Sunday 27 September 2015

उत्कृष्ट व्यक्तित्व नरेंद्र मोदी :- मेरी नज़र से

उत्कृष्ट व्यक्तित्व नरेंद्र मोदी :- मेरी नज़र से
-------------------------------------------------

स्प्ज द्वारा रचित 'उत्कृष्ट व्यक्तित्व नरेंद्र मोदी ' पुस्तक २५ सितम्बर २०१५ के दिन हुई  युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच की मासिक बैठक में सप्रेम भेंटः सवरूप जब स्प्ज जी से प्राप्त हुई  तो पुस्तक के आवरण ने ही मन मोह लिया. मोदी जी जैसे महान व्यक्तित्व के जीवन के कुछ अछूते पहलुओं को इस पुस्तक में उजागर किया है. किसी भी व्यक्ति का जीवन वृतांत लिखना सहज नहीं होता. यह कार्य और भी दुष्कर हो जाता है जब जीवनी एक राजनायक/राजनेता से सम्बंधित हो क्यूंकि ऐसी स्थिति में लेखक को उस व्यक्तित्व का पूर्ण अध्यन और सूक्ष्म शोध करना पड़ता है. पुस्तक में समाचार पत्रों से, पत्र-पत्रिकाओं से मोदी जी के जीवन के उन क्षणों को/ घटनाओं को क्रमबद्र् कर लिपिबद किया है जिनकी छाप भारत के जन मानस पर अमित छाप छोड़ चुकी हैं है. यह स्प्ज जी की लेखनी का ही कमाल है की एक बार पाठक पुस्तक को हाथ में लेले तो नाव में सवार नाविक की तरह मोदी जी की जीवन शैली और शानदार व्यक्तित्व नामक सरिता के प्रवाह में बहता जाता है. भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के बाल्यकाल के जीवन से लेकर उनके प्रधान मंत्री बननेतक का सफर स्प्ज जी ने जिस प्रकार से अपनी सशक्त लेखनी द्वारा उकेरा है वह पढ़ते ही बनता है. छोटे छोटे अध्यायों में मोदी जी का व्यक्तित्व, उनकी ऊर्जा स्तोत्र, उनके कर्मठ जीवन से जुड़े संस्मरण एवं प्रकरण जिस प्रकार से प्रस्तुत किया है वह एक कालपुरुष के जीवन के समुचित शोध का ही परिणाम हो सकता है जो लेखक के अपने विषय वस्तु के प्रति पूरी निष्ठां और आसक्ति दिखलाता है और जिसका निर्वाह स्प्ज जी ने बहुत ही ईमानदारी से किया है. मोदी जी के जीवन से सम्बंधित बहुत पुस्तकें बाज़ार में है पर ' 'उत्कृष्ट व्यक्तित्व नरेंद्र मोदी ' इस क्षेत्र में एक अलग पुस्तक है जो मोदी जी के जीवन के उन घटनाओं को प्रकाश में लाती हैं जो मोदी जी से जीवन ऊर्जा से, उनकी भावुकता से, उनकी सकारात्मक सोच से, उनके मात प्रेम से, उनकी देशभक्ति से पाठक को सहज और सरल रूप से रूबरू कराती है.
मैं स्प्ज जी को हृदयतल से बधाई देता हूँ और विश्वस्त हूँ कि 'उत्कृष्ट व्यक्तित्व नरेंद्र मोदी ' प्रकाशन क्षेत्र मैं सफलता के नए आयाम प्राप्त करेगी.
त्रिभवन कौल
स्वतंत्र लेखक-कवि

27-09-2015

3 comments:



  1. Om Neerav
    September 27 at 11:22pm

    इस पुटक को मैंने ही नहीं अपितु मेरे पिता जी ने भी बड़ी रुचि से पढ़ी ! पूरी पढ़कर बहुत प्रसन्न हुये ।

    via fb

    ReplyDelete
  2. Ramkishore Upadhyay 11:02pm Sep 27
    बहुत ही सुंदर समीक्षा की पुस्तक की आपने आदरणीय ..
    ------------------------------------------------------------------
    प्रो. विश्वम्भर शुक्ल 9:07pm Sep 27
    पुस्तक की विस्तृत सराहना की पोस्ट की आपको हार्दिक बधाई Tribhawan Kaul जी ,हार्दिक अभिनन्दन आदरणीय Suresh Pal Verma Jasala जी !
    --------------------------------------------------------------------------------------
    Aradhana Prasad 8:55pm Sep 27
    हार्दिक बधाई।
    -----------------------------------------------------------------------------
    Suresh Pal Verma Jasala 7:14pm Sep 27
    आदरणीय यह सब आप जैसे लेखनी के धनी के पावन स्नेह एवं आशीष के प्रताप का ही प्रतिफल है
    ---------------------------------------------------------------------------------------------------
    Suresh Pal Verma Jasala 7:13pm Sep 27
    आपके द्वारा प्रस्तुत सचित्र शुभकामनाओं के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद
    --------------------------------------------------------------------------------------
    Rajmishra Mishra Raj Pbh 4:51pm Sep 27
    हार्दिक बधाई
    ---------------------------
    via fb YUSM

    ReplyDelete
  3. गोप कुमार मिश्र 4:33pm Sep 27
    हार्दिक बधाई
    -------------------------------------------------------
    Om Prakash Shukla 4:12pm Sep 27
    बहुत सुन्दर समीक्षा और अत्ममीय संदेश ।
    शुभ कामनाएँ ।।
    -------------------------------------------------------------------------
    Laxmanprasad Raamaanuj Ladiwala 4:04pm Sep 27
    हार्दिक बधाई

    via yusm

    ReplyDelete