Sunday 13 May 2018

चतुष्पदी ( Quatrain-44 )

मातृ दिवस के उपलक्ष्य में
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माँ छांव बरगद की, मिज़ाज़ नीम का प्रमाण है 
मकान में माँ है तो घर , वरना  वह श्मशान है 
मंदिर की माँ को  निहाल करें ,जप -ज़ेवरात से 
खोजती ज़मीर बच्चों में, ज़िंदा मॉ परेशान है 
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सर्वाधिकार सुरक्षित / त्रिभवन कौल

8 comments:

  1. मुरारि पचलंगिया
    May 13 at 1:52pm
    प्रश्न बड़ा है ...... स्वर्ग कहाँ है । माँ के आँचल की छाँव जहाँ है ।। ~~~~~~~~~ मुरारि पचलंगिया
    ----------------------via fb/TL

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  2. via fb/Prayas.
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    Shelleyandra Kapil 2:08pm May 13
    शुभ दिन,
    हमने तो मां को हर दिन हर क्षण दिल
    में बसा डाला है
    चन्द किरदारों ने इसे भी एक दिवस
    मनाकर सीमित कर डाला है।

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  3. Deepika Maheshwari
    May 13 at 2:19pm
    अप्रतिम.. हार्दिक शुभकामनाएं
    -----------------------via fb/TL

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  4. डॉ किरण तिवारी मिश्रा
    May 13 at 4:26pm
    खूब लिखा
    -------------via fb/TL

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  5. via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (न्यास).
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    Kviytri Pramila Pandey 2:23pm May 13
    आदरणीय सुन्दर मुक्तक से पटल की शोभा बढ़ी। सादर,, जय माॅ शारदे।
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    रकमिश सुल्तानपुरी 2:23pm May 13
    बहुत खूबसूरत
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    Deo Narain Sharma 2:23pm May 13
    सुन्दर पद्य रचना।
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  6. All comments via fb/Purple Pen
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    राजकिशोर मिश्र 'राज' प्रतापगढ़ी 10:13pm May 13
    अतीव सुन्दर मनोरम सृजन हेतु बधाई जय माँ वीणा l l
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    वसुधा कनुप्रिया 11:47pm May 13
    सच कहा है आपने आदरणीय, कटु सत्य !
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    Indira Sharma 4:41pm May 14
    kyaa baat kah daali . adhiktar to haalat yahi hai
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    Karunanidhi Tiwari 9:45pm May 14
    माँ पूज्य है
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    मुरारि पचलंगिया 6:30am May 15
    अनुपम सृजन

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  7. via fb/Purple Pen
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    Rita Thakur 10:13pm May 13
    सुन्दर रचना

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  8. Vishakha Gautam
    May 13 at 5:46pm
    बहुत ख़ूब
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    वसुधा कनुप्रिया
    May 13 at 10:50pm
    कड़वा सच कहा आपने आदरणीय
    ----------------------via fb/TL

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