Tuesday 2 May 2017

यह कमाल की जिंदगी !

यह कमाल की जिंदगी !
----------------------------

यह जिंदगी भी कमाल की जिंदगी है !
खुद ही अपने जीवन से त्रस्त है
हर दूसरी जिंदगी , जो
काम, क्रोध, लोभ, मोह से ग्रस्त है
कंही व्यभिचार तो कंही दुराचार
कंही भ्रष्टाचार तो कंही अनाचार
किसी किसी ' चार' का यहाँ बोलबाला  है
जिंदगी सब कुछ सहती है
जाने क्यूँ उसके मुंह पर ताला है ?

यह जिंदगी भी कमाल की जिंदगी है !
ज़्यादातर किस्मत की मोहताज रहती है
मंजिल पाने की ललक हो
तो भटकाने की ताक़ में रहती है
राह सीधी मिले तो किस्मत का नाम होता है
मिले तो बेचारा सिक्का बदनाम होता है !

यह जिंदगी भी कमाल की जिंदगी है !
मेहनत मजदूरी का ज्यादा मोल नहीं यहाँ
सच का मुखौटा पहन, झूठ का राज यहाँ
चीर हरण होते हैं सरे आम सडकों पर
चंद चांदी के सिक्के, और, बिके सैंकड़ों इमान यहाँ
विद्दम्ब्ना यह कि समय से पहले, जिंदगी
मौत को दावत नहीं दे सकती
जो देख रही है ,घटते  हुए
'चलता है' के नाम पर
सुख से सो भी नहीं सकती.

चलो इस कमाल कि जिंदगी को
बेमिसाल बना दें
दुल्हन के समान सजा कर
इसको संवार दें.
' अपना भला ज़रूरी है '
यह सोंच बदल दें
नासूर बन गए ज़ख्मो पर
मरहम जो लगा दें
सच का आदर करें
' इज्ज़त ' को मान दें
नफरत की आग जब भड़के तो
एक प्यार कि जोत जला दें.

फिर मौत भी जिंदगी को
हंसकर यूँ गले लगाएगी
आत्मा भी  पुन:जन्म पाने को
ललकित हो जाएगी.

हर जिंदगी तब बनेगी
कमाल से बेमिसाल
हर जिंदगी की होगी फिर
दास्ताँ बेमिसाल.
----------------------------------------
सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल 


9 comments:

  1. Via FB/TL
    ---------
    Ramkishore Upadhyay
    अनुपम ,,ज़िंदगी तो ज़िंदगी है ,हाँ ख़बर पल की नहीँ
    पर हमें सामान तो सौ वर्ष का रखना पड़ा
    May 3 at 1:40pm
    -----------------------
    Sanjay Kumar Giri
    ' इज्ज़त ' को मान दें
    नफरत की आग जब भड़के तो
    एक प्यार कि जोत जला दें. एक सुन्दर संदेशात्मक रचना .हार्दिक बधाई आदरणीय
    May 3 at 1:46pm
    --------------------------
    अकेला इलाहाबादी
    बेहद खूबसूरत।
    May 3 at 1:50pm
    -------------------------
    Adv.Dhirendra Kumar
    बहुत सुन्दर बधाई हो
    May 3 at 1:54pm
    -------------------------
    Raj Kishor Pandey
    बहुत सुंदर सोच एवं सार्थक रचना आदरणीय
    May 3 at 2:19pm
    ------------------------
    Seharyar Khan
    Too touching
    May 3 at 3:06pm
    -------------------------
    Reeta Grover
    बहुत सुंदर
    May 3 at 3:08pm
    -------------------------
    Prince Mandawra
    बहुत ही सुंदर भावपूर्ण
    May 3 at 3:16pm
    ------------------------
    लव कुमार 'प्रणय'
    वाहःहः वाहःहः
    May 3 at 3:19pm
    ------------------------
    Shashi Tyagi
    वैचारिक क्रांति का युग है
    May 3 at 3:40pm
    -----------------------
    Indira Sharma
    अद्भुत
    May 3 at 3:57pm
    ------------------------
    Main Hoon Ali
    Dard bhari kavita kamal ki ....Waah.
    May 3 at 6:19pm
    -------------------------
    Jatinder Singh Bhogal
    Very meaningful
    May 3 at 6:28pm
    -------------------------
    चंद्रकांता सिवाल
    बहुत खूब सार्थक सादर
    May 3 at 10:18pm
    --------------------------

    ReplyDelete
  2. Ravi Sharma
    जिंदगी का विस्तृत वर्णन
    May 3 at 3:15pm
    +++
    Ravi Sharma
    जिंदगी कमाल है ।
    भला -बुरा हाल है ।
    May 3 at 3:16pm
    ------------------Via FB/Purple Pen

    ReplyDelete
  3. Chanchala Inchulkar Soni
    सार्थक चिंतन .._/\_
    May 3 at 1:32pm
    -----------------------
    Kviytri Pramila Pandey
    वाहह अतिसुन्दर,सादर नमन
    May 3 at 1:38pm
    -----------------------
    Sanjay Kumar Giri
    वाह वाह वाह्ह अति सुन्दर रचना आदरणीय सादर प्रणाम आज बहुत दिन उपरान्त आपकी सुन्दर रचना को पढने का अवसर प्राप्त हुआ .
    May 3 at 1:40pm
    -----------------------
    राजकिशोर मिश्र 'राज' प्रतापगढ़ी
    अतीव सुंदर सृजन आदरणीय नमन्
    May 3 at 1:43pm
    ----------------------
    Raj Kishor Pandey
    वाह आदरणीय बहुत सुंदर सृजन
    May 3 at 2:27pm
    ---------------------
    विवेक चौहान
    विवेक चौहान वाह आदरणीय बहुत खूब सुन्दर चिंतन मनन
    May 3 at 7:56pm
    ---------------------
    Ajay Bhojpuri
    वाह बहुत सुंदर रचना
    May 3 at 9:22pm
    ----------------------
    DrDamyanti Sharma
    बहुत ख़ूबसूरत सृजन वाह !
    May 3 at 9:29pm
    -----------------------
    गुप्ता कुमार सुशील
    सादर नमन आपकी लेखनी को आदरणीय Tribhawan Kaul जी ...........शब्द शब्द में भाव ..............................अतुलनीय उद्गार प्रदत्त विधा में , जय हो |
    May 3 at 11:34pm
    =========================Via FB/Yua Utkarsh Sahityk Manch

    ReplyDelete
  4. Ramkishore Upadhyay
    कमाल की रचना
    May 3 at 8:53pm
    -----------------Via True Media Sahiytk Manch

    ReplyDelete
  5. Neelofar Neelu
    बेहद खूबसूरती से बयां किया ज़िंदगी को आदरणीय कौल साहब😊💐👍
    Like • Reply • May 4 at 8:46am
    -------------------------------via FB/Purple Pen

    ReplyDelete
  6. गुप्ता कुमार सुशील
    अतुलनीय उद्गार , जय हो |
    May 4 at 2:29am
    -------------------------
    Hari Lakhera
    सुन्दर, अति सुन्दर। कहीं बेहाल, कहीं बेमिसाल ज़िन्दगी।
    May 4 at 6:11am
    --------------------viaFB/TL

    ReplyDelete
  7. Omprakash Prajapati
    उम्दा
    May 4 at 8:55am
    -----------------via FB/True Media

    ReplyDelete
  8. Mridula Joshi
    खुद जियो औरों को भी जीने दो!सर्व जनहिताय की भावना लिए सुन्दर पंक्तियाँ!
    May 5 at 10:28pm
    -------------------------------------------
    Vishwambhar Shukla
    हार्दिक स्वागत आपका आदरणीय Tribhawan Kaul जी , बहुत ही सुन्दर और सार्थक सन्देश देती रचना _
    नासूर बन गए ज़ख्मो पर
    मरहम जो लगा दें
    सच का आदर करें
    ' इज्ज़त ' को मान दें
    नफरत की आग जब भड़के तो
    एक प्यार कि जोत जला दें.
    May 5 at 10:32pm
    ------------------------------------------
    Ravi Sharma
    एक प्यार कि जोत जला दें.
    फिर मौत भी जिंदगी को
    हंसकर यूँ गले लगाएगी
    आत्मा भी पुन:जन्म पाने को
    ललकित हो जाएगी.
    हर जिंदगी तब बनेगी
    कमाल से बेमिसाल
    हर जिंदगी की होगी फिर
    दास्ताँ
    जनहिताय की भावना लिए सुन्दर पंक्तियाँ!
    May 5 at 10:48pm
    -------------------------------------
    Kanti Shukla
    शानदार रचना
    May 6 at 1:25am
    -----------------via fb/Muktak Lok

    ReplyDelete
  9. डॉ किरण मिश्रा
    बहुत खूब
    May 6 at 12:40pm
    ------------------via fb/TL

    ReplyDelete