Wednesday 12 September 2018

हाइकु विधा में हाइकु श्रृंखला।


मृतक शिशु 
विध्वंस मानवता 
पुनर्स्थापन
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नदिया पार 
वृक्ष पंछी बयार   
सखियाँ झूलें
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रक्तिम छोर 
चले घर की ओर 
मच्छी बाज़ार
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क्षुब्द सागर 
त्रासित नभचर 
भू प्रकोपित
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल

1 comment:

  1. Comments via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (न्यास)
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    Chanchala Inchulkar Soni 6:19pm Sep 12
    वाह अति सुंदर
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    Sudha Ahluwalia 6:19pm Sep 12
    वाह अतीव सुंदर मनमोहक रचना
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    Ravinder Jugran 6:19pm Sep 12
    एक से एक ,,बहुत खूब
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    Sharda Madra 6:19pm Sep 12
    अत्यंत सुंदर भाव लिए हाइकु।
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    Mahatam Mishra 6:19pm Sep 12
    अतीव सुंदर हाइकु आदरणीय वाह वाह
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    Kavita Sud 6:19pm Sep 12
    सुन्‍दर भाव सृजन
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    Arun Dev Yadav 10:53pm Sep 12
    बहुत सुंदर
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    गुप्ता कुमार सुशील 10:53pm Sep 12
    वाहह भावपरक सुन्दर उद्गार आदरणीय.🙏

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