उर्जावान
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भरपूर आनंद
जीवन का लेने को तत्पर
त्याग कर
सारी कुंठाओं को
तैयार
पतंग के सामान ऊँची उड़ान भरने को
आजकल की युवा पीड़ी
दंभ भरती हैं
कुछ कर गुज़र जाने को
वृष्टि के बाद के इन्द्रधनुष के रंगों से
अपने सतरंगी सपने बीनते हुए
उन्हें साकार करने का बीड़ा उठाते हुए,
नयी युवा पीड़ी
माना की कुछ हद तक
हठधर्मी, अख्खड़, गर्ममिजाज़ है
पर उर्जावान और बुद्दिमान भी
हौसला है
सातवें आसमान तक छलांग लगाने का
देश और देशवासियों के लिए कुछ कर जाने का
कूदने को तैयार
इस जीवन रुपी कुरुक्षेत्र के समर में
अटल विशास और आत्मविशवास के साथ
एक नए उद्देश्य के लिए, नयी लगन के साथ
नयी सोच की उर्जा लिए,
यह उर्जावान
देश के हैं भावी कर्णधार. कर्णधार
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सर्वाधिकार सुरक्षित/ त्रिभवन कौल
Note:- The poem was posted on facebook on 28-12-2016
ReplyDelete-----------------------------------------------------
Chanchala Inchulkar Soni
आज के युवाओ का ऊर्जा से भरा प्रगतिशील संसार.....
माना की कुछ हद तक
हठधर्मी अख्खड़ गर्म मिज़ाज़
पर हैं ऊर्जावान बुद्धिमान
सटीक सार्थक अभिव्यक्ति
December 26 at 8:25pm
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Vishal Narayan
ओजपूर्ण सृजन आदरणीय...
December 26 at 8:26pm
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Milan Singh
वाहहहहह।अनुपम सृजन।
December 26 at 9:16pm
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Vijai Singh
वाह ..बहुत खूब..यथार्थ चित्रण
December 26 at 9:35pm
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Amrata Mandloi Pota
सार्थक चित्रण आदरणीय
December 26 at 9:59pm
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गुप्ता कुमार सुशील
वा :ह्हह्ह उत्तम रचना आदरणीय, नमन |
December 26 at 10:05pm
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ओम प्रकाश शुक्ल
वाह्ह आदरणीय ।
बहुत सुन्दर कृति
December 26 at 11:57pm
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Kviytri Pramila Pandey
वाह अतिसुन्दर
December 27 at 12:15am
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Madhu Srivastava
अति उत्तम
December 27 at 12:56am
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Ramkishore Upadhyay
बहुत खूब
December 27 at 5:23am
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Sanjay Kumar Giri
वाह्ह्ह्हह्ह बहुत सुंदर कविता का सृजन किया आपने आदरणीय ---------इस जीवन रुपी कुरुक्षेत्र के समर में
अटल विशास और आत्मविशवास के साथ
एक नए उद्देश्य के लिए, नयी लगन के साथ
नयी सोच की उर्जा लिए,
यह उर्जावान
देश के हैं भावी कर्णधार. कर्णधार -----वाह्ह्ह्हह्ह्ह्ह बहुत सुन्दर कृति
December 27 at 6:40am
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Manisha Chauhan
बहुत सुन्दर आदरणीय
December 27 at 12:08pm
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राजकिशोर मिश्र 'राज' प्रतापगढ़ी
ओजपूर्ण सुन्दर कृति
December 27 at 1:52pm
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Sharda Madra
युवाओं को प्रोत्साहित करती सकारात्मक सोच की अनुपम कविता।
December 27 at 3:06pm
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Kviytri Pramila Pandey
अतिसुन्दर
December 27 at 3:17pm
-------------------------via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यक मंच
Shailesh Gupta
ReplyDeleteबहुत सुंदर... सार्थक..... सृजन... !
December 27 at 11:07pm
-----------------------------via FB/PAU
Aruna Sharma
ReplyDeleteबहुत सुंदर वर्णन --आदरणीय
December 27 at 9:59pm
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वसुधा कनुप्रिया
बहुत सुंदर सोच और भावपूर्ण अभिव्यक्ति, आदरणीय । अक्सर पिछली पीढ़ी युवाओं में ख़ामियाँ ही निकालते है। इनकी युवा सोच और उर्जा को थोड़ा मार्गदर्शन मिले तो देश अवश्य प्रगति करेगा । सादर नमन
December 28 at 10:53pm
---------------------------via fb/Purple Pen
Rashmi Jain
ReplyDeleteBhut khoob
December 27 at 9:06pm
----------------------via fb/Kasturi Kanchan