Wednesday 22 June 2016

चतुष्पदी (Quatrain)-29

चतुष्पदी (Quatrain)-29
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ज़िंदगी के लम्हों को गुज़रते देर नहीं लगती
वर्तमान, अतीत में बदलते देर नहीं लगती
देर तो लगती है अपना भविष्य सुधारने में
पल में प्राण पखेरू भी उड़ते देर नहीं लगती I
Zindgi ke lamhon ko guzarte der nahi lagti
Vartman, ateet mein badalte der nahi lagti
Der to lagti hai apna bavishy sudhaarne mein
Pl mein praan pakheru bhi udte der nahi lagti
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सर्वाधिकार सुरक्षित/ त्रिभवन कौल

1 comment:




  1. Sharda Madra
    वाह्ह्ह्ह् जीवन का सत्य दर्शाती अतीव सुंदर सटीक रचना।
    June 22 at 8:29pm
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    Om Prakash Shukla
    सत्य और सार्थक संदेश
    अभिनन्दन श्रीमान
    22 at 9:47pm
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    Mona Singh
    वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् वह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आदरणीय सार्थक मुक्तक
    June 22 at 10:44pm
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    गुप्ता कुमार सुशील
    वाह्ह वाह बेहद भावपूर्ण प्रस्तुति आदरणीय |
    June 22 at 11:15pm
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    Vijay Mishr Daanish
    वाह्ह्ह्हह्ह वह्ह्ह्हह शब्द शीर्षक को सार्थक करती बेहतरीन अभिव्यक्ति ,शानदार सृजन को नमन
    June 22 at 11:18pm
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    Bindu Kulshrestha
    वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् सुन्दर सृजन
    June 22 at 11:27pm
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    Ashwani Kumar
    सुन्दर, सत्य, एवं सटीक ।वाह्ह्ह्ह्
    June 23 at 12:29am
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    Ashok Ashq
    बेहतरीन उम्दा
    June 23 at 12:56am
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    Shipra Shilpi
    वाह्ह्ह्ह् वाह्ह्ह्ह्ह्
    अद्भुत अनुपम अप्रतिम सृजन
    हार्दिक बधाई ।।💐
    June 23 at 2:17am
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    निशि शर्मा 'जिज्ञासु'
    अति सुंदर
    June 23 at 7:43am
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    Pushp Lata
    वाहह्ह्ह्ह् अतिसुंदर अद्भुत सृजन सर जी बधाई
    June 23 at 8:44am
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    कवयित्री छाया शुक्ला
    आदरणीय बधाई हो दार्शनिक भाव लिए शानदार मुक्तक ! :)
    June 23 at 12:10pm
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    Satish Verma
    शाश्वत सत्य को परिलक्षित करती अतीव सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति : स्तुत्य सृजन।
    June 23 at 12:29pm
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    Sanjay Kumar Giri
    देर तो लगती है अपना भविष्य सुधारने में
    पल में प्राण पखेरू भी उड़ते देर नहीं लगती ----वाह्ह वाह्ह बहुत सुन्दर
    June 23 at 5:52pm
    ------------------------------via fb/YUSM

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