Friday 28 November 2014

हर परिस्थिती का सामना (har Prasithiti ka saamna )

हर परिस्थिती का सामना करना तुम सीख लो

हर लगी चोट पर मलहम लगाना तुम सीख लो

मात्र घबरा के पहुंचना हताशा के छोर पर

जीवन को शर्तों पर अपनी जीना तुम सीख लो

har prasthiti kaa saamna karna tum seekh lo

har lagi chot pr malham lagaana tum seekh lo

maatr gabra ke n pahunchna hataasha ke kagaar pr

jeevan ko sharton pr apni jeena tum seekh lo
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सर्वाधिकार सुरक्षित त्रिभवन कौल

9 comments:

  1. Satish Gupta 1:54pm Nov 28
    केवल आपके ही भाव दिल को ही थाम लेते हैं
    दुनिया के बहुतेरे लोगं हिय को गमगीर करते हैं
    यो अपकी रचना नये जीवन का आगाज करती हैं
    बधाई
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    Sangeet Pandey 12:10pm Nov 28
    बेहद खूबसूरत अत्यंत सराहनीय वाह क्या बात है
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    Ramkumar Chaturvedi 12:03pm Nov 28
    सुंदर भावाभिव्यक्ति ,लाजवाब सृजन

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  2. Uddhav Deoli 3:14pm Nov 28
    मात्र घबरा के न पहुंचना हताशा के छोर पर
    जीवन मिला है तो अपनी शर्तों पर जीना सीख लो|\ वाह्ह्ह मान्यवर सही लिखा |
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    Sunil Gupta 2:11pm Nov 28
    सुन्दर
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    Satish Verma 2:06pm Nov 28
    अतीव उत्साहवर्द्धक और प्रेरणात्मक अभिव्यव्यक्ति : हितकारी संदेश । पर एक बात समझ से परे है, अगर आपके ये संदेश सर्वाधिकार सुरक्षित है , तो फिर इस पर अनुकरण कोई कैसे करेगा, आदरनीय त्रिभुवन कौल जी ? ,, अन्यथा न ले , ये बात मात्र मैं ने हास परिहास के रूप में कहा है ।

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  3. via fb/kavitalok

    Kailash Chand 6:46pm Nov 28
    वाह्ह्ह्ह्ह्ह
    बहुत खूब अति सुंदर सार्थक एवं प्रेरक अभिव्यक्ति
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    Arun Sharma 6:32pm Nov 28
    सुन्दर सृजन आदरणीय
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    Pawan Batra 6:21pm Nov 28
    आदरणीय बहुत सुन्दर

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  4. via fb/kavitalok
    Om Prakash Nautiyal 6:56pm Nov 28
    बहुत सुन्दर !

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    सूक्ष्म लता महाजन 6:53pm Nov 28
    मात्र घबरा के न पहुंचना हताशा के छोर पर
    जीवन मिला है तो अपनी शर्तों पर जीना सीख लो ...वह्ह्हवाह्ह्ह्हह बहुत खूब माननीय

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  5. via fb/kavitalok

    Manoj Manav 7:22pm Nov 28
    सुन्दर पंक्तिया वाह्ह्ह्ह्ह्
    Uma Prasad Lodhi 6:57pm Nov 28
    अति सुन्दर ।

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  6. via fb/kavitalok

    Prithviraj Singh 7:52pm Nov 28
    वाह वाहह्ह्ह्ह्ह
    बेहद सुन्दर

    अति उम्दा
    बहुत खूब

    ला ज़ वा ब ।।

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    Sanjay Shrivastava Pragya 7:51pm Nov 28
    शानदार और सार्थक अभिव्यक्ति के लिये आपकी लेखनी को नमन ! बेहद खूबसूरत अत्यंत सराहनीय वाह ! क्या बात है लाजवाब सृजन के लिए बधाई स्वीकार करें .

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  7. via fb/kavitalok

    Puneet Maheshwari Mizazi 8:33pm Nov 28
    Bahut sundar aadardiya

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  8. via fb/मुक्तक-लोक. january 2015
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    Musafir Vyas 2:22am Jan 3
    बहुत अनुपम
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    Deepshikha Sagar 1:50am Jan 3
    वाह्ह्ह्ह्ह्ह् बेहतरीन सृजन

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  9. via fb/मुक्तक-लोक. January 2016
    Deo Narain Sharma 6:51pm Jan 2
    जीवन को शर्तो पर अपनी जीना तुम सीख लो।
    वाहहहहहहहलाजवाव सत्य भाव।
    सकारात्मक सोज ही जीव के सुन्दर गुण है।
    सुन्दर रचना
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    Prince Mandawra 6:43pm Jan 2
    क्या बात है आ. जी वाह्ह्ह्ह्ह शानदार
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    हरीश लोहुमी 6:42pm Jan 2
    सुंदर संदेशप्रद प्रस्तुति सहित आपका हार्दिक स्वागत आदरणीय !
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    Laxmanprasad Raamaanuj Ladiwala 6:27pm Jan 2
    सुंदर सीख भरा मुक्तक । वाह !
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    अरुण शर्मा 6:10pm Jan 2
    वाह्ह्ह्ह्ह् वाह्ह्ह्ह्ह्
    सीख भरी सृजन आदरणीय श्री ।
    नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं सादर नमन ।

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