदभुत सुंदर और दिल को मोह लेने वाली पंक्तियां है। लेकिन एक शिकायत है भारत देश है कोई माता नहीं
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Tribhawan Kaul
आपकी इस प्रीतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद I भारत माता को एक रूपक के तौर पर इस्तेमाल किया गया है। वैसे भी भारत देश को भारत माता (स्त्री लिंग )के रूप में ही स्वीकार किया गया है। :)
August 25 at 10:58am
----------------------via fb/TL
Vinod Kumar Bhalla
ReplyDeleteउत्तम
August 25 at 6:00am
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Rajeshwer Sharma
वाह! बहोत ही खूब।
Speechless,sir.()
August 25 at 6:19am
--------------------via fb/TL
Uddhav Deoli
ReplyDeleteवाह्ह्हह्ह्ह्ह अतिसुन्दर संदेश |शुभप्रभात माननीय|||
August 25 at 7:02am
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निशि शर्मा 'जिज्ञासु'
प्रेरक !
August 25 at 9:32am
-----------------------via fb/TL
Manjula Verma Thakur
ReplyDeleteAugust 25 at 9:52am
विस्थापन की पीड़ा झेल रहे हर कश्मीरी का दर्द झलक रहा है ।बेहद खूबसूरत दिल मे उतरती हुई रचना ।सिर्फ कश्मीरी ही नहीँ हर उस युवा के लिए है ये सन्देश जो देश का अपमान करते हैं और देश के टुकड़े करना चाहते है।शुक्रिया सर इस सुंदर रचना को share करने के लिए।
----------------------via fb/TL
A S Khan Ali
ReplyDeleteAugust 25 at 12:24pm
Atyant Bhavpoorn Abhivyakti.
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Hari Lakhera
August 25 at 5:40pm
Very straight and motivating too. Politicians have a made a mess of it. Heaven on earth has been crying for help.
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Seharyar Khan
ReplyDeleteAugust 25 at 7:41pm
Too touching and well written
---------------------------via fb/TL
Trimbak Kale
ReplyDeleteपीओकेमो हो रहा क्या तूम नही जानते,
मोदीजीके भाषणको पीओकेवाले मानते,
यह मै नही कहता, न्यूज वाले कहते है,
बलूची और उनके दिलोमे मोदीजी बसते है.
इधरके पत्थरके बजाए, पीओकेको अपनाओ,
अपनोसे अलग पीओके,अपनोमे मिलवाओ,
तभी कश्मिरके तूम सुपूत्र हो गर्वसे कहो,
जम्मूकाश्मिरही क्या,पीओके हमारा हो.
कितने गायब और मरे,पीओकेे,किसीको पता नही,
मानवाधिकारवाले उधर,जाते है क्या,मालूम नही,
साठ साल बीत गये वो हमसे क्या बिछडे है,
यह सब तूम नही क्या जानते और मानते है,
दुश्मन तूम्हारे,तूम्हे भडका रहे,भाई जाग जाओ,
पीओके दूसरेको बेच रहे,रोक सको तो रूकवाओ,
सलग काश्मिर यह,भाई हमारी शान है,
भाईचारा होना यह, भारतकी पहचान है.
August 25 at 4:37pm
---------------------------------via fb/Max-Meet Social
Note : The poem stands published on 26 August 2016 in JK Monitor News http://www.jkmonitor.org/index.php/articles
ReplyDeleteTej Kachroo
ReplyDeleteHindustanuk. Baatichuk. Pelpali laughmut
August 25 at 1:56pm
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Roop Krishen Zadoo
Their parents teach them to get expertise in terrorism and stone throwing and killing of innocents as they will directly go to heaven by doing this.Education has no meaning for them
Unlike • Reply • 1 • August 26 at 5:33am
==================================via fb/kashmiri pandit network
Mitrapal Shishodia
ReplyDeleteवाहहहहहहहहहहहहहह
लाजवाब
August 26 at 4:19pm
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Rekha Joshi
कश्मीर का दर्द लिए
मैं पंडित, विस्थापन में जीता हूँ
पाक की बातों में ना आना,
तुम्हारी बेवतनी से डरता हूँ//---जय हिन्द
August 26 at 4:19pm
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Shyamal Sinha
स्वागत है माननीय
बहुत सुन्दर पैगाम वाह
August 26 at 4:24pm
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Anjana Mishra
अति सुन्दर _कश्मीर के लिये
August 26 at 6:04pm
-----------------------via fb/Miktak Lok
Ramkishore Upadhyay
ReplyDeleteजय हिन्द के नारों से
दुश्मन के मंसूबे ख़ाक करो
भारत माँ के सपूत तुम,
इरादे उनके राख करो
जय हिन्द, जय भारत, जय हिंदुस्तान
हो तुम्हरी यही. आन बान और शान-- सामयिक सृजन ,,जय हिन्द
August 26 at 4:14pm
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Sanjay Kumar Giri .
भारत के तिरंगे नीचे,
तुम अपनी उड़ान भरो
हर क्षेत्र में बन दक्ष,
कश्मीर की पहचान बनो
कश्मीर का दर्द लिए
मैं पंडित, विस्थापन में जीता हूँ
पाक की बातों में ना आना,
तुम्हारी बेवतनी से डरता हूँ//---वाह्ह वाह्ह वाह्ह्ह बहुत सुन्दर पंक्तियाँ आदरणीय
August 26 at 4:17pm
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Shyamal Sinha
वाह
सुन्दरम् पैगाम
August 26 at 4:42pm
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अरुण शर्मा
वाह्ह्ह्ह्ह् वाह्ह्ह्ह्ह् अनुपम सृजन आदरणीय श्री ।
हार्दिक बधाई एवं सादर नमन
August 26 at 5:47pm
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मुरारि पचलंगिया
बहुत सुंदर समसामयिक चिन्तन
August 26 at 5:50pm
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Vandaana Goyal
बहुत खूब आदरणीय बेहतरीन सृजन भ
August 26 at 7:13pm
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Vivek Sharma Aastik
वाहहहहहहहह बहुत सुंदर सार्थक समसामयिक शानदार तुकांत कविता आदरणीय, आपकी उपस्थिति व लेखनी को सादर नमन.
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Ashok Vashistha
सुंदर संदेश देती रचना ।
August 26 at 7:44pm
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राजकिशोर मिश्र 'राज' प्रतापगढ़ी
वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अतीव सुंदर सृजन
August 26 at 7:58pm
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कवयित्री प्रज्ञा श्रीवास्तव प्रज्ञाञ्न्जलि
अति सुंदर
August 26 at 8:12pm
-----------------------via fb/Yuva Utkarsh Sahity Manch
Kailash Nath Shrivastava
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सामयिक कविता सृजन.. वाहहह
August 26 at 11:01am
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वसुधा कनुप्रिया
वाहहह वाहहह समसामयिक और सार्थक रचना, सुन्दर आवाहन! विशेषतः अंतिम तीन बंद
August 26 at 3:14pm
---------------------------via fb/Purple Pen
Vinod Dokania
ReplyDeleteजिनके लिये लिखा क्या वो पढ़ेंगे।
August 26 at 4:13pm
+++
निर्झरणी भावनाओं की
मेरे ब्लॉग पर यही कविता है। .अभी तक २ ५७ पेज व्यूज जे & के से हैं। पढ़ेगें ज़रूर। अमल करें या ना करें। सोचने पर मजबूर तो होंगे। :)
August 26 at 4:22pm
-------------------via fb/Nirjharni Bhawnaon kee by Tribhawan Kaul
Amit Dahiyabadshah
ReplyDeleteYouve got it all wrong this is a protest for demanding free gluco saline, plasma, negative group blood transfusion, a place in the operating theatre, sutures, photogenic scars, anti biotics and pain killers like pethadine and the Indian Army, all this just to avoid school and college for 500 a day.
August 29 at 5:22pm
+++
Tribhawan Kaul
Thanks dear Amit Ji. I can not but agree with the intended pun. :)
August 30 at 8:11pm
+++
Amit Dahiyabadshah
Nahi nahi Tribhawan ji ye such hai.
August 31 at 4:12am
----------------------via fb/Max-Meet Social
via fb/June 2017
ReplyDeleteIndira Sharma
अति सुन्दर रचना । कशमीरियों का दर्द दूसरे कहाँ समझें गे ।
June 6 at 4:49pm
via fb/tl/june 2017
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Pintu Mahakul
This is wonderful publication. My heartiest congratulations and best wishes to you. हार्दिक अभिनंदन एवं बधाई. Always you compose thoughtful poems for awareness.
June 7 at 1:28pm
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निशि शर्मा 'जिज्ञासु'
प्रेरक रचना !
June 8 at 9:30am
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Pintu Mahakul
Your poem is very beautiful really.
June 8 at 11:22pm
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वसुधा कनुप्रिया
हार्दिक बधाई आदरणीय
June 9 at 1:59am
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Pradeep Massey
अति उत्तम :)
हार्दिक अभिनंदन एवं बधाई...आदरणीय अंकल जी ★
:) _/\_ :)