Thursday 23 July 2015

वर्ण पिरामिड

वर्ण पिरामिड 
-----------------
रहे
गांव के
...पनघट
हाय ! दुल्हन
कित जाय, कर
श्रृंगार,........झटपट
-----------------------
सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल

थी
कभी
संस्कृति
जल स्तोत्रों
में पनपती
पास कुंओं के भी
तर्क वितर्क से भी
---------------------

सर्वाधिकार सुरक्षित/ त्रिभवन कौल       

4 comments:

  1. Shyamal Sinha 4:59pm Jul 23
    बहुत ख़ूब पिरामिड को नमन्

    via fb/VP

    ReplyDelete
  2. Seema Vyas 5:43pm Jul 23
    आद० बहुत सुन्दर ।
    गांव की बालाओं का तो पनघट ही सब है ।
    सादर नमन ।
    via fb/VP

    ReplyDelete
  3. Kailash Nath Shrivastava 6:06pm Jul 23
    सुन्दर. सरस रचना .कुछ दिनों में बच्चों को बताना पड़ेगा कि कुएँ क्या और
    कैसे होते थे. .कूप', कुआाँ शब्दकोष में ही दिखेगा

    via fb/VP

    ReplyDelete
  4. Shyamal Sinha 6:08pm Jul 23
    सही कहा भ्राताश्री !

    via fb/VP

    ReplyDelete