उसकी महोब्बत में
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नाकाम उसकी महोब्बत में, ख़ाक छाने फिरता हूँ
उसके प्यार का मारा मैं , गाता तराने फिरता हूँ।
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नाकाम उसकी महोब्बत में, ख़ाक छाने फिरता हूँ
उसके प्यार का मारा मैं , गाता तराने फिरता हूँ।
फ़लक , ज़मीन ,चाँद तारे, गुल, गुलशन, झरने सारे
याद सजाये जिगर को ग़ज़लों में ‘ साने फिरता हूँ।
याद सजाये जिगर को ग़ज़लों में ‘ साने फिरता हूँ।
इज़हार करूँ प्यार का लहरों की तरह सागर से मैं
सुन ली अरज़ गर मिरी तो सीना स्व ताने फिरता हूँ।
सुन ली अरज़ गर मिरी तो सीना स्व ताने फिरता हूँ।
माया जाल शब्दों’ का , मन विश्वास धोखा आकर्षण
गर प्यार सच्चा अनश्वर , क्यों मर्म जाने फिरता हूँ ?
गर प्यार सच्चा अनश्वर , क्यों मर्म जाने फिरता हूँ ?
जलता दिया संग तेल -बत्ती के , सृजन रोशन रोशन
द्रिष्टी मन विचार बिम्ब से’ , बुन ताने बाने फिरता हूँ।
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सर्वाधिकार सुरक्षित/ त्रिभवन कौल
द्रिष्टी मन विचार बिम्ब से’ , बुन ताने बाने फिरता हूँ।
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सर्वाधिकार सुरक्षित/ त्रिभवन कौल
Indira Sharma
ReplyDeletewah
May 30 at 2:05pm
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Ray Singh Suman
Wah
May 30 at 5:06pm
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चंद्रकांता सिवाल
बेहतरीन वाह्ह्ह्ह्ह्ह् सादर :)
May 30 at 11:57pm
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अंशु विनोद गुप्ता
बेहतरीन वाह्ह्ह् सादर नमन
May 31
----------via fb/ Purple Pen
Anam Das
ReplyDeleteउत्तम रचना !
May 30 at 2:13pm
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Ramkishore Upadhyay
वाह
May 30 at 7:35pm
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Suresh Pal Verma Jasala
वाहहहह बहुत सुंदर सार्थक अभिव्यक्ति
May 30 at 8:50pm
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Anup Saxena
बहुत सुन्दर और सुगन्धित रचना के लिए बधाई!
May 30 at 9:38pm
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गुप्ता कुमार सुशील
वाह्ह बहुत ही सुन्दर भावगम्य प्रस्तुति आदरणीय ...जय हो सादर नमन
May 30 at 9:57pm
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A S Khan Ali
Bahut Khoob!
May 30 at 11:49pm
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Deepmala Maheshwari
Great sir
May 31
------------via fb/ TL
Rahat Barelvi
ReplyDeleteबहुत सुंदर शब्द संयोजन आदरणीय। यदि मापनी का भी उल्लेख कर दें तो अच्छा लगेगा।
May 30 at 1:20pm
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लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला
अति सुंदर । वाह !
May 30 at 7:13pm
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राम केश मिश्र
वाह सुंदर सृजन 👌
May 30 at 8:47pm
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Pramila Arya
वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् अति सुंदर
May 30 at 9:03pm
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Pushp Saini
लाजवाब
May 30 at 9:47pm
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ओम प्रकाश शुक्ल
सुन्दर सृजन आदरणीय
किंतु आप मुक्त भाव से लिखे वही अच्छा लगेगा
May 30 at 10:04pm
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Savita Saurabh
वाह अति सुन्दर, सार्थक सृजन के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय
May 30 at 10:08pm
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Prahlad Pareek
लाजवाब
May 30 at 10:18pm
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सज्जो चतुर्वेदी
अति सुंदर
May 30 at 10:20pm
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Kailash Nath Shrivastava
बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना वाहहहह
May 30 at 10:22pm
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Raj Kishor Pandey
सुंदर सृजन आदरणीय
May 30 at 10:52pm
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Chanchlesh Shakya
वाहहहह बहुत ही सुन्दर
May 30 at 10:57pm
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Ramkishore Upadhyay
जलता दिया संग तेल -बत्ती के , सृजन रोशन रोशन
दृष्टि मन विचार बिम्ब से’ , बुन ताने बाने फिरता हूँ। ---क्या बात ,,वाह
May 30 at 11:07pm
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श्याम फतनपुरी
बहुत सुन्दर
May 31 at 1:15pm
------------------via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यक मंच
कालीपद प्रसाद मण्डल
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर सृजन आदरणीय ,कुछ स्थान पर मात्रा मापनी से सहमत नहीं हो रहा है |कृपया देख लें |
June 2 at 12:23pm
+++
Tribhawan Kaul
इसीलिए इसको मुक्तांगन में पोस्ट किया है। हालांकि मात्रा का आवशयकतानुसार पतन भी किया है।:)
June 2 at 12:54pm
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Umesh Srivastava
बेहतरीन
June 2 at 1:30pm
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Yashodhara Singh
बहुत ही सुंदर सृजन।
June 2 at 3:09pm
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Kanti Shukla
बहुत खूब
June 2 at 4:33pm
-------------------fb/Muktak Lok
Tribhawan Kaul3 June 2017 at 22:57
ReplyDeletePintu Mahakul
You are singing the song of love. Failure is not an obstacle to realize love and proceed ahead. We all love the waves of sea. True immortal love dazzles in soul. Like moon, Earth and stars souls here are singing about love and sea of love is God. A beautiful poem is composed excellently. This is very deep and heart touching poem.
June 2 at 11:23am
+++
Pintu Mahakul
In each word in this poem I see deep love for God only. I feel every words is flowing towards Sea of love who is God and every flow is like river flowing towards sea. This is an important poem.
June 2 at 11:27am
+++
Tribhawan Kaul
Very True. You have got the substance of the poem. :)
June 2 at 11:31am
+++
Pintu Mahakul
This is my pleasure to read your such beautiful poem.
June 2 at 11:45am
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Anjana Mishra
अति सुन्दर रचना
June 3
---------------via fb/TL
Mukesh Mira Maurya
ReplyDeleteबहुत उम्दा,उत्कृष्ट
सच्ची ऐसे लग जैसे बहुत दिनों बाद दिल को राहत मिली
मैं अभी अभी 5 बार पढ़ चुका
हर बार वही मज़ा ,वही धुन,वही ताल
It's one of my favorite
May 30 at 1:37pm
+++
Mukesh Mira Maurya
त्रिभवन सर ,,,, आप बहुत अच्छा लिखते है
May 30 at 1:39pm
-----------------------------------via fb/निर्झरणी भावनाओं की
Anjana Mishra
ReplyDeleteअति सुन्दर रचना
June 3 at 9:04am
----------------via fb/TL