चतुष्पदी (Quatrain)-19
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नारी जहाँ, उत्थान वहीँ
है
नारी नहीं, शमशान वहीँ
है
तीन रूप में है प्यार जीवित
पुरुष जात का सम्मान वहीं
है
naari jahan, uthaan vahin hai
naari nahi, shamshaan vahin hai
teen roop mein hai pyar jeevit
purush jaat kaa samman vahin hai
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सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल
Ramkishore Upadhyay 11:15pm Dec 22
ReplyDeleteतीन रूप में है प्यार जीवित
पुरुष जात का सम्मान वहीं
===========================अति उत्तम आदरणीय
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Shipra Shilpi 1:03am Dec 23
ReplyDeleteWaahhhh wahhhhh bahut sunder saarthak prastuti sir..haardik badhai aapko
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Sangita Goel 11:59pm Dec 22
बहुत हीसुंदर भावआदरणीय
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Sushma Singh 11:40pm Dec 22
बहुत सुंदर आदरणीय sir
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एक लेखक विवेक चौहान 10:07pm Dec 22
बहुत सुन्दर भाव
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Poet M Hussainabadi Mujahid 10:05pm Dec 22
वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् बहुत खूब
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Lokendra Mudgal 10:03pm Dec 22
Behtarin saty sarthak srijan sir ji . Atisundar . Sadar vandan
Prince Mandawra 3:02pm Dec 23
ReplyDeleteशानदार वाह्ह्ह्ह्ह
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मुरारि पचलंगिया 12:15pm Dec 23
बहुत सुन्दर रचना
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प्रबोध मिश्र 12:13pm Dec 23
सुंदर भाव।
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Ashok Ashq 12:10pm Dec 23
वाह्ह्ह्ह्ह बेहतरीन
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