tag:blogger.com,1999:blog-5477761471463253441.post4183093750110180538..comments2023-06-28T02:26:44.071-07:00Comments on Tribhawan Kaul: 'बस एक निर्झरणी भावनाओं की 'Tribhawan Kaulhttp://www.blogger.com/profile/13087247132161171107noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5477761471463253441.post-55763359358429237862016-11-25T06:11:17.004-08:002016-11-25T06:11:17.004-08:00तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय विश्वम्भर शुक्ल जी। _/\...तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय विश्वम्भर शुक्ल जी। _/\_Tribhawan Kaulhttps://www.blogger.com/profile/13087247132161171107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5477761471463253441.post-19905649750675491662016-11-22T19:23:27.836-08:002016-11-22T19:23:27.836-08:00हार्दिक बधाई आपको आदरणीय त्रिभवन कौल जी , मुझे इस ...हार्दिक बधाई आपको आदरणीय त्रिभवन कौल जी , मुझे इस अनूठे सृजन की प्रति भेंट कर आपने अनमोल उपहार स्वरुप भावों और शब्दों की अद्भुत निर्झरिणी से मेरा साक्षात्कार करा दिया है , आपकी लेखनी की सशक्त अभिव्यक्ति सम्मोहित करती है और अमिट छाप छोडती है , नमन आपकी समर्थ लेखनी को !<br />विश्वम्भर शुक्ल https://www.blogger.com/profile/17762815573407737414noreply@blogger.com