दिनांक ०२ अक्टूबर २०१६ , राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी
और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर, मेरे तीसरे काव्यसंग्रह
' बस एक निर्झरणी भावनाओं की ' का लोकार्पण हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के तत्वाधान में
उर्दू घर , नई दिल्ली में संम्पन हुआ। मंचासीन
विशिष्ठ अतिथियों आ.हरीश नवल ( वरिष्ठ साहित्यकार ),डॉ.हरिसुमन बिष्ट (सचिव /भोजपुरी/मैथिलि
साहित्य अकादमी),श्री महेश कुमार पाठक (सदस्य / हिंदी सलाहकार समिति ,रेल मंत्रालय
,भारत सरकार,)श्री प्रेमचंद शर्मा (सचिव दिल्ली बैंक राजभाषा कार्याण्यन समिति ) डॉ.
धनेष द्विवेदी (उप संपादक, राजभाषा विभाग
, ग्रह मंत्रालय ) प्रो.सरन घई (संस्थापक हिंदी
विश्व संस्थान ,कनाड़ा ) ,लालित्य ललित (संपादक/राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ),आदरणीय रामकिशोर
उपाध्याय (अध्यक्ष , युवा उत्कर्ष साहित्यक मंच
एवं सुश्री सविता चड्ढा (वरिष्ठ साहित्यकार
) गरिमयी उपस्तिथि से ना केवल इस लोकार्पण की शोभा बढ़ायी अपितु 'हिंदी की राष्ट्रीय
स्वीकार्यता' विषय पर अपने विचार भी रखे। समारोह
का सफल संचालन स्वयं हिंदुस्तानी भाषा अकादमी के संस्थापक श्री सुधाकर पाठक जी ने तथा
उनके साथ श्री शम्भु ठाकुर ने किया। .
इसके अतिरिक्त सर्वश्री शम्भु ठाकुर ,सुरेशपालवर्मा जसाला ,नंदा नूर ,प्यासा
अंजुम,संजय गिरि, ओमप्रकाश शुक्ल,ब्रिजेन्द्र द्विवेदी, मनोज कामदेव, विजय कुमार राय
, भूपेंद्र सिंह सेठी 'अमन' , चरनजीत सिंह , हामिद खान, सुश्री , सुश्री
वसुधा कनुप्रिया , सुश्री डा.पुष्पा जोशी, सुश्री राज भदौरिया , सुश्री सरोज
शर्मा, सुश्री सीमा सिंह , सुश्री रश्मि जैन , सुश्री राधा शर्मा और अनेक प्रबुद्ध
कवि - कवित्रियों /साहित्यकारों/मित्रों/प्रियजनों की ऊर्जामय उपस्तिथि ने समारोह को एक उच्चस्तरीय गरिमा प्रधान
की। उनकी उपस्तिथि को में नमन करता हूँ।
समयाभाव के कारण आमंत्रित कविमित्रों
का काव्यपाठ नहीं हो सका जिसका मुझको बेहद खेद है। इस लोकार्पण की कुछ यादगार पल छाया चित्रों द्वारा
आपके समक्ष हैं। हार्दिक धन्यवाद राहुल जी
चित्रों को प्रेषित करने के लिए। हार्दिक आभार
' बस एक निर्झरणी भावनाओं की ' के प्रकाशक हिंदुस्तानी भाषा अकादमी और श्री सुधाकर
पाठक जी का। सप्रेम।
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