Saturday 3 February 2018

Eight-month-old girl raped !!!!!आठ महीने की बच्ची से बलात्कार !!!!!

An eight months old girl raped......this is horrendous...extremely repulsive......social relations are in tatters.....how much a human can fall........where is NHRC ?...where is Delhi Govt .? where are the outfits like SENAs.....he has been caught. Simply cut his limbs publically at a prominent crossroads.....No Court...No Hearing... cases drag on and on .....he will be given paroll.....the monster will commit the crime again....shit the system....such people are the cancer in the society.....let such people be punished in such a way so as others will dither to commit such henious crime. Candle March / Flag march / saffron march / bike march / tricolor march / stone march. Such marches are a reflection of the degradation of values set in our  social society and if it is not contained in time, it will explode engulfing each and everyone of us. The results will be fierce. 

आठ महीने की बच्ची से बलात्कार !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!जगुप्सा उत्पन्न होती है। अब तो सामाजिक रिश्तो की नियत पर सवाल खड़े होने लगे हैं। कहाँ तक मानव गिर सकता है? कहां हैं मानवाधिकार वाले ? कहाँ हैं तमाम तथाकथिक सेना वाले ? कहाँ है दिल्ली सरकार। अरे पकड़ में आ गया है तो बीच चौराहे पर नंगा कर अंग अंग छिन्न भिन्न कर दो। कोई अदालत नहीं। कोई सुनवाई नहीं। वर्ना चंद वर्षों बाद परोल पर छूट कर फिर कोई काण्ड करेगा। नासूर हैं ऐसे अमानवीय लोग समाज में।ऐसे मारो के कोई दूसरा किसी स्त्री जाती पर आँख उठा कर ना देख सके। कंडेल मार्च /फ्लैग मार्च / भगवा मार्च /बाइक मार्च /तिरंगा मार्च/ पत्थर मार्च यह सब मार्च समाजिक मूल्यों में हो रहे विघटन को सिर्फ दर्शाती नहीं हैं पर एक चेतावनी इन में निहित है की देश की सामाजिक और आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था चरमरा रही है। समय रहते चेत जाए तो ठीक वरना इस परिणाम भयंकर होंगे।

------------------------posted on FB too on 02-02-2018

15 comments:

  1. via fb/TL
    Soni Khatoon
    February 2 at 11:12pm
    Exactly sir jiska shrir hi abhi pripakwa nhi hua ..kuchh drinde unhe bhi nhi chhodte..insaniyat ekdam khatm ho gi
    ------------
    Tribhawan Kaul
    We all have to stand up against such babaric sub-human actions by subhumans.

    ReplyDelete
  2. via fb/TL
    -----------
    Soni Khatoon
    February 2 at 11:19pm
    Exactly sir we have to take action
    ---------------------------------------
    Gopal Vinodi
    February 2 at 11:20pm

    यह जहां भी हुआ है जघन्यतम अपराध है। मैंने मैंने असामान्य मनोविज्ञान में पढ़ा है। कुछ असामान्य लोगों में शिशु यौन वृत्ति, शव यौन वृत्ति या पशु यौन वृत्ति पाई जाती है। जो सजा आपने बताई मैं उसका समर्थन करता करता हूँ।
    -------
    Tribhawan Kaul शुक्रिया। आप सही कहते हैं।
    भारत की राजधानी दिल्ली में हुआ है दो दिन पहले।

    ReplyDelete
  3. via fb/TL
    ----------
    डॉ किरण मिश्रा
    February 2 at 11:23pm
    समाज अपने सब से बुरे दौर से गुजर रहा है... दुःखद।
    ------
    Tribhawan Kaul
    इतना बुरा दौर मैंने भी नहीं देखा जहाँ ८ महीने की बच्ची हो या ८० साल की महिला। ...कल्पना से ही रूह कांप उठती है। :)

    ReplyDelete
  4. via fb/TL
    ---------
    Anam Das
    February 3 at 12:03am
    मनुष्य के पतन का इससे ज्यादा घृणास्पद रूप और क्या होगा ! दिल दहला देने वाली सजा ही अब शायद डर पैदा करे।
    ----
    Tribhawan Kaul
    आप ठीक कहते हैं। सरकार :::::सुनो आवाम की अवाज।

    ReplyDelete
  5. via fb/TL
    ---------
    Dildar Dehlvi
    February 3 at 7:27am
    Janwer Vehshi Darinde,n har Tarf Hai
    Ab znaza uth Chuka Hai adami ka
    Ye sh dekh kar to sirf yahi keh sakte hai
    ----
    Tribhawan Kaul
    बेबस लाचार क्यूँ हैं हम/ क्यूँ नही रहा वह हममे दम /सोचो कल होगा क्या/ जब ऐसे रहेंगे नक्शे कदम ।

    ReplyDelete
  6. via fb/TL
    -----------
    Urvashi Tripathi
    February 3 at 8:00am
    सही कहा आदरणीय उसकी सजा भी आत्मा को कंपा देने वाली हो
    -----
    Tribhawan Kaul
    सही कहा आपने।

    ReplyDelete
  7. via fb/TL
    ----------
    Abhishek Sinha
    February 3 at 8:38am
    Samaj Ko achchha nahi bura banane ka vakt chal raha hai...
    -----
    Tribhawan Kaul
    वक्त को दोष नही । समाज ही चेतना शून्य हो गया है। उसको फिल्मो की पड़ी है। उसको अन्तर धर्म विवाह /प्रेम से फर्क पड्ता है। पर ऐसी वीभत्स घटना कोई असर नही डालती।
    ----
    Abhishek Sinha
    Abhishek Sinha Wakt ka nirman log hi karte hai...

    ReplyDelete
  8. via fb/TL
    ---------
    Indira Sharma
    February 3 at 11:40am
    हैवानियत में जी रहे हैं हम ।
    --------------------------
    Sadhana Joshi Pradhan
    February 3 at 11:43am
    बहुत ही शर्मनाक घटना....बहुत ही सटीक और उम्दा सवाल उठाएँ आपने मगर कोई समझे तब ना.... क्या हो गया इन असामान्य मर्दों को... हैवानियत की सीमा पार कर दी- अपनी सीमा तय कर लो ख़ुद कितना और गिरोगे तुम। नर से बने भेड़िये हिंसक, अब क्या और बनोगे तुम...?
    ----
    Tribhawan Kaul
    जी । सटीक ।

    ReplyDelete
  9. via fb/TL
    ------------
    Vinod Kumar Bhalla
    February 3 at 11:59am
    जिसने किया है उसको गोली मार दो
    ---
    Tribhawan Kaul
    मोदी सरकर। कृपया सुनिये
    ------------------------------
    Umesh Srivastava
    February 3 at 12:45pm
    फाँसी दो।
    ----
    Tribhawan Kaul
    मोदी सरकर। कृपया सुनिये ।

    ReplyDelete
  10. via fb/TL
    ---------
    Neelam Sahu
    February 3 at 4:30pm
    Sir हमारा समाज गर्त तक पहुंच चुका है।कुछ चंद लोग राह गए है मानवता के नाम पर। पर हल्का सा पर्दा हटने पर वहाँ भी दरिंदे ही होते है। यह बात हर महिला जानती है।
    ---
    Tribhawan Kaul
    बिल्कुल।

    ReplyDelete
  11. via fb/TL
    --------------
    Muzzammil Shah
    February 3 at 5:00pm
    Humanity weeps for such weird crime. Such people are pollution for the society so they must be wiped out
    ---
    Tribhawan Kaul
    But who will wipe them out. System has to go out of way to set an example otherwise NHRC is there to protect them or those too who remain under blanket.
    --------
    Muzzammil Shah
    February 3 at 5:11pm
    What an irony! Society suffers and society covers
    ---
    Tribhawan Kaul
    Yes. You have hit the nail.

    ReplyDelete
  12. via fb/TL
    ----------
    Nita Nayyar
    February 3 at 5:49pm
    सच में ,, आद . कौल भाईसाहब ,,,, ये सब सुनकर मर्दों से बात करने में भी डर घर कर जायेगा ,,,,, कब खत्म होगा स्त्री अंगों का ये आकर्षक ,,,, हर एक युवा के मो. फोन में मात्र 25/- में एक चिप डल जाता है , जिससे वो पोर्न फिल्म देख सकता है । उसी से प्रेरित ये कृत्य होते हैं , हमारे संचार मन्त्रालय या अन्य कोई जिम्मेदार क्यूं नहीं इस ओर कदम उठाते ,,, एक। ओर तो बेटी पढ़ाओ , बेटी बचाओ के नारे लगते है ,,, दूसरी ओर ऐसी हरकतें बेटियों के हौसले तोड़ती है । आप की सुझायी सजा ,,,, क्ई बार मेरे भी मन में आयी ।
    ---
    Tribhawan Kaul
    शुक्रिया। जल्दी ही हम सभी को इस दशा पर सोचना होगा। सरकार के भरोसे अब रह नही सकते।

    ReplyDelete
  13. via fb/TL
    ------------
    Indira Sharma
    February 3 at 6:14pm
    हालात बद से बदतर हुए जा रहे हैं |इन घटनाओं को रोकने के लिए किसी को कुछ सूझ नहीं रहा है | हम लोग बैठ कर दुःख जाहिर करते रहें और चर्चाएँ करते रहें इससे कुछ होने वाला नहीं है | ग्राउंड लेवल पर काम करने की आवश्यकता है | क्या ? अभी किसी को कुछ सूझ नहीं रहा है | बहुत ही दुखद है |
    ---
    Tribhawan Kaul
    जी। आप का कहना ठीक है। हम सब को ही मिल कर कुछ करने को सोचना होगा।

    ReplyDelete
  14. comments via fb/TL
    ----------------
    Raj Kumar Vishwakarma
    Very Shame
    -------------------
    योगेश तिवारी
    February 5 at 9:27am
    ऐसा ही होना चाहिए आदरणीय
    -------------
    योगेश तिवारी
    February 5 at 9:28am
    बीच चौराहे पर खुलेआम सजा दी जाए
    -----------------------------
    Jai Bhagwan Sharma
    February 5 at 11:11am
    मैं आपसे सहमत हूँ।

    ReplyDelete
  15. via fb/TL
    ----------
    Veerendra Jain
    February 5 at 1:30pm
    निश्चित रूप से अपराधी को सज़ मिलनी ही चाहिए किंतु सज़ा समस्या का समाधान नहीं है, अन्यथा अब तक अपराध समाप्त हो जाते । महत्वपूर्ण ये है कि मानसिकता में बदलाव की शुरूआत करनी होगी । पोर्न साइट्स, शराब इत्यादि मनुष्य की कुंठा को मुखर होने का निमित्त देते हैं । मेरे अनुसार, सर्वप्रथम उपचार इन दो चीजों पर बैन लगाकर किया जाना चाहिए, अन्यथा विभत्स रूप और भी विभत्स होता जाएगा
    --------
    Tribhawan Kaul जहाँ तक पोर्न साइट्स का सवाल है इन पर समूचे बैन लगाना सरकारों के बस की नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय क़ानून जब तक नहीं बदलेगा तब तक तो। और फिर शककरखोरे को शक़्कर कंही से भी प्राप्त हो जाती है। शराब से जो मोटी आय सरकारों को होती है उसको कोई सरकार छोड़ना नहीं चाहेगी। अब विकल्प केवल सजा का। एक ऐसी सजा जो इंसानो की रूह तक कपां दें। शुक्रिया अपना अभिमत देने का।

    ReplyDelete