गीतिका
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पदांत :- के
समान्त:- ईर
मापनी :- ११२ १२१ २२१ १२१ १२ ( ' matra patan )
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गुम हो गये
सितारे तकदीर के
धा'र पर
है' जान मेरी
,शमशीर के.
सोचा पनाह ले
लूँ मस्ती में'
ई'श
सच तो यही,मिले बिन
तदबीर के.
सपने सभी छलावे
निकले या'रब
सपनो का' क्या
, हो'ते बिन
ताबीर के.
भटका तलाश में
तेरी दरबदर
कदमो गिरा पहाड़ी
दस्तगीर के.
डर में इं'सान अब
ना जीवन काटे
कर प्रार्थना झुकूं क़दमों
पीर के.
त्रिभवन नफरत पैगाम
शै'तान का
रहे' भाल ऊँच
पर शान्तिवीर के.
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via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच.17Dec2015
ReplyDeleteRamkishore Upadhyay
Ramkishore Upadhyay 10:36pm Dec 17
डर में इं'सान अब ना जीवन काटे
कर प्रार्थना झुकूं क़दमों पीर के.----अनुपम सृजन ........
Poet M Hussainabadi Mujahid 11:44pm Dec 17
ReplyDeleteअच्छा भाव ,,,बहुत सार्थक,,डर में,,,क्या बात है
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via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच.17Dec2015
via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच.
ReplyDeleteChanchlesh Shakya 6:23pm Dec 17
वाहहहहह वाहहहह अति उत्तम
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Ashok Ashq 5:31pm Dec 17
वाहहहहह वाहहहहह शानदार
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Milan Singh 5:00pm Dec 17
बहुत ही खूबसूरत सृजन।
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गुप्ता कुमार सुशील 4:38pm Dec 17
वाह्ह उत्तम भाव समाहित सृजन आदरणीय |
Deo Narain Sharma 3:39pm Dec 17
ReplyDeleteधार पर है जान मेरी शमशीर के।वाहहहहहहहलाजवाव सुन्दर भाव।
सुन्दर सृजन और भाव।
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अकेला इलाहाबादी 1:17pm Dec 17
वाह वाह ............................बहुत खूब ..|
--------via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच.--------------------------------
via fb/ युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच.
ReplyDeleteNirmal Arya 1:16pm Dec 17
वाह्ह्ह....बहुत खूब ...
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Pushp Lata 1:11pm Dec 17
वाहहहहह वाहहहहह शानदार (Y)
via fb/ मुक्तक-लोक.
ReplyDeleteप्रो. विश्वम्भर शुक्ल
December 18 at 8:35am
स्वागतम आदरणीय Tribhawan Kaul जी , बहुत खूबसूरत युग्मों से सजी गीतिका , पढकर मुग्ध हूँ ,बधाई आपको _
गुम हो गये सितारे तकदीर के
धा'र पर है' जान मेरी ,शमशीर के.
सोचा पनाह ले लूँ मस्ती में' ई'श
सच तो यही,मिले बिन तदबीर के.
सपने सभी छलावे निकले या'रब
सपनो का' क्या , हो'ते बिन ताबीर के.
Om Prakash Shukla
ReplyDeleteDecember 18 at 8:39pm
वाह वाह वाह बहुत खूब आदरणीय वाल
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Suresh Pal Verma Jasala
December 18 at 8:40pm
वाहहहहह,, आदरणीय बहुत सुन्दर
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गोप कुमार मिश्र
December 18 at 8:45pm
वाहहहह अनुपम सृजन बधाई सादर सप्रेम
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Shyamal Sinha
December 18 at 8:48pm
वाहहह वाहहह बहुत सुन्दर गीतिका
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Yaseen Anwer
December 18 at 8:49pm
Acchha hai Tribhawan ji
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Indira Sharma
December 18 at 9:00pm
उमदा
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Ramkishore Upadhyay
December 18 at 9:07pm
त्रिभवन नफरत पैगाम शै'तान का रहे' भाल ऊँच पर शान्तिवीर के.===अति सुंदर और सार्थक सृजन
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Suresh Goswami Sureshji
December 18 at 9:12pm
वाह्ह्ह्ह् सर, क्या बात है, बहुत सुंदर।
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Rakhi Shrma
December 18 at 9:34pm
Behtereeen
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Main Hoon Ali
December 18 at 10:18pm
Bahot khoob
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वसुधा कनुप्रिया
December 18 at 10:57pm
Wow, such a beautiful presentation, Sir (Y)
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Kanti Shukla
December 18 at 11:16pm
वाह अति उत्तम
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via fb
DrShaista Irshad
ReplyDeleteDecember 19 at 8:00am
Zabardast waaah khoob waah
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Lata Yadav
December 19 at 12:54pm
वाहहहह लाजवाब रचना गुम होगये सितारे --- वाहहहह
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Shwetabh Pathak
December 19 at 1:22pm
वाह वाह ! सुन्दर रचना !
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Aparna Pathak
December 19 at 7:07pm
Khoob
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via fb