११ फरवरी २०१८ को ट्रू मीडिया द्वारा युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के तत्वाधान
में डॉ. देवनारायण शर्मा जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केन्द्रित 'ट्रू मीडिया' पत्रिका का
लोकार्पण के साथ साथ युवा उत्कर्ष
साहित्यिक मंच के संरक्षक एवं प्रबुद्ध
साहित्यकार .प्रो विश्वम्भर शुक्ल जी , (लखनऊ ) द्वारा रचित् पुस्तक "उम्र जैसे नदी हो
गई" (गीतिका संग्रह )एवं श्री जगदीश शर्मा शेषी,( हरिद्वार) द्वारा लिखी पुस्तक "वर्ण पिरामिड छंद पर
काव्य संग्रह" का भी विमोचन हुआ ! इस सुंदर आयोजन का मैं भी साक्षी बना। इस दौरान मुझको हिंदी के प्रतिष्ठित साहित्यकार
आचार्य श्री संजीव वर्मा सलिल ( महान कवियत्री महादेवी वर्मा के भतीजे ) से भेंट
और वार्तालाप करने का सुअवसर मिला। क्षण भर में कविता की रचना करना तो कोई उनसे
सीखे। मैंने उनको अपनी कुछ पुस्तकें भेंट की तो उन्होंने मुझे अपनी गीत -नवगीत काव्यसंग्रह ' काल संक्रांति का ' को प्रसाद स्वरूप
मेरे हाथों में रख दिया कुछ इस तरह से :-
कौल है नवगीत का ,
यह पीर त्रिभवन की कहेगा
'सलिल' सम यह नर्मदा
का
नीर पावन हो बहेगा।
हार्दिक आभार आदरणीय 'सलिल जी।
आयोजन में प्रसिद्द भोजपुरी कवि श्री गोरखप्रसाद मस्ताना जी और
मिजोरम से आए मिजोरम यूनिवर्सिटी में हिंदी के प्राध्यापक श्री सुशील कुमार
शर्मा जी का भी अल्प समय के लिए सुखद सानिध्य प्राप्त हुआ।
आयोजन की विशेषता गीत-नवगीत और गीतिका के विषय में आचार्य श्री संजीव वर्मा
सलिल जी ,
श्री गोरखप्रसाद मस्ताना जी और प्रो विश्वम्भर शुक्ल जी
द्वारा की गयी चर्चा अति ज्ञानवर्दक रही। श्री
सुशील कुमार शर्मा जी ने मिजोरम की
सभ्यता एवं संस्कृति के विषय में अपने अनुभव भी से साँझा किये।
पूर्ण आयोजन का शानदार संचालन प्रख्यात टीवी और मंचीय कवि श्री विनय शुक्ल
विनम्र जी ने अपने ही लाजबाब अंदाज में किया।आमंत्रित कवि गणो ने
अपने काव्य पाठ से श्रोताओं का मन मोह
लिया। ट्रू मीडिया और युवा उत्कर्ष मंच को हार्दिक बधाई। उस आयोजन के प्राप्त
चित्र आप सभी मित्रों के समक्ष प्रस्तुत है जो कवि मित्र सुश्री वसुधा कनुप्रिया
जी , सर्वश्री संजय कुमार गिरी जी , ऐ एस खान जी और जगदीश मीणा जी के सौजन्य से प्राप्त हुए
हैं। सप्रेम।
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