हर दर्द,
अंतरमन का
एक आइना है
जितना छुपाओ
उतना ही दिखाई देता है
इसको समेटे रखना भी फिजूल है
इन्सान को जला कर राख कर देता है.
har dard
antrman kaa
ek aaina hai
jitna chupauo
utna hee dikhayi deta hai
isko samete rakhna bhi phizool hai
insaan ko jala kar rakh kar deta hai
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सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल
अंतरमन का
एक आइना है
जितना छुपाओ
उतना ही दिखाई देता है
इसको समेटे रखना भी फिजूल है
इन्सान को जला कर राख कर देता है.
har dard
antrman kaa
ek aaina hai
jitna chupauo
utna hee dikhayi deta hai
isko samete rakhna bhi phizool hai
insaan ko jala kar rakh kar deta hai
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सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल
via fb/Kaafiya.
ReplyDeleteVin Singh 8:56am Jan 5
सुंदर
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Ramesh Pathania 11:32pm Jan 4
Bahut khoob sir
via fb/Purple Pen.
ReplyDeleteवसुधा कनुप्रिया 5:37am Jan 5
बहुत ख़ूब, आदरणीय कौल सा'ब
via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच.
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गुप्ता कुमार सुशील 2:07am Jan 5
सुन्दरतम अभिव्यक्ति के लिए बधाई स्वीकारें आदरणीय
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Sangita Goel 12:17am Jan 5
बहुत ही सुंदर भाव आदरणीय
via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच.
ReplyDelete-----------------------------
Kamini Golwalkar 10:52pm Jan 4
बहुत खूब! आदरणीय सर जी
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Ramkishore Upadhyay 10:47pm Jan 4
बहुत सुंदर रचना
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Ramkishore Upadhyay 10:47pm Jan 4
सच ,,मन केदर्पण मेंसदा सत्य ही दिखाई देता है..
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वसुधा कनुप्रिया 10:23pm Jan 4
बहुत ख़ूब! जितना छुपाओ, उतना ही दिखाई देता है .....
via fb/Kaafiya.
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Aparna Pathak 4:49pm Jan 5
Khoobsurat
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Neha R. Krishna 12:16am Jan 6
Beautiful write sir...