आते हैं वह आंधी की तरह
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आते हैं वह आंधी की तरह
जाते हैं तूफ़ान की मानिंद
कुछ उनसे क्या कहे कोई
उझड़े तो हम ही जाते हैं.
रोने को पड़ी है सारी ज़िन्दगी
दो पल की हंसी गनीमत है
जो कहा कुछ पल हंस तो लो
नाराज़ हो कर चले जाते हैं.
सब कुछ दिया सिवा प्यार के
चर्चा भी करें तो आफ़त है
अश्को की भाषा समझते नहीं
आँखों की तारीफ किये जाते हैं.
सरे महफ़िल में हमको किया रुसवा
सिर्फ अपना ग़म गलत करने को
मेरे प्यार से तब भी न की तोबा
मेरा नाम हर साँस में लिए जाते हैं.
ओ उनके ईश्वर, ओ मेरे ख़ुदा
मोहोब्त में जीये हो जीने दिया है
मेरे प्यार को न दो बेरुखी का नाम
इसी के सहारे तो जीये जाते हैं.
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सर्वाधिकार सुरक्षित/ त्रिभवन कौल
Sonia Gupta 6:45pm Sep 30
ReplyDeletesirrrrrrrrrrrrr awesome
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Jyoti Poddar 5:14pm Sep 30
Superb
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Shachii Kacker 4:58pm Sep 30
सरे महफिल में हमको करा रूसवा,,,खुब
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via fb/Poets Corner
Jyoti Arya 8:58pm Sep 30
ReplyDeleteBeautiful depiction of unrequited love...Tribhuwan Ji...
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Reena Das 8:12pm Sep 30
kya baat hai.lvly shade f deep lv
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via fb/PC
Neelam Hasteer 7:20pm Sep 30
ReplyDeleteअति सुन्दर सृजन । भावपूर्ण अभिव्यक्ति ।
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Rose Angel Rajshree Kaul 5:46pm Sep 30
ReplyDeleteIt reminded me of a few old legendry lyrics ...
A beautiful and simple work
via fb/Purple Pen
Shaista Irshad 11:52am Oct 2
ReplyDeleteBahot shaandar
via fb/PAU
Shailesh Gupta 8:19am Oct 1
ReplyDeleteक्या ख़ूब..... बहुत उम्दा....
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वसुधा 'कनुप्रिया' 12:02am Oct 1
Isii ke sahaare to jiye jaate hain....
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via fb/Purple Pen
Sangeeta Yadav 10:09am Oct 1
ReplyDeleteSundar line
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Main Hoon Ali 9:20pm Sep 30
Unrequited love....the sooner it sops the better.....iss kahawat ko aap ne galat kr diya iss kavita me.waaaaah sir
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