तुम मिले तबै सब मिला, तुम गये सबै जाय
समझ तुम ईश आ गये , मिले नहीं कछु जाय।।
-------------------------
ईश ईश कह थक गया , बहे नयन अश्रुधार
सांई फिर भी ना मिले , मिले छोड़ा संसार।।
-------------------------
पूजा समझा तुम मिले , ना सेवा ना प्यार
कैसा मनुज
जन्म
लियो,
धन
जीवन
आधार।।
------------------------
सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
Rakesh Mishra
ReplyDeleteतरंगिनी छंद समारोह की मंशा के अनुसार दोहे प्रेषित करने के लिए हार्दिक बधाई!
August 22 at 5:14pm
-------------------------------
Shyamal Sinha
सुन्दर दोहे वाह
August 22 at 5:33pm
------------------------------
Azaya Kumar –
वाह्ह वाह्ह्ह अति सुन्दर सृजन हुआ है आदरणीय
August 22 at 5:38pm
-------------------------------------
Sharda Madra
बहुत सुंदर दोहे।
August 22 at 5:39pm
----------------------------------
Abha Chandra
वाहह वाहह सुन्दर दोहे!!
अतिसुंदर सृजन के लिये बहुत बहुत
बधाई हो ।।
• August 22 at 5:47pm
-------------------------------------
Ramaniwas Tiwari
वाहहहह बहुत सुंदर
August 22 at 6:15pm
------------------------------------
Kb Singh
सुंदर दोहे
August 22 at 6:26pm
----------------------------
Manju Vashisth
वाहहहह बहुत ही खूबसूरत व सार्थक दोहे
August 22 at 9:03pm
--------------------------------
Shyamal Sinha
वाह
सुन्दरम् दोहे
August 22 at 9:55pm
------------------------------------
Ashok Vashistha
बहुत सुंदर दोहे ।
August 22 at 10:07pm
----------------------------------------
डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव
तरंगिनी कार्यक्रम में आपकी भावपूर्ण अनुपम सुन्दरतम् रचना का स्वागत है एवं उत्तम सृजन के लिए हार्दिक बधाई ।
August 22 at 11:21pm
--------------------------------------
Ranjana Verma
बहुत सुंदर सृजन । वाह
August 23 at 12:53pm
---------------------------------------
गुप्ता कुमार सुशील
वाह्ह सार्थक व सुन्दरतम अभिव्यक्ति आदरणीय
August 23
----------------------------------------
Anjana Mishra
अति सुन्दर __
August 23
----------------------------------------
Manju Srivastava
बहुत सुन्दर सृजन
August 23
========================via fb/Muktak Lok
राजकिशोर मिश्र 'राज' प्रतापगढ़ी
ReplyDeleteयुवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के सारस्वत लोकप्रिय पारंपरिक छंद आयोजन के समारोह _______ 98 के पटल पर आपकी अतीव सुंदर लाजवाब शब्द संयोजन मनोहरी शानदार प्रस्तुति के लिए तहेदिल से स्वागत है / वाह आदरणीय Tribhawan Kaul जी बहुत ही सुंदर दोहा छ्न्द सृजन के लिए बधाई जय माँ शारदे ---
August 23 at 12:07pm
--------------------------------------
Suresh Goswami Sureshji
वाह सुंदर भावयुक्त रचनाएँ...
August 23 at 12:32pm
--------------------------------------
Pushp Lata
सुन्दर दोहे आदरणीय
August 23 at 2:57pm
-------------------------------------
Mridula Shukla
बहुत सुन्दर
August 23 at 4:36pm
----------------------------------
A S Khan
Ali Sundar Sankalan.
August 23 at 6:02pm
----------------------------------
Nirdesh Sharma
वाहहहहह वाहहहहहहहह बहुत खूब जय हो
August 23 at 6:12pm
------------------------------------
Savita Saurabh
वाह बहुत उम्दा दोहों के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय।
August 24 at 4:00pm
-----------------------------------
Ranjana Verma
लाजवाब
August 24 at 5:09pm
=================================via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच