तेरह दिवस व्यर्थ गए, बहस नहीं बस शोर
मिली भगत सबकी यहाँ, आरोपी सब ओर
आरोपी सब ओर, मासूम बकरी जनता
पीते छक कर दूध, बढ़वायें अपना भत्ता
कहता त्रिभवन कौल, प्रज्ञता पर आये तरस
बटवारे की नीति, चमकाए तेरह दिवस।।
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
Image curtsey Google
मिली भगत सबकी यहाँ, आरोपी सब ओर
आरोपी सब ओर, मासूम बकरी जनता
पीते छक कर दूध, बढ़वायें अपना भत्ता
कहता त्रिभवन कौल, प्रज्ञता पर आये तरस
बटवारे की नीति, चमकाए तेरह दिवस।।
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
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via fb/TL
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Jai Bhagwan Sharma
March 22 at 8:07pm
जनता की खून पसीने की कमाई मेसे दिए टैक्स पर मौज उड़ाई जा रही है।
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Sudha Mishra Dwivedi
March 22 at 8:16pm
बहुत सुंदर
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वसुधा कनुप्रिया
March 22 at 8:40pm
वाहहह वाहहह सार्थक समसामयिक सृजन, आदरणीय
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Rk Baweja
March 22 at 8:50pm
Very true
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Shyam Sundar Sharma
March 22 at 9:12pm
वाह! क्या खूब दर्पण दिखाया है!!
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Rajesh Srivastava
March 22 at 9:17pm
वाहहह बहुत, सटीक, सत्य कथन
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प्रबोध मिश्र 'हितैषी'
March 22 at 9:31pm
बहुत सुंदर ,सटीक ।
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Manoj Kamdev
March 22 at 10:38pm
बहुत खूब
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Ramkishore Upadhyay
March 22 at 11:02pm
This is tit for tat.
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Kviytri Pramila Pandey
March 22 at 11:58pm
अतिसुन्दर
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Ranjana Patel
March 23 at 3:53pm
Waah
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via fb/आगमन ...एक खूबसूरत शुरुआत.
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Neelam Sahu 8:32pm Mar 22
नमन sir
via fb/ट्रू मीडिया साहित्यिक मंच.
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Ramkishore Upadhyay 11:08pm Mar 22
Vaah
via fb/ Purple Pen.
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विवेक सिंह 10:14am Mar 23
सामयिक अभिव्यक्ति
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Vishakha Gautam 10:14am Mar 23
वाह वाह बहुत ख़ूब
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Rajni Sinha 10:14am Mar 23
bahut khoob adarniya
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वसुधा कनुप्रिया 10:14am Mar 23
अत्यंत सार्थक समसामयिक सृजन, आदरणीय ।
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via fb/TL
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Reeta Grover
March 23 at 4:13pm
वाह,बहुत बड़िया लिखा।पर जिन पर यह कटाक्ष है वह तो जन हित के प्रति अंधे,गूंगे ,बहरे हैं ; स्वार्थ हित ही उनका लक्ष्य है। काश ! आप का भाव समझ पाते।
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Seharyar Khan
March 23 at 4:45pm
Truly said very well explained
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Bidhu Bhushan Trivedi
March 23 at 5:30pm
सही आंकलन
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Shakuntala Tanwar
March 23 at 7:30pm
सुन्दर सृजन आदरणीय आपका
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गुप्ता कुमार सुशील
March 24 at 1:24am
सार्थक उद्गार आदरणीय.🙏
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Pintu Mahakul
ReplyDeleteMarch 25 at 9:55pm
Thirteenth day is shining bright with beauty of expression in this nice poem.
-------------via fb/TL
Rajni Agrawal
ReplyDeleteMarch 27 at 4:23pm
वाहहह यथार्थ पर सुंदर कटाक्ष है
------------------------via fb/TL