रात भर सोता रहा अलफ़ाज़ की चादर लपेटे
सुबह उठा तो एक नज़्म का दीदार हो गया.
उसके ध्यान में शब्दों का ऐसा अम्बार लगा
हर शब्द उसके प्यार का ही इज़हार हो गया।।
raat bhar sota raha alfaaz kee chaadr lapete
subh uthte hee ek nzm kaa deedaar ho gaya
uske dhyan mein shbdon kaa aisa ambaar laga
har shbd uske pyar kaa hee izhaar ho gaya.
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
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वसुधा कनुप्रिया 12:16pm Jun 5
बहुत ख़ूब । यह चतुष्पदी सुनी भी है आपसे, आदरणीय
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निशि शर्मा 'जिज्ञासु' 6:35pm Jun 5
बहुत सुंदर !
via fb/Prayas
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Sanjive Naik 12:30pm Jun 5
वाह बहुत खूब।
via fb/आगमन ...एक खूबसूरत शुरुआत
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Mithilesh Rai 7:50pm Jun 5
बेहतरीन
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पवन तिवारी
June 5 at 12:23pm
वाह👌👌👌💐💐💐
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Umesh Srivastava
June 5 at 1:33pm
बहुत सुंदर
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Alka Ragini
June 5 at 1:47pm
nice one
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लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला
June 5 at 1:58pm
वाह !
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Rehana Shaikh
June 5 at 2:53pm
kya baat👌
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कैलाश नाथ श्रीवास्तव
June 5 at 7:41pm
बहुत बढ़िया वाहहहह.. भाई जी .. अल्फाज़ की चादर लपेटे, रोज़ सोया कीजिये इक नज़्म से हम लोग भी , रू-ब-रू हो पायेंगे |
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Bidhu Bhushan Trivedi
June 5 at 9:31pm
वाह वाह क्या अंदाज है वाह
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Umashankar Rao Urendu
June 5 at 9:44pm
इरशाद!इरशाद!
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प्रदीप 'रौशन'
June 5 at 10:29pm
वाहः
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Arti Rai
June 5 at 10:37pm
Wahh
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Rahat Barelvi
June 5 at 10:53pm
वाहः वाहः बहुत ख़ूब। एक दिन के लिये वो अल्फ़ाज़ की चादर उधार दे दीजिये सर। अपनी भी एक नज़्म तैयार हो जाएगी।
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Rahat Barelvi
June 5 at 10:58pm
आपने अच्छी उपमा दी थी। बधाई
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Adarsh Saxena
June 5 at 10:59pm
वाह ! लाजवाब
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Manoj Kamdev
June 5 at 11:00pm
Wah
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Kalamji Kalam
June 5 at 11:02pm
बहुत खूबसूरत अल्फाज
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Jagdish Sharma
June 5 at 11:20pm
बहुतख़ूब श्रीमान
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Rajnee Ramdev
June 5 at 11:25pm
वाह क्या कहने
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अंशु विनोद गुप्ता
June 5 at 11:49pm
बहुत बेहतरीन
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Suresh Pal Verma Jasala
June 6 at 12:07am
वाह शानदार सृजन आदरणीय
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Shyam Sundar Sharma
June 6 at 12:10am
बेहद खूबसूरत 👌👌👍👍😊
via fb/Prayas
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Vinod Kumar Bhalla 12:30pm Jun 5
बहुत खूब।
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Shelleyandra Kapil
June 6 at 5:03am
सुप्रभात, अल्फाजों की एक अपनी दुनियां होती है, तो सोती है,न जागती है, सपनों संग सवार होती है, कभी प्रशन, कभी उत्तर, कभी मौन, प्रंसग होती है, कभी लोकगीत, कभी,साधना,तो कभी,अन्तर्मन से मुखरित होती है, कभी एकओम की संज्ञां होती है, कभी एक त्योहार का प्रतीक होती है, एक नये जन्म के रूप में भी परिभाषित होती है, होठों के मिल जाने से मां से बेहतर कोई बखशीश नहीं होती है.।।।।
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Ramkishore Upadhyay
June 6 at 6:52am
Vaah
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Rajeshwer Sharma
June 6 at 7:02am
ज़िंदाबाद...! खूबसूरत अशरार
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Narendra Verma
June 6 at 7:53am
वाह सर जी, बहुत खूब
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बसंत कुमार शर्मा
June 6 at 8:21am
वाह वाह क्या कहने
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Anil Sahai
June 6 at 8:44am
Beautiful, kya baat hai.
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Pradeep Thakur
June 6 at 9:41am
Sundar
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Shashi Tyagi
June 6 at 9:47am
कौन सी नज़म बनी वही प्रेषित करें
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Santosh Shukla
June 6 at 9:58am
लाजवाब
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Subhash Singh
June 6 at 12:07pm
लाजवाब अभिव्यक्ति
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Dipak Kumar
June 6 at 1:39pm
waah..........abhoot khoob
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Santosh Kumar Sharma
June 6 at 2:38pm
बहुत सुंदर
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Umesh Mishra
June 6 at 5:48pm
Wah lajwab
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मंजु वशिष्ठ राज
June 6 at 5:49pm
वाहहहह वाहहह सर जी अति सुन्दर
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Tapeshwar Prasad
June 7 at 12:08am
Wah.. Bahut khub
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Shelleyandra Kapil
June 7 at 5:09am
प्रेरणा आपसे, उत्तर मनसे, निरझर बहे, तनमन धन से।
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Vinay Saxena
June 7 at 9:46am
ख़ूबसूरत👌
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DrSuman Lata Sharma
June 7 at 1:29pm
Bahut Khoob
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Vijay Anand
June 7 at 2:44pm
अनुपम
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Om Harit
June 7 at 4:38pm
बहुत खूब जी
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Ramesh Rai
June 7 at 5:57pm
अति सुन्दर ।
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Rajkumari Verma
June 7 at 7:28pm
बहुत खूब,आदरणीय
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गुप्ता कुमार सुशील
June 7 at 7:51pm
वाहहहहह बहुत बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय.🙏 क्या कहने
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Surendra Kumar
June 8 at 4:26pm
बहुत ख़ूब
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via fb/आगमन ...एक खूबसूरत शुरुआत
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Keshav Singh 7:50pm Jun 5
बहुत खूब सर जी 👌
post.
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Naresh Malik
June 10 at 7:32am
Very nice
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Sanjay Rokade
June 10 at 11:57pm
हर शब्द उसके प्यार का ही इज़हार हो गया। माशा अल्लाह। बहुत खुब।