दोहे (Dohe)
:- मात्राभार सम :- ४+४+३+२ विषम :- ४+४+३
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जल बिन तरसे है मनुज , सूखा देखत रोय
नदिया श्रापित हो गई , काटे हैं जो बोय !
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जल जल जल कह सब मरे, संचित किया न कोय
जंगल पर्वत कट मरे , जागत अब के होय ?
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सर्वाधिकार सुरक्षित/ त्रिभवन कौल/ २०-०४-२०१६
jal bin tarse hai manuj , sookha dekhat
roy
ndiya shrapit ho gayi, kaate hain jo boy !
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jal jal jal kah sab mre, sanchit kiya n
koy
jungle parvat kat mre, jaagat ab ke hoy ?
-----------------------------------------------------------सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल
picture curtsy Google.com
Via fb/सूखा ( जल है तो कल है ).
ReplyDelete--------------------------------
Prince Mandawra 9:43pm Apr 20
बेहतरीन शानदार वाह्ह्ह ,
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प्रदीप शर्मा 8:46pm Apr 20
वआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् अनुपम
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ब्रह्माणी वीणा हिन्दी साहित्यकार 8:24pm Apr 20
अति सार्थक सृजन, ,,आदरणीय
Hari Lakhera
ReplyDeleteApril 21 at 4:26pm
Bahut sunder.
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डॉ किरण मिश्रा
April 21 at 6:44pm
बेहतरीन
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Deepak Goswami
April 21 at 7:04pm
बहुत बहुत सुंदर दोहे
---------------------via fb/TL
Dogendra Singh Thakur
ReplyDeleteवाहह्ह्ह् सर..सार्थक सृजन💐💐
April 20 at 8:27pm
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Chanchlesh Shakya
वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बेहतरीन सृजन आदरणीय सादर नमन।
April 20 at 11:40pm
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Kanti Shukla
वाह अनुपम और सार्थक
April 20 at 11:48pm
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Mahatam Mishra
अति सुंदर दोहे आदरणीय
April 21 at 12:03am
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Parmeshwar Vaishnav
बहुत सुंदर दोहे बधाई हो आदरणीय
April 21 at 4:35pm
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Sharda Madra
वाह्ह्ह्ह्ह् अति सुंदर दोहे।
April 21 at 4:44pm
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Ramkishore Upadhyay
अति उत्तम
April 21 at 5:21pm
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Mona Singh वाह्ह्ह्ह् अति सुंदर आदरणीय
April 21 at 10:41pm
------------------------------------------------via/fb/'युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच'
ब्रह्माणी वीणा हिन्दी साहित्यकार 10:50am Apr 25
ReplyDeleteआदरणीय ,,,सत्यम शिवम सुंदरम
---------------------------via fb/Jal hai to kal hai
via fb/Purple Pen.
ReplyDeleteनीलोफ़र नीलू
April 26 at 7:52am
Waah! Bahut khoob janab Tribhawan Kaul ji