Tuesday 22 November 2016

'बस एक निर्झरणी भावनाओं की '


मेरे  द्वारा रचित मेरा तीसरा काव्यसंग्रह    'बस एक निर्झरणी भावनाओं की ' मेरे सम्मानीय साहित्य मनीषियों /  मित्रों के शुभ हाथों में . अपने सभी मित्रों से आग्रह करता हूँ की आप अमेज़न डॉट इन पर जाकर अपनी राय या स्टार वोटिंग ज़ाहिर करें।  तहे दिल से शुक्रिया।  
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Bas Ek Nirjharni Bhawnaon Ki (Hindi) available with:-
_/\_दोस्तों पुस्तक उपलब्ध है :- प्रकाशक :- हिंदुस्तानी भाषा अकादमी , 3675 , राजापार्क, रानीबाग़ , दिल्ली -110034 या अमेज़न डॉट इन (amazon.in) पर I
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2 comments:

  1. हार्दिक बधाई आपको आदरणीय त्रिभवन कौल जी , मुझे इस अनूठे सृजन की प्रति भेंट कर आपने अनमोल उपहार स्वरुप भावों और शब्दों की अद्भुत निर्झरिणी से मेरा साक्षात्कार करा दिया है , आपकी लेखनी की सशक्त अभिव्यक्ति सम्मोहित करती है और अमिट छाप छोडती है , नमन आपकी समर्थ लेखनी को !

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    1. तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय विश्वम्भर शुक्ल जी। _/\_

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