Monday 13 October 2014

माना की काँटों का ताज है जीवन,




माना की काँटों का ताज है जीवन,जीवन कोई गुलाब नहीं
मेहनत मश्शकत मांगे है जीवन, जीवन कोई ख़्वाब नहीं
दुख मिला है तो दुखी न हो,खुशियां मिली तो मना ख़ुशी
घटा के बाद जो सूरज दिखे, उसका भी कोई जवाब नहीं.
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सर्वाधिकार सुरक्षित/ त्रिभवन कौल

9 comments:

  1. Deepak Shukla 12:40pm Oct 13
    दुख मिला है तो दुखी न हो,खुशियां मिली तो मना ख़ुशी
    घटा के बाद जो सूरज दिखे, उसका भी कोई जवाब नहीं.......अद्भुत पंक्तियाँ !! दिल को छू गयीं आदरणीय !! सादर नमन ! :)

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  2. डॉ॰ सुरेश सारस्वत 12:36pm Oct 13
    बेहतरीन अभिव्यक्ति उनवान को चरितार्थ करता हुआ मुक्तक, नमन

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  3. Shipra Shilpi 12:28pm Oct 13
    बहुत सुन्दर सर

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  4. Mahavir Singh 12:27pm Oct 13
    वाह्ह्ह ! जीवन जीने की सुंदर सीख देता सार्थक सृजन

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  5. Prithviraj Singh 12:58pm Oct 13
    माना की काँटों का ताज है जीवन,जीवन कोई गुलाब नहीं
    मेहनत मश्शकत मांगे है जीवन, जीवन कोई ख़्वाब नहीं
    दुख मिला है तो दुखी न हो,खुशियां मिली तो मना ख़ुशी
    घटा के बाद जो सूरज दिखे, उसका भी कोई जवाब नहीं,,,,,,,,, वाहहह,, अति सुन्दर,, लेखन को नमन !!

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  6. Asha Khatri 12:55pm Oct 13
    अति सुंदर
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    Surenderpal Vaidya 12:45pm Oct 13
    बहुत सुन्दर भावपूर्ण मुक्तक।
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    Ashwani Kumar 12:44pm Oct 13
    वाहह्ह्ह्ह .. बहुत खूब

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  7. Pushpa Patel 5:06pm Oct 13
    बहुत खूब
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    Alok Mittal 2:14pm Oct 13
    शानदार ......बहुत सुंदर मुक्तक
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    Shashi Bhatnagar 1:54pm Oct 13
    अति सुन्दर
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    Kalyani Jha 1:00pm Oct 13
    shi bat hain,bahut khub

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  8. Pawan Batra 5:56pm Oct 13
    आदरणीय वाह बहुत सुन्दर
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    Pushpa Patel 5:06pm Oct 13
    बहुत खूब
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    Alok Mittal 2:14pm Oct 13
    शानदार ......बहुत सुंदर मुक्तक

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  9. Manoj Kumar 7:32pm Oct 13
    वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
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    Radheshyam Shrivastava 5:49pm Oct 14
    बहुत सुंदर मर्मस्पर्शी ,सारगर्भित मुक्तक के लिये बधाई कौल साहब !!
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    Chandrakanta Agnihotri 5:39pm Oct 14
    वाह वाहह्ह्ह|
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