Wednesday 19 November 2014

मछली रानी मछली रानी

मछली रानी मछली रानी

मछली रानी मछली रानी
बड़ी अनोखी तेरी कहानी
पानी के अंदर तू रहती
सर्दी गर्मी सब कुछ तू सहती
उछल उछल कर बाहर आती
तब तू ऑक्सीजन को पाती
रंग बिरंगी लगती प्यारी
मछली रानी मछली रानी.

छोटी छोटी ऑंखें तेरी
छोटे छोटे पंख
कितने सुंदर कितने प्यारे
तेरे रंग बिरंगे अंग
दाना चारा पल में खाती
कीड़ों पर भी तू निर्वाह करती
बड़ी मनोहर बड़ी सयानी
बड़ी अनोखी तेरी कहानी
मछली रानी मछली रानी
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सर्वाधिकार सुरक्षित/बाल गीतिका/2013 त्रिभुवन कौल


3 comments:

  1. Nirmal Siwach 10:16am Dec 3
    मछली पर सुन्दर कविता ......

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  2. Gumnam Kavi 1:18pm Dec 3
    बचपन की याद करवा दी आपनेǃ वाहǃ

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  3. Pramila Arya 7:46pm Dec 3
    Waaaaaaah bahut sundar srijan

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