यह कमाल की जिंदगी !
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यह जिंदगी भी कमाल की जिंदगी है !
खुद ही अपने जीवन से त्रस्त है
हर दूसरी जिंदगी , जो
काम, क्रोध, लोभ, मोह से ग्रस्त है
कंही व्यभिचार तो कंही दुराचार
कंही भ्रष्टाचार तो कंही अनाचार
किसी न किसी ' चार' का यहाँ बोलबाला है
जिंदगी सब कुछ सहती है
न जाने क्यूँ उसके मुंह पर ताला है ?
यह जिंदगी भी कमाल की जिंदगी है !
ज़्यादातर किस्मत की मोहताज रहती है
मंजिल पाने की ललक न हो
तो भटकाने की ताक़ में रहती है
राह सीधी मिले तो किस्मत का नाम होता है
न मिले तो बेचारा सिक्का बदनाम होता है !
यह जिंदगी भी कमाल की जिंदगी है !
मेहनत मजदूरी का ज्यादा मोल नहीं यहाँ
सच का मुखौटा पहन, झूठ का राज यहाँ
चीर हरण होते हैं सरे आम सडकों पर
चंद चांदी के सिक्के, और, बिके सैंकड़ों इमान यहाँ
विद्दम्ब्ना यह कि समय से पहले, जिंदगी
मौत को दावत नहीं दे सकती
जो देख रही है ,घटते हुए
'चलता है' के नाम पर
सुख से सो भी नहीं सकती.
चलो इस कमाल कि जिंदगी को
बेमिसाल बना दें
दुल्हन के समान सजा कर
इसको संवार दें.
' अपना भला ज़रूरी है '
यह सोंच बदल दें
नासूर बन गए ज़ख्मो पर
मरहम जो लगा दें
सच का आदर करें
' इज्ज़त ' को मान दें
नफरत की आग जब भड़के तो
एक प्यार कि जोत जला दें.
फिर मौत भी जिंदगी को
हंसकर यूँ गले लगाएगी
आत्मा भी पुन:जन्म पाने को
ललकित हो जाएगी.
हर जिंदगी तब बनेगी
कमाल से बेमिसाल
हर जिंदगी की होगी फिर
दास्ताँ बेमिसाल.
----------------------------------------सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल
Via FB/TL
ReplyDelete---------
Ramkishore Upadhyay
अनुपम ,,ज़िंदगी तो ज़िंदगी है ,हाँ ख़बर पल की नहीँ
पर हमें सामान तो सौ वर्ष का रखना पड़ा
May 3 at 1:40pm
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Sanjay Kumar Giri
' इज्ज़त ' को मान दें
नफरत की आग जब भड़के तो
एक प्यार कि जोत जला दें. एक सुन्दर संदेशात्मक रचना .हार्दिक बधाई आदरणीय
May 3 at 1:46pm
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अकेला इलाहाबादी
बेहद खूबसूरत।
May 3 at 1:50pm
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Adv.Dhirendra Kumar
बहुत सुन्दर बधाई हो
May 3 at 1:54pm
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Raj Kishor Pandey
बहुत सुंदर सोच एवं सार्थक रचना आदरणीय
May 3 at 2:19pm
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Seharyar Khan
Too touching
May 3 at 3:06pm
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Reeta Grover
बहुत सुंदर
May 3 at 3:08pm
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Prince Mandawra
बहुत ही सुंदर भावपूर्ण
May 3 at 3:16pm
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लव कुमार 'प्रणय'
वाहःहः वाहःहः
May 3 at 3:19pm
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Shashi Tyagi
वैचारिक क्रांति का युग है
May 3 at 3:40pm
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Indira Sharma
अद्भुत
May 3 at 3:57pm
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Main Hoon Ali
Dard bhari kavita kamal ki ....Waah.
May 3 at 6:19pm
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Jatinder Singh Bhogal
Very meaningful
May 3 at 6:28pm
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चंद्रकांता सिवाल
बहुत खूब सार्थक सादर
May 3 at 10:18pm
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Ravi Sharma
ReplyDeleteजिंदगी का विस्तृत वर्णन
May 3 at 3:15pm
+++
Ravi Sharma
जिंदगी कमाल है ।
भला -बुरा हाल है ।
May 3 at 3:16pm
------------------Via FB/Purple Pen
Chanchala Inchulkar Soni
ReplyDeleteसार्थक चिंतन .._/\_
May 3 at 1:32pm
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Kviytri Pramila Pandey
वाहह अतिसुन्दर,सादर नमन
May 3 at 1:38pm
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Sanjay Kumar Giri
वाह वाह वाह्ह अति सुन्दर रचना आदरणीय सादर प्रणाम आज बहुत दिन उपरान्त आपकी सुन्दर रचना को पढने का अवसर प्राप्त हुआ .
May 3 at 1:40pm
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राजकिशोर मिश्र 'राज' प्रतापगढ़ी
अतीव सुंदर सृजन आदरणीय नमन्
May 3 at 1:43pm
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Raj Kishor Pandey
वाह आदरणीय बहुत सुंदर सृजन
May 3 at 2:27pm
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विवेक चौहान
विवेक चौहान वाह आदरणीय बहुत खूब सुन्दर चिंतन मनन
May 3 at 7:56pm
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Ajay Bhojpuri
वाह बहुत सुंदर रचना
May 3 at 9:22pm
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DrDamyanti Sharma
बहुत ख़ूबसूरत सृजन वाह !
May 3 at 9:29pm
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गुप्ता कुमार सुशील
सादर नमन आपकी लेखनी को आदरणीय Tribhawan Kaul जी ...........शब्द शब्द में भाव ..............................अतुलनीय उद्गार प्रदत्त विधा में , जय हो |
May 3 at 11:34pm
=========================Via FB/Yua Utkarsh Sahityk Manch
Ramkishore Upadhyay
ReplyDeleteकमाल की रचना
May 3 at 8:53pm
-----------------Via True Media Sahiytk Manch
Neelofar Neelu
ReplyDeleteबेहद खूबसूरती से बयां किया ज़िंदगी को आदरणीय कौल साहब😊💐👍
Like • Reply • May 4 at 8:46am
-------------------------------via FB/Purple Pen
गुप्ता कुमार सुशील
ReplyDeleteअतुलनीय उद्गार , जय हो |
May 4 at 2:29am
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Hari Lakhera
सुन्दर, अति सुन्दर। कहीं बेहाल, कहीं बेमिसाल ज़िन्दगी।
May 4 at 6:11am
--------------------viaFB/TL
Omprakash Prajapati
ReplyDeleteउम्दा
May 4 at 8:55am
-----------------via FB/True Media
Mridula Joshi
ReplyDeleteखुद जियो औरों को भी जीने दो!सर्व जनहिताय की भावना लिए सुन्दर पंक्तियाँ!
May 5 at 10:28pm
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Vishwambhar Shukla
हार्दिक स्वागत आपका आदरणीय Tribhawan Kaul जी , बहुत ही सुन्दर और सार्थक सन्देश देती रचना _
नासूर बन गए ज़ख्मो पर
मरहम जो लगा दें
सच का आदर करें
' इज्ज़त ' को मान दें
नफरत की आग जब भड़के तो
एक प्यार कि जोत जला दें.
May 5 at 10:32pm
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Ravi Sharma
एक प्यार कि जोत जला दें.
फिर मौत भी जिंदगी को
हंसकर यूँ गले लगाएगी
आत्मा भी पुन:जन्म पाने को
ललकित हो जाएगी.
हर जिंदगी तब बनेगी
कमाल से बेमिसाल
हर जिंदगी की होगी फिर
दास्ताँ
जनहिताय की भावना लिए सुन्दर पंक्तियाँ!
May 5 at 10:48pm
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Kanti Shukla
शानदार रचना
May 6 at 1:25am
-----------------via fb/Muktak Lok
डॉ किरण मिश्रा
ReplyDeleteबहुत खूब
May 6 at 12:40pm
------------------via fb/TL