फेसबुकया प्यार
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तृष्णा ने लैपटॉप खोला। स्टार्ट स्विच
दबाया तो उसके समक्ष उसीकी एक मनमोहक अंदाज़
में खींची गयी तस्वीर प्रस्तुत हो गयी। तस्वीर को देख कर उसके मुख पर स्माइली समान
एक मुस्कान छितर गयी। एक भरपूर अंगड़ाई लेकर उसने फेसबुक की साइट में लाग इन कर दिया।
होम पेज आते ही उसके सामने फेसबुक द्वारा सुझावित पुरानी यादों के स्टेटस थे जो वह
शेयर कर सकती थी और कुछ मित्र बनाने के सुझाव भी सामने थे। ' हूँ। दिलचस्प। ' उसने सोचा और हर सुझावित पुरुष मित्रों के पटल को जांचने परखने
लगी। एक पुरुष मित्र का प्रोफाइल उसको भा गया तो उसने 'मित्र इच्छा ' पर क्लिक कर दिया।
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तुषार आईफ़ोन पर किसी से लेन देन की
बात कर कर रहा था जब उसके फ़ोन पर फेसबुक मैसेज की सूचना प्राप्त हुए । उस समय तो उसने
सूचना को अनदेखी कर दिया पर घर पहुँचते ही उसने अपना लैपटॉप खोला , फेसबुक पर गया
I तृष्णा के मित्र निवेदन को पा कर उसके पटल पर गया I तृष्णा की मनमोहक तस्वीर देखी
, पर उसके बारे में अधिक जानकारी ना पा कर भी उसने उसके मित्र निवेदन को स्वीकार कर
लिया।
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फेसबुक ने दुनिया की आधी आबादी को इतना
नज़दीक ला कर खड़ा कर दिया कि किसी से भी सम्पर्क साध लीजिये और जान पहचान बना लीजिये। तुषार और तृष्णा को केवल एक हफ्ता लगा उस मंजिल
को पाने में जिसे पाने में पहले महीने -साल लग जाते थे I अब फेसबुक चट बोल पट खोल के फंडे को साकार
करता दिखाई देता है। दोनों
एक दुसरे के बारे में जानने को उत्सुक थे।
एक महीना भी नहीं बीता कि अजनबी से मित्र, प्रिय मित्र, आप , तुम फिर हम बनते देर नहीं लगी। पहले हाय -हेलो , फिर हाल-चाल
, फिर एक दूसरे के शौक- वोक ,फिर घरबार - आमदनी फिर अता -पता और अंत में मुलाक़ात का
वादा। यही तो है फेसबुकया प्यार।
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"यस !" तुषार बहुत प्रसन्न
था और बियर की बोतल ले कर चुस्कियां लेने लगा।
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" यस !" तृष्णा को मानो मन
मुताबिक वस्तु मिल गयी हो। उसने शॉपिंग माल
जाने का इरादा कर लिया।
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फेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक जैसे दोनों
एक दुसरे के लिए ही बने थे। तृष्णा दिल्ली
से थी और तुषार मुंबई से। दोनों ने पहली बार आपस में मिलने को तय किया। तृष्णा मुंबई
नहीं आना चाहती थी , तुषार दिल्ली नहीं जाना चाहता था। किस डर से वह डर रहे थे वह वही
दोनों ही अपने अपने दिलों में जानते थे। तुषार ने पूना में तो तृष्णा ने जयपुर में
मिलने के लिए कहा। नारी में यकीनन एक ऐसा आकर्षण होता है कि नर उसे मना करने से हमेशा
हिचकिचाता रहता है। तुषार ने बहुत सोचने समझने के उपरांत तृष्णा से जयपुर में मिलने
की हामी भरी। हामी भरते ही तुषार ने अमेज़ॉन से कुछ वस्तुओं का अर्जेंट ऑर्डर दे दिया।
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जयपुर के एक होटल में दोनों दिल खोल
कर मिले मानो सदियों से एक दुसरे को जानते
हों। पूरा दिन जयपुर घूमने के बाद उन्होंने पूरी रात एक दुसरे के साथ बितायी। दुसरे दिन सुबह दोनों बहुत खुश नज़र आ रहे थे मानो कारूं का
खज़ाना हाथ लग गया हो। १२ बजे चेक आउट के समय
दोनों ने फिर मिलने के वादे के साथ अपने अपने
शहर की राह ली।
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तृष्णा ने अपना लैपटॉप खोला। तुषार
का मैसेज था। मैसेज पढ़ कर वह सन्न रह गयी।
तीन एक विडिओ भी थे। सभी उन अंतरंग
क्षणों के थे जो उसने तुषार के संग जयपुर में गुज़ारे थे। उसे विश्वास नहीं हुआ। पूरे
२५ लाख रूपये की मांग तुषार के संदेश में इस धमकी के साथ थी के अगर तृष्णा उसकी मांग
पूरी नहीं करेगी तो विडिओ सार्वजानिक हो जाएंगे।
कुछ देर तो उसे विश्वास नहीं हुआ पर फिर वह बेतहाशा हंसने लगी।
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तुषार ने अपना लैपटॉप खोला। तृष्णा का मैसेज था। मैसेज पढ़ कर वह सन्न रह गया । तीन एक विडिओ भी थे। सभी उन अंतरंग क्षणों के थे जो उसने तृष्णा के संग जयपुर में गुज़ारे थे। उसे विश्वास नहीं हुआ।
पूरे ५ लाख रूपये की मांग तृष्णा के संदेश
में इस धमकी के साथ थी के अगर तुषार उसकी मांग पूरी नहीं करेगा तो विडिओ सार्वजानिक
हो जाएंगे। कुछ देर तो उसे विश्वास नहीं हुआ
पर फिर वह बेतहाशा हंसने लगा।
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प्यार की परिभाषा फेसबुक ने अब बदल
कर रख दी थी ।
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Deleteवसुधा कनुप्रिया
August 20 at 6:43pm
A nice twist in the take, very well written!
---------------------------------------via fb/TL
All comments via fb/Yuva Utkarsh Sahityk Manch
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Savita Saurabh
अद्भुत कहानी। शायद आज की यही सच्चाई है। प्रेरक कहानी के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय
August 20 at 11:57am
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Mahatam Mishra
वाह आदरणीय वाह, अति सुंदर है तृष्णा और सुंदर है तुसार, अगर कुछ असुंदर है तो वह है बेजान पहचान के आकर्षण वाला प्यार, वीडियों और अन्तरंगपल, जिस पर वे दोनों क्या हँसेंगे हँसता तो जमाना है.....सुंदरतम कहानी आदरणीय वाह
August 20 at 12:03pm
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Kavita Sud
बहुत सुन्दर। फेसबुकीय मैत्री, आभासीय सम्बन्धों के प्रति सजग करती एक उत्तम रचना
August 20 at 12:05pm
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Shyamal Sinha
सही में
प्यार में कितनी तब्दिली हो गई है
बेहतरीन सृजन आद सुस्वागतम सहर्ष
August 20 at 12:12pm
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All comments via fb/TL
ReplyDeleteDildar Dehlvi
Pesh hai ek sher
Pyar me Dard ab fasaana hai
Ishaq yani naya zamaana hai
August 20 at 11:37am
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Tribhawan Kaul
Waaah :)
August 20 at 11:38am
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Bhumesh Malla
Baijaan, the positive side is that through fb people have met their close ones , who with the time passed were not traceable though they were always there in memories, a living example is yours and mine.I neve forgot Baijaan surely you will agree.
August 20 at 11:53am
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Tribhawan Kaul
I completely agree with you Bhumesh in this regards. There is always positive and negative side of every thing in this world. With this story I want to warn those who think that they can enjoy friendship with strangers for the sake of enjoyment only. Thanks for reading it. :)
August 20 at 12:10pm
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Bhumesh Malla
Baijaan, your observations is absolutely right, there are lots of untold incidents and collapses happened via fb friendships.
August 20 at 12:24pm
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Reeta Grover
Nice story sir. Today's reality.
August 21
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Main Hoon Ali
Nice sir ji
August 20 at 12:44pm
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Ranjana Patel
Behtareen
August 20 at 11:02pm
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Adv.Dhirendra Kumar
वाह वाह बहुत ही सुन्दर
August 21 at 7:50am
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Geeta Chauhan
Sunder..
August 21 at 8:27am
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Pankaj Sharma
Nice ji
August 22
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All comments via fb/Yuva Utkarsh Sahityk Manch
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रतन राठौड़
नए जमाने का नया अंदाज़, नायाब प्रस्तुति।
August 20 at 1:14pm
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Rajnee Ramdev
बहुत सुंदर कहानी
August 20 at 1:33pm
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Kviytri Pramila Pandey
आजकल प्यार व्यापार हो गया है सामयिक संकेत करती लघु कथा का हार्दिक स्वागत है आदरणीय संदेश देती रचना
August 20 at 6:10pm
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Raj Kishor Pandey
सुंदर रचना
August 20 at 10:50pm
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Deo Narain Sharma
जैसै.को तैसा एक से एक बढचढकर ।सत्य और घटित होनैवाली घटनाचक्र के पूर्ण ग्यानी और महारथी।सावन से.भादों दूवर नही।जिसकी जैसी भावना उसको वैसा फल।शह मात का बरावर का खेला।नहले पर.दहला.आदि मुहावरों को चरितार्थ करती और एक सीख देती रचना।कहानीकार का मुख्य ऊदेश्य बिना जान पहचान के मित्र भाव में वेखवर कभी भी नही रहो।हर दांवपेंच का त्वरित प्रयोग करने हैतु सदैव तैयार रहो।
वाहहह वाहहह नूतन परिवेश और समय की नूतन मार्मिक कहानी।
August 20 at 11:07pm
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Tribhawan Kaul
बहुत सही आंकलन किया है आदरणीय। इस रचना पर आपके स्नेह के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद । :)
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Manoj Kumar Mishra
ReplyDeleteवाह
August 24 at 8:34pm
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Lalan Choudhary
इस तरह के प्यार से भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
सर को कोटिशः प्रणाम।यही तो फेसबुक की असली पहचान है जब हम राह से भटक जाते तो ऐसे घर बाहर के अभिभावक हमें राह बताते।
August 24 at 8:41pm
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Aparna Gupta
गजब लेकिन सच्चाई
August 24 at 9:09pm
============via fb/विश्व हिंदी संस्थान, कनाडा
All comments via fb/ फलक (फेसबुक लघु कथाएं)
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Indrajeet Rathore
Achi post....end acha nahi hua....
August 24 at 8:27pm
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Tribhawan Kaul
वास्तिवकता का अंत कभी कभी अच्छा नहीं होता। :)
August 24 at 8:37pm
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Avdhesh Sharma
बहुत गड़बड़ हो गई ।
सुन्दर चेतावनी ।
कथा के माध्यम से ।
August 24 at 8:48pm
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Anil Makariya
सुपर क्लाइमेक्स
August 24 at 8:50pm
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Mrinal Ashutosh
२५ को २-४ कर दीजिए और वास्तविक लगेगा।
August 24 at 8:54pm
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Pulak Pranay
सही
August 25 at 6:51am
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Tribhawan Kaul
सही सुझाव है। शुक्रिया। :)
August 25
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शिखा श्रीवास्तव
आजकल की सच्चाई
August 24 at 8:58pm
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Anupama Sharma
Superb
August 24 at 11:29pm
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Pulak Pranay
ये होता रहता है। फिर भी हो रहा है।
August 25 at 6:50am
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Monika Prem Arora
Augusts 25 at 7:51am
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Kusumakar Dubey
इस आभासी दुनिया में ऐसा ही होने के खतरे हैं. इसीलिये सतर्क रहें.
Augsut 25 at 8:32am
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Kushendra Singh
जैसे को तैसा
August 25 at 10:55am
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ReplyDeleteOmprakash Prajapati
बहुत खूब
August 24 at 8:44pm
------------------Via fb/ ट्रू मीडिया साहित्यिक मंच
All coments via fb/आगमन ...एक खूबसूरत शुरुआत.
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Anita Mishra 3:16pm Aug 25
एक दम सही लिखा आदरणीय आपने प्यार की भाषा ही बदल दी इस फेस बुक ने।
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Suman Prabha 3:16pm Aug 25
जी अब प्रेम का स्वरुप बदल चुका है
इसी तरह सार्वजनिक और बदनाम हो रहा है प्रेम......इन बहकते कदमों को संभालने की जरुरत है
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Manorama Srivastavs 3:16pm Aug 25
त्वरित प्यार का परिणाम ऐसा ही होना था
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All comments via fb/फलक (फेसबुक लघु कथाएं)
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Avdhesh Sharma 2:41pm Aug 25
सेर वे सवा सेर ।
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Sharma Divya 3:19pm Aug 25
सच्चाई ।
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Vardaan Singh Hada 3:31pm Aug 25
बड़े धोखे हैं इस राह में... बाबूजी धीरे चलना...
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Sarika Audichya 2:34pm Aug 25
Koi bhi km nhi yha jo kro dhyan se kro....
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CA Prashant Gupta 5:42pm Aug 25
Hahha super post. चोर पर मोर
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Yuvraj Vats 2:41pm Aug 25
Yaar, Jaipur hi kyu? :/
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Bhupinder Khurana 2:42pm Aug 25
खतरनाक चेतावनी सबके लिए
Comments via fb/groups in the month of May 2018
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via fb/विश्व हिंदी संस्थान, कनाडा.
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Umesh Pathak 3:59pm May 25
बेहतरीन मंजरकशी.हालाते हाजरा बयां कर दिया है सर .बधाई स्वीकार करें!
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via fb/Prayas.
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Akhilesh Kumar Shahi 4:39pm May 25
Prayas achhi kahani hai. Badhaee .link par share karne ka mauka diye. Shukriya.
Shubhkamna aur shubhsandhya.
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via fb/आगमन ...एक खूबसूरत शुरुआत.
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Anupam Alok 5:39pm May 25
बहुत खूब आदरणींय
सामयिक विडंबना का सुंदर दर्पण है कथानक
Pintu Mahakul
ReplyDeleteJune 16 at 3:51pm
Growing trend of friendship and betrayal is a common and thought provoking issue in today's world. Using social media some do friendship and some cheat. More awareness is necessary to avoid confusion not to fall in trap of strangers turned to known friends. Story of Trishna and Tushar is an example of such happening. The demand of money done by Trishna at last is injustice. Tushar is not in mood to understand and he repents for relationship developed and then giggles at the rate knowing about betrayal. This story is thought provoking and sensitive. An amazing story is wisely written for social awareness.
------------------------via fb/TL in the year 2018