$ बुजर्ग
दिवस पर मेरी दुपदी आपके समक्ष प्रस्तुत है.$
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बचपन
भी खोया, जवानी भी खोयी, खोयी अपनी प्रौढ़ावस्था भी
प्यार
की कमी कब हमने रखी थी जो बच्चों ने हमसे नज़र फेर ली.
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सर्वाधिकार
सुरक्षित/ त्रिभवन कौल
Lokendra Mudgal 5:51pm Jun 15
ReplyDeleteBahut khoob aadarniy shri ji umda
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Prince Mandawra 7:07pm Jun 15
आपकी रचना से समूह ऊर्जावान हो गया
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Mahima Verma 7:06pm Jun 15
वाह्ह्ह्ह,, बहुत सुन्दर,,
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जितेन्र्द कुमार 'राजन' 7:30pm Jun 15
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
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Prince Mandawra 7:19pm Jun 15
गजब
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Ddm Tripathi 7:32pm Jun 15
ReplyDeleteअसहाय माता-पिता की पीर का खूबसूरत चित्रण...नमन
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Markandey Shardey 8:47pm Jun 15
ReplyDeleteआह !बड़ी टीस है ।
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Chanchlesh Shakya 2:47pm Jun 16
ReplyDeleteअतीव सुंदर
सादर नमन
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Sheikh Shahzad Usmani 10:48am Jun 16
बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय
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Om Prakash Shukla 10:03am Jun 16
बहुत सुन्दर श्रीमान
सादर अभिनन्दन है
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डॉ प्रमोद कुमार पुरी 7:50pm Jun 15
ReplyDeleteउम्दा
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Manish Tyagi 7:43pm Jun 15
Sunder
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Sharda Madra 7:51pm Jun 16
ReplyDeleteवाह बहुत खूब
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Shipra Shilpi 4:12pm Jun 16
वाह्ह्हह्ह बहुत सुन्दर सार्थक प्रस्तुति ...हार्दिक बधाई
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Nk Manu 3:54pm Jun 16
सुंदर भावपूर्ण रचना।।
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Ramkishore Upadhyay 3:13pm Jun 16
कटु सत्य ,,,सुंदर रचना
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