हिन्द लोक सचेत रहें, फिरंगी सा विचार
विभाजन नग्न हो रहा, लडू खेप तैयार
लडू खेप तैयार, द्रोही करें अय्यारी
न्यौताए शत्रु देश, राजनीती मक्कारी
कहता त्रिभवन कौल, जाती विवाद लो रोक
ब्राह्मण दलित जाट, एक माला हिन्द लोक।।
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सर्वाधिकार सुरक्षित
/त्रिभवन कौल
vai fb/Purple Pen.
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निशि शर्मा 'जिज्ञासु' 5:38pm Mar 29
बहुत खूब लिखा आपने त्रिभवन जी।
via fb/आगमन ...एक खूबसूरत शुरुआत.
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Rajni Agrawal 5:47pm Mar 29
वाहहहहह लाजवाब
Rajeshwer Sharma
ReplyDeleteMarch 29 at 8:00pm
Bahot sunder...!
-------------via fb/TL
via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (न्यास)
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Raj Kishor Pandey 11:08am Mar 31
वाह़ उत्तम सृजन
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Shalini Sharma 11:08am Mar 31
वाहहहह
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गोप कुमार मिश्र 11:08am Mar 31
बहुत सुंदर सृजन ,,, पर इसे कुण्डलियाँ छंद कतई नही कहा जा सकता,,रोले का अंतगुरू से होता है अतः दोहे की शुरुआत त्रिकल से नही करना है ,,, यदि त्रिकल से शुरुआत हुई तो वह त्रिकल 21 हो और त्रिकल के बाद त्रिकल 12 हो तो ठीक
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गोप कुमार मिश्र 11:08am Mar 31
कुछ इस तरह देख लें आदरणीय
कुंडलिया
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हिन्दू लोग सचेत हो , कर लो सोंच विचार
जाति विभाजन हो रहा, लडू खेप तैयार
लडू खेप तैयार,करे द्रोही अय्यारी
शत्रु देश को न्योत , राजनीतीक मक्कारी
कहता त्रिभवन कौल, सोंच लो मन्नू बिंदू
जाति पाति को छोड़, एक हो जाओ हिन्दू।।
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Sharda Madra 11:08am Mar 31
अति उत्तम सृजन
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गुप्ता कुमार सुशील 11:08am Mar 31
अति उत्तम भाव...श्रेष्ठतम् प्रस्तुति आदरणीय.🙏
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राजकिशोर मिश्र 'राज' प्रतापगढ़ी 3:24pm Mar 31
बहुत सुन्दर प्रयास भाव प्रधान अनुपम रचना नमन आदरणीय
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via fb/Purple Pen
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Shailesh Gupta 8:11pm Mar 31
बहुत सुंदर...
via fb/आगमन ...एक खूबसूरत शुरुआत
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Bhupinder Kaur 5:47pm Mar 29
बहुत खूब