Sunday 6 December 2015

नया युग, नयी औरत




क्रोध भरी नज़रों से देखो मुझे
दोष का भागीदार बनाओ मुझे
प्यार को समझा सौदा या क़रार
भावनाहीन को कभी हुआ है प्यार.

तुम शरीर के कायल, मैं प्रेम की मस्तानी
तुम दुष्शासन के प्रतीक, मैं कृष्ण की दीवानी
तुम्हे है पसंद अँधेरा, मुझे चाहिए प्रकाश
कभी तो मेरी कसौटी पर खरे उतरते, काश !

औरत कभी बाजारू नहीं, वस्तु, ना ही बिकाऊ
मर्दों की इजाद यह सब, जब आये ना वह काबू
माँ, बेटी, पत्नी ,माँ  हैं जीवन आधार; ज्ञान होना चाहिए
शक्ति के सवरूप भी यह सब, यह ज्ञात होना चाहिए.

प्यार सबमे में निहित है, पर अलग अलग अंदाज़ है
यह हैं तो है यह जीवन, और यह संसार है.
औरत को कभी भी कम नहीं आंकना
भविष्य रहा है और रहेगा हमी से , अतीत में झांकना
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सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल

9 comments:

  1. ब्रह्माणी 'वीणा' हिन्दी साहित्यकार 6:42pm Dec 7
    वाहहहहहहहहहहहह,,,
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    Prince Mandawra 5:49pm Dec 7
    अनुपम लाजवाब नमन आपको
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    via fb/अपने भाव अपनी कविता.

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  2. Ramkishore Upadhyay 12:27pm Dec 7
    औरत कभी बाजारू नहीं, न वस्तु, ना ही बिकाऊ
    मर्दों की इजाद यह सब, जब आये ना वह काबू
    माँ, बेटी, पत्नी फिर माँ, हैं जीवन आधार; ज्ञान होना चाहिए
    शक्ति के सवरूप भी यह सब, यह ज्ञात होना चाहिए.,,,,,,,,,,,,,,,,,,नारी है संसार ...जगत का आधार ................यही सन्देश देती है यह रचना,,सार्थक सृजन के लिए बधाई आदरणीय
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    Vivek Sharma Aastik 12:09pm Dec 7
    वाहहहहह बहुत खूब. आदरणीय,
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    via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच.

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  3. Prince Mandawra 5:39pm Dec 7
    अनुपम रचना नमन आ. जी
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    Indira Sharma 1:10pm Dec 7
    अप्रतिम बधाई ।अति सुन्दर रचना
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    Sangita Goel 12:35pm Dec 7
    तुम शरीर के कायल, मैं प्रेम की मस्तानी
    तुम दुष्शासन के प्रतीक, मैं कृष्ण की दीवानी
    तुम्हे है पसंद अँधेरा, मुझे चाहिए प्रकाश
    कभी तो मेरी कसौटी पर खरे उतरते, काश !............काश ....सार्थक सृजन आदरणीय ..
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    via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच.

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  4. Rashmi Jain 3:10pm Dec 7
    बेहतरीन
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    via fb/कस्तूरी कंचन.

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  5. Ashok Kumar 3:03pm Dec 7
    बहुत बढिया
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    via fb/Poets Corner

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  6. Shyamal Sinha 2:57pm Dec 7
    वाहहह वाहहह बहुत सुन्दर रचना
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    via fb/सुप्रभात मंच - SUPRABHAT MANCH

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  7. Fatima Afshan 9:37pm Dec 7
    सुन्दर :)

    via fb/The Poetry Society of India.

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  8. Milan Singh 10:43pm Dec 7
    वाहहहह।अतीव सुन्दर सृजन।
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    via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच.

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  9. via fb/सुप्रभात मंच - SUPRABHAT MANCH.
    Chetna Sagar 7:15pm Dec 18
    तुम दु:शासन के प्रतीक ,मैं कृष्ण की दीवानी ,,----so nice
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