Friday 16 February 2018

'पर्यटन'


My poem "Paryatn" in hindi published in Vijay News dated 15 February, 2018
मेरी कविता 'पर्यटन' दिल्ली से प्रकाशित १५ फरवरी के विजय न्यूज़ में। सौजन्य :- श्री संजय कुमार गिरी (पत्रकार , कवि और चित्रकार )


पर्यटन
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ज़िंदगी, लहरों से खेलती
चेतावनियों की उपेक्षा करती  
पर भंवर की क्षुधा से बचते हुए 
लहरों के उतार चढ़ाव को झेलती 
दुःख ,भ्रम उम्मीदों, आकांक्षाओं का बोझा लिए 
समुन्दर में भटक रही  है
ढुलमुल और निराधार निर्णय ले कर I

गंतव्य की तलाश में
डालती  है अपना लंगर 
एक गहन विचार करने को
स्थिति समझ, बाहर निकलने को
अपनी तृष्णाओं ,आशाओं,अपेक्षाओं पर
संयम और आत्म नियंत्रण के साथ
फिर लंगर उठा 
पोत को निर्देशित कर
पहुंचती  हैं वांछित स्थान पर, ज़िंदगी II
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
Also publbished in e-paper http://epaper.vijaynews.in/1543795
Page No. 12

8 comments:

  1. via fb/मुक्तक-लोक.
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    Neelam Hasteer 5:30pm Feb 16
    बहुत ख़ूबसूरत , वाहहहह
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    गुप्ता कुमार सुशील 5:34pm Feb 16
    वाह ...भावयुक्त अतीव सुंदर सृजन...जयहो आदरणीय.नमन.🌹
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  2. Cooments via fb/ मुक्तक-लोक.
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    Kailash Nath Shrivastava 5:30pm Feb 16
    जिन्दगी का पोत समुद्र की उत्ताल तरंगोंका
    सामना कैसे करे उसका सुन्दर उत्तर है
    आपकी सारगर्भित रचना में. सटीक
    उत्तर. स्थिति समॆझ कर बाहर निकलने हेतु
    संयम और आत्मनियन्त्रण.. वाहहह
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    डा.उमाशंकर शुक्ल 'शितिकंठ' 5:30pm Feb 16
    बहुत सुंदर चिंतन की ज्योति से सम्पन्न सारगर्भित सृजन।

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  3. comments via fb/ मुक्तक-लोक
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    Deepa Gupta 5:32pm Feb 16
    अति सुंदर वाह
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    Rajesh Srivastava 5:34pm Feb 16
    बहुत सुन्दर ,सराहनीय जीवन दर्शन चिन्तन की सशक्त अभिव्यक्त,समस्या संग समाधान भी
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    Suresh Tiwari 5:37pm Feb 16
    वाह्ह्ह्ह्ह्ह् अनुपम चिंतन संग सृजन वाह कोटि कोटि बधाई संग प्रणाम श्रद्धेय जै माँ शारदे
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    Shyamal Sinha 5:39pm Feb 16
    बेहतरीन सृजन वाह
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    Ramaniwas Tiwari 5:39pm Feb 16
    अति सुंदर सृजन बधाई आदरणीय
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  4. comments via fb/ Purple Pen.
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    Rajnee Ramdev 5:57pm Feb 16
    यही जिंदगी है
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    वसुधा कनुप्रिया 5:57pm Feb 16
    गंत्वय की तलाश में/डालती लंगर..... ज़िन्दगी..... वाहहह

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  5. comments via fb/आगमन ...एक खूबसूरत शुरुआत
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    Neelam Sahu 10:11am Feb 17
    Bahut saargarbhit
    Sunder

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  6. via fb/Prayas
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    Rajnee Ramdev 2:01pm Feb 18
    वाहह बहुत खूब

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  7. via fb/ट्रू मीडिया साहित्यिक मंच
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    डॉ किरण मिश्रा 8:38pm Feb 18
    वाह, बहुत खूब

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  8. comments via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (न्यास).
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    Rahat Barelvi 10:46am Feb 21
    ज़िन्दगी में उतार चढ़ाव के ताने बाने से बुनी एक अच्छी रचना। हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
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    Sharda Madra 10:52am Feb 21
    वाह अत्यंत सुंदर उपमाएं देते हुए जिंदगी जीने का चित्रण किया हैआपने। बधाई
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    Vandaana Goyal 11:14am Feb 21
    अति सुंदर प्रस्तुति आदरणीय सादर प्रणाम
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    Subhash Singh 10:46am Feb 21
    अति सुंदर
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    Neelam Sahu 10:52am Feb 21
    मेरी ही ज़िन्दगी लगती है
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    Prince Mandawra 10:58am Feb 21
    वाह्ह्ह शानदार भावाभिव्यक्ति
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    Kviytri Pramila Pandey 10:58am Feb 21
    बहुत ही गहन विचारों से ओत प्रोत उत्कृष्ट रचना
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    Mahatam Mishra 11:14am Feb 21
    अति अनुपम चिंतन आदरणीय वाह
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    Raj Kishor Pandey 11:14am Feb 21
    उत्तम सृजन वाह
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    Sudha Mishra Dwivedi 10:59pm Feb 21
    अति सुंदर
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    Poet M Hussainabadi Mujahid 10:59pm Feb 21
    फिर लंगर ,,,,बहुत ख़ूबजी
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