चतुष्पदी (Quatrain)-24
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नारी जन्म पर तिरस्कार क्यूं ?
नारी को नर केवल स्वीकार क्यूं ?
नारी से नर को जन्म है मिला
नारी का फिर बहिष्कार क्यों ?
Naari jnm pr triskaar kyun ?
Naari ko nar kewal sweekar kyun ?
naari se nar ko jnm hai mila
naari kaa phir bahishkaar kyun ?
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
picture curtsy Google.com (Naari images)
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नारी जन्म पर तिरस्कार क्यूं ?
नारी को नर केवल स्वीकार क्यूं ?
नारी से नर को जन्म है मिला
नारी का फिर बहिष्कार क्यों ?
Naari jnm pr triskaar kyun ?
Naari ko nar kewal sweekar kyun ?
naari se nar ko jnm hai mila
naari kaa phir bahishkaar kyun ?
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सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
picture curtsy Google.com (Naari images)
Rahul Balboa
ReplyDeleteApril 12 at 10:22pm
बहोत ख़ूब साहब...
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Manoj Kamdev Sharma
April 12 at 9:55pm
nice sir
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गुप्ता कुमार सुशील
April 12 at 6:58pm
चिंतनीय विषय पर सार्थक प्रकाश डालती उत्तम रचना आदरणीय
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Hari Lakhera
April 12 at 7:17pm
Kyun ? kyun ? kyun????????????????????????
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all comments via fb/TL
Sanjay Kumar Giri
ReplyDeleteनारी से नर को बल है मिला नारी का फिर बहिष्कार क्यों ? वाह वाह अति सुन्दर एवं सार्थक मुक्तक का सृजन हुआ है आदरणीय सादर नमन
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लव कुमार 'प्रणय'
वाह वाह्ह्ह्
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मुरारि पचलंगिया
बहुत शानदार रचना प्रस्तुत की है आपने बन्धुवर
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Mona Singh
वाह्ह्ह्ह्ह् वाह्ह्हब अति सुंदर आदरणीय
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Chanchlesh Shakya
वाह्ह्ह्ह्ह वाह्ह्ह्ह्ह वेहतरीन
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Pradeep Sharma
बहुत सुन्दर आदरणीय
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Milan Singh
वाहहहहह।बहुत सुंदर ।
Sangita Goel
बहुत सुन्दर मुक्तक वाहहह वाह्ह्ह्ह्ह्
============================= via fb/ YUSM
वसुधा कनुप्रिया
ReplyDeleteसामयिक और सार्थक सृजन, आदरणीय कौल सा'ब । विडंबना यह है कि बहुत सी माँऐं भी कन्या को जन्म देकर दुखी होती हैं!
------------------------------via fb/ Purple Pen
Aparna Pathak
ReplyDeleteThoughtful
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Mao Jay
Lovely
---------------via fb/Kaffia
Parveen Sethi
ReplyDeleteबिलकुल सच !
------via fb/PAU
via fb/Poets, Artists Unplugged.
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Hitesh Lav 5:36pm Apr 13
ईश्वर को नर से ही प्यार क्यों
तो नारी का आविषकार क्यों l
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Jatinder Singh Bhogal 3:30pm Apr 13
I remember one essay during my school days...." Ek nahi do-do matraayen, Nar se bhad kar Naari"
ReplyDeleteShipra Shilpi वाह्ह्ह्ह् वाह्ह्ह्ह्
अत्यंत सुन्दर ,सार्थक ,उत्कृष्ट भावपूर्ण सृजन के लिए असीम शुभकामनाये आपको
हार्दिक बधाई
सादर नमन
April 13 at 8:51pm
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Rajesh Pathak
वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्...बहुत खूब
April 13 at 9:03pm
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Upendra Dwivedi
अप्रतिम ! वाह
April 13 at 9:58pm
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एक लेखक विवेक चौहान
वह्ह्ह्ह्ह् वह्ह्ह्ह्ह् वह्ह्ह्ह्ह् अति सुन्दर
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चंद्रकांता सिवाल
अतिसुन्दर आदरणीय नमन
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Om Prakash Shukla
सत्य है सर
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Ramkishore Upadhyay
सार्थक और चेतना को जागृत करता सृजन
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via fb/YUSM