मधुर काव्य
गोष्ठी :- एक रपट।
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बड़ी सर्द रात थी
तब , मगर बड़ी आंच थी बड़ा ताव था
सभी तापते रहे
रात भर , तेरा ज़िक्र क्या था अलाव था।……(शमीम अब्बास )
मैं शीशा था, टूटना मामूली
दस्तूर
तू पत्थर था, हो गया कैसे
चकनाचूर।।….(लक्ष्मण दूबे )
हमने दवा तो की
मगर रिश्ते न बच सके
अब दूरियां निभा
सकें, आओ दुआ करें।।…..( प्रमोद कुमार कुश 'तनहा')
कुरान पढ़ी
जिन्होंने, रहीम भुला बैठे
रामायण बाँची
जिन्होंने, राम भुला बैठे
मंदिर मस्जिद में
फिर पूजा का ढोंग क्यों
इंसा के खून को
ही , जब पानी बना बैठे।। (त्रिभवन कौल )
दिनांक २२ अप्रैल
२०१८ को युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच
(न्यास)/ दिल्ली, जोशे -ए -जज़्बा (वी सी एफ
)/ठाणे और प्रेमांजलि साहित्य
संस्था/मुंबई के तत्वाधान में एक अनौपचारिक ' मधुर काव्य गोष्ठी' का सफल आयोजन श्री त्रिभवन कौल द्वारा श्री श्रीराम शर्मा
और श्री अनिल अगवेकर के सहयोग से
नार्थसाइड, हीरानंदानी मीडोज़ , ठाणे (महाराष्ट्र ) में किया गया। काव्य गोष्ठी के सम्मानीय अध्यक्ष रहे जाने माने वरिष्ठ
साहित्यकार और महामहिम नारायण दत्त तिवारी
द्वारा ' साहित्य रत्न ' से विभूषित हिंदी, उर्दू, सिंधी के लेखक और कवि श्री लक्ष्मण दूबे जी और
सम्मानीय मुख्य अतिथि के रूप में अन्तर्राष्टीय ख्याति प्राप्त प्रसिद्ध ग़ज़लकार
श्री शमीम अब्बास जी ने, जहाँ इस गोष्ठी को एक सम्मान की नयी ऊंचाई
प्रधान कर दी वहीं गीतकार, निर्माता निर्देशक श्री प्रमोद कुमार कुश 'तनहा ' जी और हिंदी, मराठी , उर्दू भाषा के
प्रसिद्ध ग़ज़लकार श्री एन बी सिंह 'नादान ' जी ने अपनी
गरिमामयी उपस्तिथि से गोष्ठी का मान बढ़ाया। अपनी शानदार रचनाओं /ग़ज़लों द्वारा किये गए
कटाक्ष , ओजपूर्ण और समुधुर काव्य
पाठ से इस गोष्ठी को चार चाँद लगाने की
भूमिका में हास्य व्यंग के वरिष्ठ कवि श्री लोकनाथ तिवारी 'अनगढ़', वरिष्ठ लेखक कवि श्री हौसिला अन्वेषी के साथ साथ इस
क्षेत्र के जाने पहचाने कवि -कवियत्रियाँ
सर्व श्री /सुश्री अलका रागनी, शिल्पा सोनटक्के, अनिल अग्वेकर, मंजु गुलराजानी , राजकिशोर मिश्र 'प्रतापगढ़ी ', अविनाश मिश्रा , दीपा पटवर्धन , बी जे देशपांडे , अरविन्द शुक्ल , इंदिरा दास ,
रेहाना शेख और
श्रीराम शर्मा का बहुत बड़ा सहयोग रहा। भाग ले रहे कवि -कवियित्रियों की ओर से एवं श्रोतागणो
में श्री बी एन कौल , श्रीमती ललिता कौल , श्री प्रीतम गुलराजानी और श्री एच पी सिंह के की ओर से जहाँ
कवियों /ग़ज़लकारों ने अपनी रचनाओं की शानदार प्रस्तुति से खूब तालियाँ बटोरी
वहीं गायक श्री प्रीतम गुलराजानी द्वारा तलत महमूद के गाये गीत ने एक समां बाँध
दिया।
इस मधुर काव्य
गोष्ठी के यादगार शाम का संचालन वरिष्ठ लेखक-कवि श्री त्रिभवन कौल द्वारा बड़े ही
आत्मीय एवं अनौपचारिक ढंग से किया गया।
इस अवसर ओर
सुश्री अलका रागनी ने अपनी स्वरचित पुस्तकें सर्वश्री लक्ष्मण दुबे जी, शमीम अब्बास जी और त्रिभवन कौल जी को भेंट की
जिसका सभी ने
आभार व्यक्त किया।
श्री त्रिभवन कौल
ने भी अपना काव्य संग्रह ' बस एक निर्झरणी भावनाओं की' और उनके कृतित्व और
व्यक्तित्व पर ट्रू मीडिया, दिल्ली द्वारा प्रकाशित विशेषांक आदरणीय लक्ष्मण दूबे जी को
और आदरणीय शमीम अब्बास जी को भेंट कीं।
रपट प्रस्तुति
त्रिभवन कौल
२३ अप्रैल २०१८
इस काव्य गोष्ठी
के कुछ उपलब्ध छाया चित्र आपके लिए प्रेषित हैं।
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Deepa Patwardhan
ReplyDeleteApril 24 at 8:24pm
Aapki Urjaa strot ko mera Vinamr Abhivaadan...
------------------------------via fb/TL
Pramod Kumar Kush
ReplyDeleteApril 26 at 9:10pm
सुंदर आयोजन के लिए बहुत मुबारकबाद
---------------------via fb/TL
Bidhu Bhushan Trivedi
ReplyDeleteApril 27 at 3:59am
एक हसीं शाम इक जवां शाम शब्दों के गुलदस्तो में छलक रहे थे मदमस्त जाम ऐसी थी त्रिभवन की शाम अब कब फिर आयेगी वह अद्भुत शाम ?
--------------------------via fb/TL
Rehana Shaikh
ReplyDeleteApril 27 at 9:15am
Behtreen mehmanNawazi intzam aur shaam🌹Shukriya
----------------------------------via fb/TL