Sunday 15 April 2018

मछली रानी मछली रानी (बाल गीतिका )

मछली रानी मछली रानी

मछली रानी मछली रानी
बड़ी अनोखी तेरी कहानी
पानी के अंदर तू रहती
सर्दी गर्मी सब कुछ तू सहती
उछल उछल कर बाहर आती
तब तू ऑक्सीजन को पाती
रंग बिरंगी लगती प्यारी
मछली रानी मछली रानी.

छोटी छोटी ऑंखें तेरी
छोटे छोटे पंख
कितने सुंदर कितने प्यारे
तेरे रंग बिरंगे अंग
दाना चारा पल में खाती
कीड़ों पर भी तू निर्वाह करती
बड़ी मनोहर बड़ी सयानी
बड़ी अनोखी तेरी कहानी
मछली रानी मछली रानी
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सर्वाधिकार सुरक्षित / त्रिभवन कौल

4 comments:

  1. All comments via fb/मुक्तक-लोक
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    Subhashini Joshi 8:32pm Apr 15
    बहुत सुँदर
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    Subhash Singh 8:32pm Apr 15
    अति सुन्दर
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    प्रमोद तिवारी हंस 8:32pm Apr 15
    मनोहारी बाल गीत
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    Arun Arnaw Khare 8:32pm Apr 15
    सुंदर और बालमन के उपयुक्त रचना ..
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    Shyamal Sinha 8:34pm Apr 15
    वाह वाह
    बेहतरीन भाव
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    Yashodhara Singh 8:36pm Apr 15
    अति सुन्दर रचना
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  2. via fb/मुक्तक-लोक.
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    DrAtiraj Singh 8:49pm Apr 15
    बहुत सुंदर आदरणीय .....आपकी रचना को पढ़कर ऐसा लगा ,जैसे मैं वापस अपने वायुसेना विद्यालय में बच्चों के बीच आ गयी हूँ .....मनहर सृजन

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  3. via fb/मुक्तक-लोक
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    Vishwambhar Shukla
    April 15 at 11:35pm
    वाह वाह , बहुत बहुत सुन्दर रचना , जानकारी भी और मन -रंजन भी , हार्दिक बधाई आदरणीय - Tribhawan Kaul जी-
    पानी के अंदर तू रहती
    सर्दी गर्मी सब कुछ तू सहती
    उछल उछल कर बाहर आती
    तब तू ऑक्सीजन को पाती
    रंग बिरंगी लगती प्यारी
    मछली रानी मछली रानी.

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  4. via fb/ मुक्तक-लोक.
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    Raj Kishor Pandey 8:49pm Apr 15
    वाह बहुत खूबसूरत रचना

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