चतुष्पदी (Quatrain)-16
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मुखोटे
तो कई है कोई नज़र नहीं आता
कौन
सच्चा कौन झूठा नज़र नहीं आता
मुखोटे
चेहरे से जिस दिन उतर जातें है
बंदा
इस शहर में फिर नज़र नहीं आता
Mukhote to kayi hain koyi nazar nahi aata
kaun sachaa kaun jhutha nazar nahi aata
mukhote chehre se jis din utar jaaten hain
banda is shahar mein phir nazar nahi aata.
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सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन
कौल
Dogendra Singh Thakur 6:07pm Nov 6
ReplyDeleteWaahh sarthak sir......
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Ramesh Pathania 5:43pm Nov 6
Bahut hee sateek sir
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नीलोफ़र नेहा 5:42pm Nov 6
बिलकुल सही जी
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Ramkishore Upadhyay 5:49pm Nov 6
ReplyDeleteमुखोटे चेहरे से जिस दिन उतर जातें है
बंदा इस शहर में फिर नज़र नहीं आता...........................वाह अनुपम सार्थक और सत्य के बिलकुल निकट ...बधाई ..आदरणीय
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Om Prakash Shukla 8:10pm Nov 6
ReplyDeleteवाह वाह
बहुत खूब
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अरुण शर्मा 7:12pm Nov 6
बिल्कुल सत्य सर जी।
अति उत्कृष्ट सृजन।
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Pradeep Sharma 6:13pm Nov 6
वाह वाहहह
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Keshav Kumar 6:07pm Nov 6
Superb sir
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Prince Mandawra 11:04pm Nov 6
ReplyDeleteशानदार
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Shailesh Gupta 10:19pm Nov 7
ReplyDeleteबहुत ख़ूब....
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Rose Angel Rajshree Kaul 8:48pm Nov 7
क्या बात ,,
सटीक
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गुप्ता कुमार सुशील 9:24pm Nov 7
ReplyDeleteसुन्दरतम चिंतन युक्त व प्रेरक मुक्तक को सादर नमन |
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Ramesh Raj 6:17pm Nov 7
उम्दा
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