कुर्सी छोड़ते ही याद आ गयी, बातें पिछली सारी
काश !कि उठाते वह मसले, कुर्सी के रहते रहते।।
kursi chodte hee yaadd aa gayi baate pichli saari
kaash! ki uthatte vh masle kursi ke rahte rahte.
त्रिभवन कौल
posted first on FB on 10/08-2017
# Hamid Ansari
# Hamid Ansari
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Vijay Tanna
Bahut khoob Sir
August 10 at 9:39pm
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गुप्ता कुमार सुशील
यही है संस्कार विशेष भाव का
August 10 at 9:46pm
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Rajeshwer Sharma
Bahot khub sir.
August 10 at 9:50pm
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Vishwambhar Shukla *
जब तक कुर्सी पर सजे, मुँह को रक्खा बंद,
जाते जाते मित्र ने पढ़ा विषैला छंद ।
(आदाब अर्ज !)
●विश्वम्भर शुक्ल
August 10 at 10:09pm
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Vijay Kumar Bharteya
सुन्दर
August 10 at 10:40pm
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Ranjana Patel
Waah
August 10 at 11:05pm
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Bhumesh Malla
when every one was saluting national flag during national anthem on Republic day prade this man never raised his arm to salute.
August 10 at 11:54pm
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Anam Das
आज की हालात जो थी कह गये |
आपका शिकवा कि चुप न रह गये |
August 11 at 12:29am
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Tribhawan Kaul शिकवा नहीं वह चुप ना रहे
कुर्सी के रहते क्यों ना कह गए? :) _/\_ :)
August 11 at 10:22am
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Hari Lakhera
कभी कभी संवैधानिक पोस्ट पर रहते कुछ कहने से बचना पड़ता है।
August 11 at 5:26am
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Tribhawan Kaul आपका ज़मीर अगर आपको कटोचता है तो कुर्सी क्या चीज़ है ? भौतिकता नैतिकता पर हमेशा हावी रही है। :) _/\_ :)
August 11 at 10:22am
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Santosh Kumar Sharma
वाह
August 11 at 7:51am
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Raj Kishor Pandey
बहुत सुंदर सत्य
August 11 at 7:58am
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Anil Sahai
Well said
August 11 at 8:12am
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Shyamal Sinha
सही है
August 11 at 8:14am
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डॉ किरण मिश्रा 😊😊
August 11 at 9:11am
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Shashi Tyagi
आपकी बात सही है।
August 11 at 5:05pm
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Bhumesh Malla
वो जो नशे मे डूबे रहा सियासत के मयखानो मे ,
नशा उतरते ही उसे डर
लगने लगा आबशारो से !!
August 11 at 9:48pm
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Tribhawan Kaul
Waah. Bahut khoob :)
August 11 at 9:48pm
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Bhumesh Malla
कुछ भी कहदो,यह तो हद हो गई !!
कुछ और अभी इन्हे चाहिए, नशे की जो आदत हो गई !!!
August 11 at 10:01pm
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Rajeshwer Sharma
Bhot khubsurat!
August 11 at 10:21pm
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वसुधा कनुप्रिया
सच कहा आपने, आदरणीय । जाते जाते अलगाव का एक बीज ये भी बो गये । ख़ुद के साथ अपने पद की गरिमा को भी गिरा गये ।
August 11 at 11:28pm
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