Friday 1 July 2016

गीतिका

गीतिका
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मुस्कुराने का, कोई तो कारण चाहिए
दिल लगाने का, कोई तो कारण चाहिए II

हम करें बीबी से, दिलजोई अब रोज ही
दूर जाने का, कोई तो कारण चाहिए II

ज़ोर मारा क्यों महगाई ने, ख़ुदा' खैर कर
वेतन' बढ़ोत'री का, कोई तो कारण चाहिए II

बैठ कुर्सी पर चिपके नेता, बहस' बस करें
वि'रोध करने का, कोई तो कारण चाहिए II

चाँद ने ली अंग'ड़ाई, तारे सहमे क्यों' कर
ज्वार उठने का, कोई तो कारण चाहिए  II
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सर्वाधिकार सुरक्षित/ त्रिभवन कौल

4 comments:

  1. via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच.
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    राजकिशोर मिश्र 'राज' प्रतापगढ़ी 5:13pm Jul 1
    मुस्कुराने का, कोई तो कारण चाहिए
    दिल लगाने का, कोई तो कारण चाहिए II======================वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हलाजवाब सृजन क्या कहना है आपका

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  2. Vishwambhar Shukla
    वाह वाह आदरणीय 'कोई तो कारण चाहिए' बहुत खूब बेलौस अंदाज़ की रचना आपकी , हर पहलू को छुआ ,नमन अभिव्यक्ति को _
    ज़ोर मारा क्यों महगाई ने, ख़ुदा' खैर कर
    वेतन' बढ़ोत'री का, कोई तो कारण चाहिए ii
    बैठ कुर्सी पर चिपके नेता, बहस' बस करें
    वि'रोध करने का, कोई तो कारण चाहिए II
    July 1 at 6:21pm
    ========================via fb/Muktak Lok

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  3. Ramesh Sharma Raaj
    वाह वाह,बेहद सुन्दर रचना,आत्मीय बधाई,शुभकामनाएं आद० त्रिभवन कौल जी ,,,,सादर
    July 1 at 8:01pm
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    Kavita Sud
    चाँद ने ली अंगड़ाई, तारे सहमे क्यों' कर
    ज्वार उठने का, कोई तो कारण चाहिए
    एक अलग भाव की सुन्दर प्रभावी रचना,
    जी हां , कोई तो कारण चाहिए। नमन
    July 2
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    Vijay Tanna
    Waah
    July 2
    ===================via fb/Muktak Lok

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  4. Ramkishore Upadhyay
    बैठ कुर्सी पर चिपके नेता, बहस' बस करें
    वि'रोध करने का, कोई तो कारण चाहिए II--सामयिक और सुंदर
    July 1 at 5:33pm
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    Milan Singh
    बहुत सुन्दर और सामयिक सृजन।
    July 1 at 9:17pm
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    गुप्ता कुमार सुशील
    वाहहहहह......बहुत ही सार्थक व भावपूर्ण प्रस्तुति आदरणीय ... नमन लेखनी को |
    July 1 at 10:36pm
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    A.s. Khan
    Nisandeh Bhavpoorn Abhivyakti!........कोई तो कारण चाहिए II
    July 2 at 12:09pm
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    Pushp Lata
    वाह्ह्ह्ह्ह्ह् अति सुंदर सृजन
    July 2 at 12:18pm
    =====================via fb/YUSM

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