नारी
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नारी
है तो संसार है
नारी
ही स्रष्टी का
आधार है
नारी
नहीं तो कुछ भी
नहीं
नारी
बिना तो हम भी
नहीं.
नारी
होना फिर लानत है क्यूं ?
नारी
के लिए ज़लालत है क्यूं ?
नारी
ही क्यूँ बनती शिकार
नारी
की सुनता न कोई पुकार.
नारी
है बेटी, नारी बहू
नारी
है सास, नारी पोतोहू
नारी
ननद तो नारी भाभी
नारी
है बहना, नारी अर्दान्गिनी.
नारी
ने नारी को क्यूँ प्रताड़ित
किया ?
सास
ने बहू को जला क्यूं
दिया ?
ननद
ने क्यूं खायी भाभी से खार ?
नारी
ने छीना क्यूं दूजे का संसार ?
नारी
की शक्ति ने सब को
है माना
नारी
ने पर अपनी शक्ति
को न जाना
नारी
उठे तो दुर्गा बन
जाये
नारी
चले तो भूचाल आ
जाये
नारी
जहाँ उत्थान वहीँ है
नारी
नहीं शमशान वहीँ है.
फिर
नारी जन्म पर त्रिस्कार क्यूं
?
नारी
को केवल नर स्वीकार क्यूं
?
नारी
से नर को बल
है मिला
नारी
को नर से भला
क्या मिला.
नारी
जन्म की है ये
व्यथा
नारी
ने ही की नारी
की दुर्दशा
नारी
ने जो नारी का
साथ दिया होता
नारी
का यह शोषण कभी
न होता.
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सर्वाधिकार
सुरक्षित त्रिभवन कौल
Poem Posted on FB on 23 July 2016
ReplyDelete----------------------------------
Aruna Sharma
नारी ने जो नारी का साथ दिया होता
नारी का शोषण कभी न होता -----
कडवा सच--सही व सटीक__आदरणीय
July 23 at 5:15pm
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Kailash Nath Shrivastava
बहुत सुन्दर व्याख्या नारी जीवन की विसंगतियों की वाहहह
July 23 at 6:21pm
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वसुधा कनुप्रिया
नारी जन्म की है ये व्यथा
नारी ने ही की नारी की दुर्दशा........ सच कहा आपने, बहुत भावपूर्ण और सुन्दर अभिव्यक्ति, आदरणीय
July 23 at 7:23pm
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नीलोफ़र नीलू
नारी को समर्पित बेहद खूबसूरत रचना आदरणीय कौल साहब। सचमुच अधिकतर नारी ही नारी की विरोधी रही है, इसमें कोई संशय नहीं।😊💐👌
July 23 at 8:23pm
====================================via fb/Purple Pen
ReplyDeleteRajesh Joshi Bahut khoob.
July 23 at 5:52pm
=============================================via fb/PAU
Posted on MuktakLok on 22 July 2016
ReplyDelete---------------------------------------
Pawan Batra
आदरणीय बहुत खूब
July 22 at 9:25pm
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Lata Yadav
आदरणीय नमस्कार
नारी शक्ति भी पुरुष की मोहताज है लाजवाब रचना
•July 22 at 9:27pm
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Sandhya Singh
वाहहह बहुत खूब
July 22 at 9:39pm
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ओमप्रकाश गावशिन्दे ओम्
नारी की व्यथा का भावपूर्ण सृजन....
July 22 at 9:49pm
===============================via fb/Muktak Lok
Treena Mukerjea
ReplyDeleteनारी नारी की सबसे कटु शत्रु है .....
July 23 at 4:11pm
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Trimbak Kale
bahoot khub,,, chhan...
July 23 at 11:17pm
Trimbak Kale
नारीसे नारीका नाता है,
मद जााने कहांसेआता हैै...
फिर शुरु होती है रेेस,
एक दुजेको लाते है फेस...
हक जतानेकी चाहतने,
कुुछतो पानेकी आहतने,
मनको इस कदर घेर लिया,
अपनापन सारा छुट गया.
अपूर्ण..
२३ जूलै १६
२३..४५
टी. डी. काळे
July 24 at 12:15am
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Priyyadarshi Bairagi
A realistic narration .
July 24 at 8:26am
========================via fb/Max Meet Social
Mona Singh
ReplyDeleteवाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् अति सुंदर और सार्थक रचना आदरणीय
July 22 at 8:57pm
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गुप्ता कुमार सुशील
वाह्ह सार्थक उद्गार आदरणीय, नमन |
July 22 at 9:56pm
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Vivek Sharma Aastik
वाहहहहह बहुत खूब. आदरणीय
July 22 at 11:11pm
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Om Prakash Shukla
शानदार अभिव्यक्ति आदरणीय
सादर अभिनन्दन नमन
July 23 at 12:30am
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Mridula Shukla
Mridula Shukla
वाह्ह्ह्ह्ह् अतीव शानदार रचना
July 23 at 8:15am
======================via fb/YUSM