Wednesday 20 July 2016

"बस एक निर्झरणी भावनाओं की"

 "बस एक निर्झरणी भावनाओं की" मेरा तीसरा हिंदी काव्य संकलन है।    हिंदुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा इसका प्रकाशन मेरे लिए बड़े ही गर्व और हर्ष का विषय है।शीघ्र ही यह काव्य संकलन आपके हाथ में होगा।   मैं तहे दिल से  सर्वश्री आदरणीय सुधाकर पाठक जी , डॉ. पवन विजय जी , रामकिशोर उपध्याय जी, सुरेश पाल वर्मा 'जसाला' जी का , सुश्री डॉ. किरण मिश्रा जी एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी से जुड़े समस्त साहित्य मनीषियों का आभार व्यक्त करता हूँ. अपने उन सब मित्रों का / पाठक जन  का भी हार्दिक आभार जिनके समर्थन ने ,  मेरी रचनाओं  पर विवेचना युक्त सराहनीय प्रतिक्रियाओं ने मुझको हमेशा उत्साहित किया और उत्तम लेखन की और प्रेरणा दी. सादर।  



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