हैश टैग मी टू कहे, कैसा यह व्यापार
लांछित तो सब हो गये, सत्य या निराधार
सत्य या निराधार, पुरुषो सावधान रहो
मिलती कोई नार, बस कदम भर दूर रहो
कहता त्रिभवन कौल, बदनाम कल होगा तू
छेड़ो तुम भी राग, कहो हैश टैग वी टू
Haish tag mee too kahe, kaisa yah
vyapaar
Laanchit to sab ho gaye, sty yaa
niradhaar
Sty yaa niradhaar, prusho saawdhan
raho
Milti koyi naar , bus kdam bhar door
raho
Kahta tribhawan kaul, badnaam kal hoga
too
Chedo tum bhi raag, kaho haish tag wee
too.
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सर्वाधिकार
सुरक्षित/ त्रिभवन कौल
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ReplyDeleteDeepika Maheshwari
October 14 at 6:33 PM
सर आज कल तो भारत में जो हो जाए कम ही कम है
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नीरजा मेहता
October 14 at 7:09 PM
बहुत खूब
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गुप्ता कुमार सुशील
October 14 at 7:32 PM
जय हो अति उत्तम कहन आदरणीय.🙏
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Kavi Mukesh Tiwari Mridul
October 14 at 8:17 PM
बढ़िया चेतावनी
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मुरारि पचलंगिया
October 14 at 8:29 PM
इस "मी टू." अभियान में कुछ साजिश की .बू आ रही है ।
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Abha Nagar
October 14 at 8:55 PM
उत्तम
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Vishwambhar Shukla
October 14 at 9:26 PM
सचेत करती अत्यंत जोरदार व्यंग्य
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Hari Lakhera
October 15 at 5:46 AM
Particularly poets should stay away reciting their romantic poem in front of ladies.
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Jay Rankawat
October 15 at 7:20 AM
Bahut Khoob!
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Meenakshi Sukumaran
October 15 at 10:52 AM
Greatly said
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सूक्ष्म लता महाजन
October 15 at 11:09 AM
बढिया प्रतिकार ‘ वी टू’
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Ravinder Jugran
October 15 at 11:41 AM
बिल्कुल ठीक,।,
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Vandaana Goyal
October 15 at 12:17 PM
जय हो
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Sudha Mishra Dwivedi
October 15 at 12:28 PM
वाह वाह
via fb/ Prayas.
ReplyDelete------------------
Ramkishore Upadhyay 5:58am Oct 15
बहुत खूब
via fb/Asian Literary Society.
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Krishna Budakoti 11:02am Oct 15
व्यंग्यात्मक शैली।बहुत खूब
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Anil Sahai
October 15 at 5:03 PM
Hahaha hahaha, kya baat hai. Beautiful lines
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Rajnee Ramdev
October 15 at 9:59 PM
बहुत खूब
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A S Khan Ali
October 17 at 3:17 PM
Netik Patan ka Charam chhoti Manodasha ka Chitran.
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उमेश श्रीवास्तव 'राही'
October 17 at 7:12 PM
वाह-वाह
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अरुण शर्मा
October 18 at 2:58 AM
वाह वाह बहुत सुंदर आदरणीय
via fb/ Purple Pen.
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A S Khan Ali 11:01am Oct 15
तुम्हारा एक इशारा....जिंदगी बर्बाद कर देगा,
मेरे लिए मुश्किलो-रंजो-गम आबाद कर देगा,
तुम्हें एक लफ़्ज़ अदा करना है फकत...मी टू,
देखना एक तबाही को.....ये नाबाद कर देगा.
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अरविन्द कर्ण 7:53am Oct 17
कदम भर नही sir, सयू कदम दूर रहो। ☺️☺️
पता नही इस हालात में पुरुष महिला एक साथ कैसे काम कर पाएंगी।
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Tribhawan Kaul 12:57pm Oct 17
अरविन्द कर्ण जो नैतिकता से गिरा हुआ है चाहे वह पुरुष हो या स्त्री , वह किसी भी हद तक जा सकते हैं।
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वसुधा कनुप्रिया 5:37am Oct 19
Tribhawan Kaul जी ने सही कहा, यह जेंडर इश्यू नहीं है। सहकर्मियों के बीच हंसी-मज़ाक चलता ही है, लेकिन सभी जाने-अनजाने सामान्य व्यवहार की एक अनदेखी सीमा निश्चित कर ही लेते हैं ।
जल्दी आगे बढ़ने के लिये कोई स्वयं काॅम्प्रोमाइज़ करते होंगे -- उनमें महिलायें और पुरुष दोनों ही शामिल हैं । लेकिन मसला उनका नहीं है ।
जिन्हें मजबूर किया गया या जिनका उत्पीड़न किया गया, उन्हें न्याय यदि मिल सके तो अच्छा होगा ।
कौल सा'ब जिस मर्यादित दूरी की बात कर रहे हैं वह आवश्यक है ताकि किसी भी विवाद से बचा जा सके ।
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Tribhawan Kaul 12:18pm Oct 19
Yes.You correctly went into my mind. :)
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वसुधा कनुप्रिया 12:55pm Oct 19
Tribhawan Kaul ji, thanks Sir
via fb/ विश्व हिंदी संस्थान, कनाडा.
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Hiro Wadhwani 1:53pm Oct 17
WAH BAHUT KHOOB.