इस भारत में अब, भावनाओं की कमी है
दवाओं की नहीं, अब दुआओं की कमी है।
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
दवाओं की नहीं, अब दुआओं की कमी है।
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Sanjay Kumar Giri
April 18 at 5:07pm
सत्य कहा आपने आदरणीय
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Sanjay Singh
April 18 at 5:30pm
बिल्कुल सही फरमाया आदरणीय आपने
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Jagdish Sharma
April 18 at 6:00pm
अति सुंदर
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Vishwambhar Shukla
April 18 at 7:37pm
वाह बहुत खूब कहा है आपने
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गुप्ता कुमार सुशील
April 18 at 8:08pm
भावप्रद सार्थक चित्रण आदरणीय.🙏 जयहो.नमन.🌹
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Rakesh Dogra
April 18 at 8:08pm
हाथ में खंजर लिए वो दुआ कर रहा था, क्या मांग रहा होगा जो धन्धे से कसाई है।
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Deepika Maheshwari
April 18 at 8:10pm
अप्रतिम
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Hasmukh Mehta
April 18 at 9:05pm
Nice one ,,,लोगों का होंसला Wednesday, April 18, 2018 8:50 PM लोगों का होंसला देश को हर बात याद है कैसे देश को जातियों में बांटा गया है ? पछात और आदिवासी की हालत बदतर है सत्तर साल के बाद भी बाद बी स्थिति बेहतर नहीं है। हर बात में उनको बू आती है देश का रक्षक आजकाल पत्थरों का सामना कर रहा है दुश्मन देश का झंडा लहराया जा रहा है आतंकवादियोंको भगाने में मददगार हो रहे है। आज सूना है "पैसो की किल्लत हो गई है" अपने ही लोग देश को खोखला करेने पर तुले है पर हिन्दुस्तान इतना कमजोर नहीं है लोगों का होंसला उनपर भारी पड़ रहा है
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Neelam Sahu
April 18 at 9:27pm
सत्य है इस भारत मे पराभूति, अनुभूति सहानुभूति की कमी है। अब वास्तव में ये गरीब है।
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Bhashker Shukla
April 18 at 9:34pm
emotional bankruptcy in our country
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Milan Singh
April 18 at 10:22pm
भावपूर्ण रचना
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ReplyDeleteVishakha Gautam
April 19 at 12:02am
सत्य 👌👌
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Bhupinder Kaur
April 19 at 1:16am
सच कहा आपने आदरणीय
Vijay Anand
ReplyDeleteApril 19 at 8:07pm
अति उत्तम अभिव्यक्ति
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