मृतक शिशु
विध्वंस मानवता
पुनर्स्थापन
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नदिया पार
वृक्ष पंछी बयार
सखियाँ झूलें
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रक्तिम छोर
चले घर की ओर
मच्छी बाज़ार
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क्षुब्द सागर
त्रासित नभचर
भू प्रकोपित
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
Comments via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (न्यास)
ReplyDelete--------------------------------------------
Chanchala Inchulkar Soni 6:19pm Sep 12
वाह अति सुंदर
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Sudha Ahluwalia 6:19pm Sep 12
वाह अतीव सुंदर मनमोहक रचना
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Ravinder Jugran 6:19pm Sep 12
एक से एक ,,बहुत खूब
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Sharda Madra 6:19pm Sep 12
अत्यंत सुंदर भाव लिए हाइकु।
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Mahatam Mishra 6:19pm Sep 12
अतीव सुंदर हाइकु आदरणीय वाह वाह
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Kavita Sud 6:19pm Sep 12
सुन्दर भाव सृजन
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Arun Dev Yadav 10:53pm Sep 12
बहुत सुंदर
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गुप्ता कुमार सुशील 10:53pm Sep 12
वाहह भावपरक सुन्दर उद्गार आदरणीय.🙏