प्यार चाहते सब , नफरत का क्या काम
नफरत चंद सिरफिरों की बनी बपौती है।
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त्रिभवन कौल /सबरंग /२०१०
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ख़ामोशी की होती है अपनी ही ज़ुबान
होंठ हिलते नहीं पर बात हो जाती है।
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त्रिभवन कौल /सबरंग /२०१०
Comments via fb/TL dated 11th-13th December 2017
ReplyDelete------------------------------------------------
Anjana Mishra
खूब कहा
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Rajeshwer Sharma
वाह्ह्ह!
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Vinod Kumar Bhalla
Sahi
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वसुधा कनुप्रिया
वाहहह वाहहह
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Vishakha Gautam
वाह वाह
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Nanda Noor
वाह
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Suresh Pal Verma Jasala
वाह अत्युत्तम सृजन
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Anam Das
बेहतरीन !
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Rekha Joshi
वाह वाह
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Narinder Sharma
बहुत खूब
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Vijaya Chaudhary
Waah wahh. Amazing
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Shyamal Sinha
सही बात
वाहह
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Omprakash Prajapati
बिलकुल
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