हर परिस्थिती का सामना करना तुम सीख लो
हर लगी चोट पर मलहम लगाना तुम सीख लो
मात्र घबरा के न पहुंचना हताशा के छोर पर
जीवन को शर्तों पर अपनी जीना तुम सीख लो
har prasthiti kaa saamna karna tum seekh
lo
har lagi chot pr malham lagaana tum
seekh lo
maatr gabra ke n pahunchna hataasha ke
kagaar pr
jeevan ko sharton pr apni jeena tum
seekh lo
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सर्वाधिकार सुरक्षित त्रिभवन कौल
Satish Gupta 1:54pm Nov 28
ReplyDeleteकेवल आपके ही भाव दिल को ही थाम लेते हैं
दुनिया के बहुतेरे लोगं हिय को गमगीर करते हैं
यो अपकी रचना नये जीवन का आगाज करती हैं
बधाई
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Sangeet Pandey 12:10pm Nov 28
बेहद खूबसूरत अत्यंत सराहनीय वाह क्या बात है
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Ramkumar Chaturvedi 12:03pm Nov 28
सुंदर भावाभिव्यक्ति ,लाजवाब सृजन
Uddhav Deoli 3:14pm Nov 28
ReplyDeleteमात्र घबरा के न पहुंचना हताशा के छोर पर
जीवन मिला है तो अपनी शर्तों पर जीना सीख लो|\ वाह्ह्ह मान्यवर सही लिखा |
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Sunil Gupta 2:11pm Nov 28
सुन्दर
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Satish Verma 2:06pm Nov 28
अतीव उत्साहवर्द्धक और प्रेरणात्मक अभिव्यव्यक्ति : हितकारी संदेश । पर एक बात समझ से परे है, अगर आपके ये संदेश सर्वाधिकार सुरक्षित है , तो फिर इस पर अनुकरण कोई कैसे करेगा, आदरनीय त्रिभुवन कौल जी ? ,, अन्यथा न ले , ये बात मात्र मैं ने हास परिहास के रूप में कहा है ।
via fb/kavitalok
ReplyDeleteKailash Chand 6:46pm Nov 28
वाह्ह्ह्ह्ह्ह
बहुत खूब अति सुंदर सार्थक एवं प्रेरक अभिव्यक्ति
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Arun Sharma 6:32pm Nov 28
सुन्दर सृजन आदरणीय
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Pawan Batra 6:21pm Nov 28
आदरणीय बहुत सुन्दर
via fb/kavitalok
ReplyDeleteOm Prakash Nautiyal 6:56pm Nov 28
बहुत सुन्दर !
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सूक्ष्म लता महाजन 6:53pm Nov 28
मात्र घबरा के न पहुंचना हताशा के छोर पर
जीवन मिला है तो अपनी शर्तों पर जीना सीख लो ...वह्ह्हवाह्ह्ह्हह बहुत खूब माननीय
via fb/kavitalok
ReplyDeleteManoj Manav 7:22pm Nov 28
सुन्दर पंक्तिया वाह्ह्ह्ह्ह्
Uma Prasad Lodhi 6:57pm Nov 28
अति सुन्दर ।
via fb/kavitalok
ReplyDeletePrithviraj Singh 7:52pm Nov 28
वाह वाहह्ह्ह्ह्ह
बेहद सुन्दर
अति उम्दा
बहुत खूब
ला ज़ वा ब ।।
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Sanjay Shrivastava Pragya 7:51pm Nov 28
शानदार और सार्थक अभिव्यक्ति के लिये आपकी लेखनी को नमन ! बेहद खूबसूरत अत्यंत सराहनीय वाह ! क्या बात है लाजवाब सृजन के लिए बधाई स्वीकार करें .
via fb/kavitalok
ReplyDeletePuneet Maheshwari Mizazi 8:33pm Nov 28
Bahut sundar aadardiya
via fb/मुक्तक-लोक. january 2015
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Musafir Vyas 2:22am Jan 3
बहुत अनुपम
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Deepshikha Sagar 1:50am Jan 3
वाह्ह्ह्ह्ह्ह् बेहतरीन सृजन
via fb/मुक्तक-लोक. January 2016
ReplyDeleteDeo Narain Sharma 6:51pm Jan 2
जीवन को शर्तो पर अपनी जीना तुम सीख लो।
वाहहहहहहहलाजवाव सत्य भाव।
सकारात्मक सोज ही जीव के सुन्दर गुण है।
सुन्दर रचना
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Prince Mandawra 6:43pm Jan 2
क्या बात है आ. जी वाह्ह्ह्ह्ह शानदार
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हरीश लोहुमी 6:42pm Jan 2
सुंदर संदेशप्रद प्रस्तुति सहित आपका हार्दिक स्वागत आदरणीय !
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Laxmanprasad Raamaanuj Ladiwala 6:27pm Jan 2
सुंदर सीख भरा मुक्तक । वाह !
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अरुण शर्मा 6:10pm Jan 2
वाह्ह्ह्ह्ह् वाह्ह्ह्ह्ह्
सीख भरी सृजन आदरणीय श्री ।
नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं सादर नमन ।