@विश्व कविता दिवस पर विशेष @
ॐ (ओम )
-------------
मुझमें मेरी शून्यता पैदा करता है
शारीरिक इकाई के दायरे से परे
दूरी की विशालता का उल्लंघन करने
मेरे प्रिय के सानिध्य का आभास दिलाने
जिसके साथ में मिलना चाहता हूँ
एक अदृश्य शक्ति बंधन
अनन्त और अविनाशी
मेरे शरीर में संपन्न
मैं जब उच्चारण करता हूँ
ॐ ॐ ॐ
बस एक ध्वनि, और
विनम्रता मुझे गोद लेती है।
मैं, ध्वनि और दूरी से हो कर
आकाश बन जाता हूँ
जो मुझे आत्मिक रूप से आह्वान करता है
ब्रह्मांड की यात्रा के प्रलोभन से
धकेलने लगता है उस समीप्य की ओर
परमात्मा के मिलन का जहाँ है छोर
उच्चतम और प्रदीप्यमान
एक आध्यात्मिक अनुभव दे
अलौकिक
शून्यपन में
अद्भुत काम कर रहे गुहाओं (अंतःकरण )के माध्यम से
उसकी उपस्थिति महसूस करता हूँ
ॐ उच्चारित स्वासों में।
-------------------------------------------------
सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
Comments via युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (न्यास).
ReplyDelete-------------------------------
गुप्ता कुमार सुशील 12:51pm Mar 21
जयहो.नमन.🌹 अनुपम सृजन आदरणीय.🙏
-------------------------------
Kviytri Pramila Pandey 12:51pm Mar 21
अतिसुन्दर
------------------------------
Sharda Madra 12:52pm Mar 21
वाह अत्यंत सुंदर।यह कविता पढ़कर मुझे एहसास हुआ कि जब हम ध्यान करतें है तो इन सब बातों तक पहुँचते हैं और एक आलौकिक सत्ता का आभास होता है। ॐ की ध्वनि जब करतें है तो लगता है समस्त ब्रह्मांड गुंजायमान हो रहा है।
------------------------------
Indira Sharma 1:15pm Mar 21
Kamaal
-------------------------------
Prince Mandawra 2:28pm Mar 21
कविता के माध्यम से ओम का शानदार वर्णन
-------------------------------
Comments via युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (न्यास).
ReplyDelete-------------------------------
Kamlesh Shukla 3:02pm Mar 21
लाजवाब
------------------------------
मुरारि पचलंगिया 12:51pm Mar 21
बहुत सुन्दर व प्रेरणाप्रद रचना
------------------------------
शब्द मसीहा केदार नाथ 3:42pm Mar 21
बहुत सुन्दर रचना जी
------------------------------
Sudha Mishra Dwivedi 3:43pm Mar 21
नमन,सुंदर सृजन
------------------------------
वसुधा कनुप्रिया 3:43pm Mar 21
बेहतरीन रचना, आदरणीय
-----------------------------
Pramila Arya 3:43pm Mar 21
ध्यानावस्था का चरमोत्कर्ष , परमानंद की अनुभूति की सुंदर अभिव्यक्ति
-----------------------------
अंशु विनोद गुप्ता 3:44pm Mar 21
ध्यान पर उत्तम सृजन
------------------------------
Raj Kishor Pandey 3:44pm Mar 21
अत्युत्तम सृजन वाह आदरणीय
------------------------------
Chanchala Inchulkar Soni 5:11pm Mar 21
अति उत्तम सृजन
------------------------------
via fb/मुक्तक-लोक
ReplyDelete--------------.
Vijay Anand 8:17pm Mar 23
पावनतम निर्मलतम।
---------------
Rajnee Ramdev 8:42pm Mar 23
ॐ ॐ ॐ लाजवाब
---------------
Yashodhara Singh 8:17pm Mar 23
अति उत्तम सृजन आदरणीय
---------------
Kviytri Pramila Pandey 8:17pm Mar 23
वाहहहहह गहन अभिव्यक्ति
सादर --बधाई
---------------
Subhash Singh 8:17pm Mar 23
बेहतरीन अभिव्यक्ति
----------------
Raj Kishor Pandey 8:17pm Mar 23
वाह वाह अनुपम सृजन आदरणीय जै माँ शारदे
----------------
Sudha Mishra 8:17pm Mar 23
गहन चिंतन,सुंदर सृजन
----------------
Rajkumari Verma 8:42pm Mar 23
वाह अनुपम
----------------
via fb/मुक्तक-लोक
ReplyDelete-----------------
Snehprabha Khare 8:50pm Mar 23
वाहहहहहहहह अनुपम
Pintu Mahakul
ReplyDeleteMarch 25 at 9:53pm
This is very brilliant and amazing.
-------------------------via fb/TL